सुलतानपुर: एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार पर नकेल कसने और अपराधियों पर बुलडोजर कार्रवाई में जुटे हैं तो वही दूसरी तरफ सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में भ्रष्टाचार का घुन लग गया है. सुलतानपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत विवाहित महिलाओं को भी योजना का लाभ दे दिया गया. इसके बदले उनसे 10-10 हजार रुपये तक वसूले गए. अधिकारी जांच कराने व मामला सही पाए जाने पर धनराशि की वसूली की बात कह रहे हैं. अधिकारी भी जांच पर नजर रखे हुए हैं. ऐसे में बड़ी कार्रवाई भी हो सकती है.
मुख्यमंत्री सामूूहिक विवाह योजना के तहत 11 जुलाई को बल्दीराय विकास खंड में 81 और 12 जुलाई को कुड़वार ब्लॉक में 67 जोड़ों की शादी कराई गई. इन दोनों आयोजनों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा प्रकाश में आया है. बल्दीराय के महुली गांव की सरिता पत्नी राजू की शादी करीब आठ साल पहले हुई थी. इनके दो बेटे हैं. बड़े बेटे की उम्र करीब पांच साल व छोटे की करीब सात माह है.
उन्होंने बताया कि 12 जुलाई को कुड़वार में उनकी शादी पति से ही कराई गई. महुली निवासी भगेलू की पुत्री शांति की शादी पांच साल पहले उमरा गांव में हुई थी. शांति ने बताया कि उन्हें एक साल का बेटा है. 12 जुलाई को कुड़वार में उनकी शादी करा दी गई. सरिता व शांति ननद-भौजाई हैं.
भखरी निवासी दुखछोर की बेटी ऋतु की शादी गौरापरानी गांव में हुई है. 11 जुलाई को उनकी शादी फिर उन्हीं के पति से बल्दीराय में करा दी गई. बल्दीराय के महुली गांव निवासी रामावती ने बताया कि उनकी बेटी उमा की शादी दो साल पहले बल्दीराय में कराई थी. 12 जुलाई को फिर उसी की शादी कुड़वार ब्लॉक में करा दी गई. उनकी बेटी को अभी तक पैसा नहीं मिला है.
इसी तरह 42 वर्षीया गुड़िया पुत्री श्रीराम निवासी महुली, इसी गांव की 38 वर्षीया क्रांति पुत्री श्रीप्रसाद, 32 वर्षीया मंजू पुत्री शोभनाथ की शादी भी कराई है. शादी कराने वाली महिलाओं ने दिए अपने ऑडियो व वीडियो बयान में स्वीकारा है कि शादी कराकर लाभान्वित करने के लिए उनसे 10-10 हजार रुपये लिए गए हैं.
धनराशि लेने वाली कंचन नाम की महिला ने ऊपर तक के लोगों को पैसा देने की वजह बताते हुए वसूली की है. जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित सिंह दावा करते हैं कि शादी का आवेदन ऑनलाइन होता है और उसकी जांच खंड विकास अधिकारियों की ओर से पंचायत सचिवों से कराई जाती है.
सत्यापित रिपोर्ट बीडीओ की मिलने के बाद ही शादी कराई जाती है. जो प्रकरण सामने आ रहे हैं, उनकी जांच करवाई जाएगी, लेकिन सवाल ये उठता है कि समाजकल्याण अधिकारी क्या कर रहे थे. अब तक उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई.
बताया जाता है कि एक माननीय का हाथ उनके सिर पर है, बहरहाल मामला संगीन होता देख जिले के आलाधिकारियों के हाथ पांव फूल गए. मामले की गंभीरता को समझते हुए जिलाधिकारी कृत्तिका ज्योत्स्ना ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सामुहिक विवाह योजना में हुई लूटकांड में संलिप्त सचिव को सस्पेंड, एडीओ के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश के साथ ही उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर दी है. बहरहाल कार्रवाई तो हुई लेकिन बड़ी मछलियों पर अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. आगे अभी इसमें और भ्रष्टाचार सामने आएंगे.
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