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आकाश भैरव के रूप में प्रकट हुए बाबा भूतनाथ, दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 22, 2024, 10:00 PM IST

Updated : Feb 22, 2024, 10:35 PM IST

Chhoti Kashi Mandi Baba Bhootnath shringar: छोटी काशी मंडी में आकाश भैरव के रूप में बाबा भूतनाथ प्रकट हुए. इस दौरान बाबा भूतनाथ के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी. पढ़िए पूरी खबर...

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आकाश भैरव के रूप में प्रकट हुए बाबा भूतनाथ
बाबा भूतनाथ के दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

मंडी: छोटी काशी मंडी में 8 फरवरी तारा रात्रि से बाबा भूतनाथ के श्रृंगार की रस्में में लगातार जारी है. माखन रूपी श्रृंगार के 14वें दिन बाबा भूतनाथ का नेपाल के काठमांडू स्थित आकाश भैरव के रूप में श्रृंगार किया गया. यह मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है. मान्यता है कि मंदिर का निर्माण करीब 3500 साल पहले किया गया है.

मान्यता है कि आकाश भैरव का सर कई सौ साल पहले काठमांडू में खोदा गया था. आकाश भैरव को स्वयं किराती राजा यलंबर कहा जाता है. किंवदंती के अनुसार यलंबर इस राष्ट्र की स्थापना करने वाले पहले राजा थे और यहां तक ​​कि पूर्व में तिस्ता और पश्चिम में त्रिशूली तक भी विस्तारित थे. ऐसा माना जाता है कि उन्होंने तांत्रिक पूजा के माध्यम से शक्तियों को प्राप्त किया था.

महाभारत के प्रसिद्ध युद्ध के दौरान किरात वंश के पहले राजा यलंबर भैरव के भेष में हारने वाले दल की मदद के लिए युद्ध के मैदान में गए थे. इनका एक इतिहास राजस्थान के खाटू श्याम बर्बरीक के साथ भी जोड़ा जाता है. नेपाल के काठमांडू में स्थित आकाश भैरव के मंदिर में भी सिर की ही पूजा की जाती है.

बता दें कि मंडी शहर के अधिष्ठाता बाबा भूतनाथ को माखन लेप चढ़ाने की परंपरा का इतिहास सदियों पुराना है. मान्यता है कि मक्खन चढ़ाने की परंपरा 1527 ई. से मंडी नगर की स्थापना से चली आ रही है. इस बार शिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाएगी.

शिवरात्रि से ठीक एक माह पहले बाबा भूतनाथ मठ मंदिर में घृत मंडल श्रृंगार की रस्में शुरू हो जाती हैं. इस दौरान 1 महीने तक बाबा भूतनाथ का देश-विदेश के प्रमुख शिवालयों व मंदिरों के रूप में श्रृंगार किया जाता है और इस दौरान बाबा का जलाभिषेक नहीं किया जाता है.

ये भी पढ़ें: छोटी काशी मंडी में महाशिवरात्रि की तैयारियां शुरू, 9 दिनों में 1 क्विंटल मक्खन से बाबा भूतनाथ का श्रृंगार

बाबा भूतनाथ के दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

मंडी: छोटी काशी मंडी में 8 फरवरी तारा रात्रि से बाबा भूतनाथ के श्रृंगार की रस्में में लगातार जारी है. माखन रूपी श्रृंगार के 14वें दिन बाबा भूतनाथ का नेपाल के काठमांडू स्थित आकाश भैरव के रूप में श्रृंगार किया गया. यह मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है. मान्यता है कि मंदिर का निर्माण करीब 3500 साल पहले किया गया है.

मान्यता है कि आकाश भैरव का सर कई सौ साल पहले काठमांडू में खोदा गया था. आकाश भैरव को स्वयं किराती राजा यलंबर कहा जाता है. किंवदंती के अनुसार यलंबर इस राष्ट्र की स्थापना करने वाले पहले राजा थे और यहां तक ​​कि पूर्व में तिस्ता और पश्चिम में त्रिशूली तक भी विस्तारित थे. ऐसा माना जाता है कि उन्होंने तांत्रिक पूजा के माध्यम से शक्तियों को प्राप्त किया था.

महाभारत के प्रसिद्ध युद्ध के दौरान किरात वंश के पहले राजा यलंबर भैरव के भेष में हारने वाले दल की मदद के लिए युद्ध के मैदान में गए थे. इनका एक इतिहास राजस्थान के खाटू श्याम बर्बरीक के साथ भी जोड़ा जाता है. नेपाल के काठमांडू में स्थित आकाश भैरव के मंदिर में भी सिर की ही पूजा की जाती है.

बता दें कि मंडी शहर के अधिष्ठाता बाबा भूतनाथ को माखन लेप चढ़ाने की परंपरा का इतिहास सदियों पुराना है. मान्यता है कि मक्खन चढ़ाने की परंपरा 1527 ई. से मंडी नगर की स्थापना से चली आ रही है. इस बार शिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाएगी.

शिवरात्रि से ठीक एक माह पहले बाबा भूतनाथ मठ मंदिर में घृत मंडल श्रृंगार की रस्में शुरू हो जाती हैं. इस दौरान 1 महीने तक बाबा भूतनाथ का देश-विदेश के प्रमुख शिवालयों व मंदिरों के रूप में श्रृंगार किया जाता है और इस दौरान बाबा का जलाभिषेक नहीं किया जाता है.

ये भी पढ़ें: छोटी काशी मंडी में महाशिवरात्रि की तैयारियां शुरू, 9 दिनों में 1 क्विंटल मक्खन से बाबा भूतनाथ का श्रृंगार

Last Updated : Feb 22, 2024, 10:35 PM IST
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