छिंदवाड़ा। जो सामान घर में उपयोग ना हो तो वह कबाड़ में तब्दील हो जाता है. इसके बाद उसे ऐसे ही बाहर फेंक दिया जाता है. अगर यही कबाड़ आपकी सेहत बनाने का काम करने के साथ ही गांव और शहर की सुंदरता में चार चांद लगा दे तो यह अपने आपमें चर्चा का विषय बन जाता है. कुछ ऐसा ही किया है आदिवासी ग्राम पंचायत बरेलीपार के लोगों ने.
कबाड़ से बनाया पार्क, गांव की सुंदरता बढ़ी
कबाड़ का कैसे सदुपयोग हो सकता है, ये बता दिया है जुन्नारदेव जनपद पंचायत के बरेलीपार गांव के ग्रामीणों ने. खेतों में उपयोग होने वाले औजारों सहित घर की खराब वस्तुओं का उपयोग कर ग्रामीणों ने ऐसा काम किया कि जो भी देखता है तो दंग रह जाता है. कबाड़ से ग्रामीणों ने स्वच्छता पार्क बनाने के साथ ही हेलीकॉप्टर तक बना दिया. कबाड़ का इस्तेमाल कर ग्रामीणों ने अपने गांव को संदर बना दिया है. गांव में अब तक एक भी पार्क नहीं था. कबाड़ के जुगाड़ से ग्रामीणों ने सुंदर पार्क का निर्माण किया तो लोगों की सेहत बनाने में भी कारगर साबित हो रहा है.
जिला प्रशासन ने की ग्रामीणों की सराहना
कबाड़ से बनाए गए पार्क में सुबह-शाम गांव के बुजुर्ग टहलते हैं तो युवा व्यायाम करते हैं. बच्चों के लिए मनोरंजन का साधन भी बन गया है ये पार्क. इस मामले में कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने बताया "ग्राम पंचायत बरेलीपार में एक अनूठी पहल के तहत स्वच्छता पार्क का निर्माण किया गया है. परियोजना को ग्राम सरपंच के विशेष प्रयासों से सफलतापूर्वक साकार किया गया. स्वच्छता को बढ़ावा देने और ग्रामवासियों को जागरूक करने के उद्देश्य से यह पार्क विकसित किया गया है. जिसमें कबाड़ से उपयोगी वस्तुओं का निर्माण कर सुंदर और आकर्षक पार्क तैयार किया गया है."
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कबाड़ से जुगाड़ का बेहतरीन उदाहरण पेश किया
कलेक्टर का कहना है कि इस पहल में पुराने और बेकार पड़ी वस्तुओं का रचनात्मक उपयोग किया गया, जिससे न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया, बल्कि 'कबाड़ से जुगाड़' का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया गया है. स्वच्छता पार्क में कबाड़ से बनाई गई विभिन्न सजावटी वस्तुएं, आरामदायक बैठने की व्यवस्थाएं और स्वच्छता से संबंधित शिल्पकला का समावेश किया गया है. इसके माध्यम से ग्रामवासियों को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को प्रभावी ढंग से समझाने का प्रयास किया गया है.