Mohan Govt Tablet Education Plan: मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले और वे ज्ञान के मामले में पीछे न रहे. इसके लिए सरकार कई जतन कर रही है. वहीं स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ाया जा सके, इसके लिए पिछले सत्र से लगातार शिक्षकों को टैबलेट उपलब्ध कराए गए हैं. जिससे लर्निंग वीडियो के जरिए पढ़ाई हो सके, लेकिन शिक्षा विभाग ने जिन शिक्षकों को यह टैबलेट उपलब्ध कराए हैं. ऐसा आरोप है कि इसका उपयोग पढ़ाई कराने के लिए नहीं हो रहा है. इस बात का खुलासा शिक्षा विभाग की रिपोर्ट में हुआ है.
उपयोग नहीं हो रहे टैबलेट
नेशनल अचीवमेंट सर्वे प्रभारी द्वारा जारी हुई रिपोर्ट में बताया गया है कि संस्थाओं के शिक्षकों द्वारा टैबलेट का प्रयोग नहीं किया जा रहा है. इस पर विभागीय अधिकारियों ने अब नाराजगी जताई है. अलमारी में बंद इन टैबलेट का उपयोग लर्निंग वीडियो सहित अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में कराए जाने के लिए कहा है. इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से जिम्मेदारी बीआरसी, जनशिक्षकों को सौंपी गई है. जिन्हें संस्थाओं की रिपोर्ट हर सप्ताह सौंपना होगा. इसके लिए यह तय करना होगा कि हर हाल में 100 छात्रों एवं विद्यालय की शत-प्रतिशत सहभागिता रहे.
अब बदली व्यवस्था देना होगा हिसाब
जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल सिंह बघेल ने बताया कि 'प्रत्येक संस्था में शिक्षक हर सप्ताह में आने वाले प्रश्नों का एक रजिस्टर बनाकर उसमें पंजीबद्ध करते हुए एलईडी, टैबलेट, मोबाइल के माध्यम से छात्रों को सामूहिक अभ्यास कराना होगा. जिला विकासखंड द्वारा जारी हाईस्पीड कैप्सूल वीडियो को विद्यालय में दिखाना होगा. हर सप्ताह शनिवार को नई प्रश्न श्रृंखला के सभी वीडियो शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए टैबलेट के माध्यम से समूह बनाकर वीडियो के जरिए प्रश्न बोर्ड में हल कराए जाएंगे.'
अधिकारी करेंगे ऑनलाइन निगरानी
नेशनल अचीवमेंट सर्वे की तैयारी के लिए हर दिन राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जारी ओलंपियाड प्रश्न बैंक को हल करने की समय सारणी के अनुसार पढ़ाना होगा. शिक्षा विभाग ही नहीं अन्य विभागों के अधिकारी वीडियो कॉल से निगरानी करेंगे. स्कूलों में शैक्षणिक स्तर को सुधारने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अलावा कलेक्टर, सीईओ सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी निगरानी करेंगे. इसके लिए 3 अक्टूबर यानि आज से जिले के अधिकारियों द्वारा ऑनलाइन वीडियो कॉलिंग निरीक्षण शुरू किया है. स्कूलों में वीडियो कॉलिंग के दौरान संबंधित विषयों के अलावा छात्रों से भी बात करेंगे. इस दौरान शिक्षक वीडियो कॉलिंग के जरिए शिक्षकों से भी जानकारी ली जाएगी. इसके अलावा गुणवत्ता के आधार पर विद्यालयों की रैंकिंग तय की जाएगी.
15 दिनों में पढ़ने योग्य बन जाए विद्यार्थी
शैक्षणिक स्तर को सुधारने के लिए एक बार फिर अल्टीमेटम मिला है. एफएलएन अंतर्गत निर्धारित दक्षता अनुसार कक्षा एक से तीन तक निर्धारित गति में पढ़ने-लिखने की जबावदारी सौंपी गई है. इसके लिए शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. यहां पर लर्निंग मैथड के अनुसार प्रति सप्ताह इन छात्रों को कठिनाईयों का सूचीबद्ध करते हुए उसे हल कराना होगा. इसके लिए 15 दिन में अनिवार्य रुप से पठन एवं पाठन योग्य बनाए जाने तैयार किया जा रहा है.
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इनका कहना है
जिला शिक्षा केंद्र के अधिकारी जेके इड़पाची स्कूलों में शैक्षणिक स्तर को सुधारने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है. यहां पर जनशिक्षक, बीआरसी निरीक्षण करेंगे. टैबलेट के जरिए आने वाले लर्निंग मटेरियल से पढ़ाने के लिए कहा गया है.