छिंदवाड़ा: आदिवासी विकासखंड अमरवाड़ा के डूंगरिया रैय्यत के सरकारी स्कूल में कलेक्टर खुद टीचर बनकर पहुंचे. स्कूल में कलेक्टर को देख सभी टीचर सख्ते में आ गए. इतना ही नहीं कलेक्टर के पहुंचने से स्कूल के शिक्षा के हालातों की पोल खुली. इस स्कूल के सातवीं में पढ़ने वाले बच्चों को हिंदी भी पढ़ना नहीं आ रहा था. जब कलेक्टर ने देखा कि बच्चों को पढ़ना भी नहीं आ रहा है, तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए टीचर का इंक्रीमेंट रोक दिया.
कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने शनिवार को विकासखंड अमरवाड़ा के एकीकृत शासकीय नवीन माध्यमिक शाला डुंगरियारैयत में औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्कूल की शैक्षणिक गुणवत्ता का जायजा लिया. कलेक्टर ने बच्चों से हिंदी की पुस्तक पढ़ने को कहा तो बच्चे हिंदी ठीक से नहीं पढ़ पाए. इसके बाद कलेक्टर ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए संबंधित माध्यमिक शिक्षक राजकुमार डहेरिया के दो वेतन वृद्धि व प्राथमिक शिक्षक ज्ञानदास इनवाती की एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने के निर्देश दिए.
तकनीक से कराएं पढ़ाई गलती नहीं होगी बर्दाश्त
कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने स्कूल प्रशासन को निर्देशित किया कि वे शिक्षण में सुधार के लिए नई रणनीतियां अपनाएं. बच्चों के बौद्धिक और शैक्षणिक विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए. इसके साथ ही शिक्षकों से कहा गया कि वे बच्चों की मूलभूत क्षमताओं को विकसित करने के लिए जिम्मेदारी से काम करें.
- नर्मदापुरम में होगा इन्वेस्टर समिट, मंत्री राकेश सिंह ने तैयारियों का लिया जायजा
- घरों की कुंडी खटखटाई, दरवाजे पर कलेक्टर को खड़ा देखा तो दंग रह गए ग्रामीण
सड़क बनाने में लेटलतीफी पर ठेकेदार होगा ब्लैक लिस्टेड
कलेक्टर ने अमरवाड़ा में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन सड़कों और पुलों का निरीक्षण किया गया. इस दौरान उन्होंने पलटवाड़ा से सिंगोड़ी और अमरवाड़ा चौरई रोड़ से घुघरलाखुर्द सड़क परियोजनाओं की प्रगति का जायजा लिया. तय समय सीमा में काम पूरा न होने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और संबंधित ठेकेदारों को जल्द से जल्द काम पूरा करने के निर्देश दिए. साथ ही चेतावनी दी कि यदि काम में देरी जारी रही तो ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई की जाएगी.