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नकुलनाथ, दिग्विजय को हरा इतिहास रचने वाले 2 बीजेपी सांसद हुए ठन ठन गोपाल! कौन देगा इनाम? - Madhya Pradesh History Maker BJP Leaders

मोदी मंत्रिमंडल में मध्यप्रदेश से 5 मंत्री बनाए गए हैं. लेकिन कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस नेताओं को चित करने वाले छिंदवाड़ा के विवेक बंटी साहू व रोडमल नागर के हाथ खाली ही रहे. ये दोनों नेता मंत्री बनने से क्यों वंचित रहे, इनके सामने अब क्या अवसर हैं, क्या दोनों को पार्टी संगठन में अहम जिम्मेदारी मिलेगी, आइए जानते हैं पूरा सियासी परिदृश्य.

Modi Cabinet Ministers MP Leaders
दिग्गजों को हराने वाले भाजपा के धुरंधर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 10, 2024, 7:04 PM IST

भोपाल। केंद्र में मोदी सरकार तीसरी बार गठित हो चुकी है. मध्यप्रदेश में लोकसभा की सभी 29 सीटें जीतकर बीजेपी ने इतिहास रचा. खास बात ये है कि बीजेपी ने कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा को भी अपने कब्जे में किया. वहीं, दिग्विजय सिंह को भी करारी हार का सामना करना पड़ा. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में मध्यप्रदेश से 5 लोगों को जगह मिली है. शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीरेंद्र कुमार के साथ ही 2 और सांसदों को मंत्री बनने का अवसर मिला है. मध्यप्रदेश जैसी सफलता बीजेपी को किसी और राज्य में नहीं मिली. इसे देखते हुए मंत्रियों की ये संख्या कम लगती है.

रोडमल नागर तीसरी बार बने सांसद

मध्यप्रदेश के लोकसभा चुनाव रिजल्ट का बड़ा हाइलाइट्स यही है कि बीजेपी ने सभी जीती लीं. लेकिन कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा और दिग्विजय सिंह के गढ़ राजगढ़ को बीजेपी ध्वस्त कर देगी, इसमें किंतु-परंतु जैसे अनेक सवाल उठ रहे थे. फील्ड में भी ऐसा दिख रहा था कि इन दो सीटों पर कांग्रेस मजबूत है. लेकन सारे अनुमानों को धता बताते हुए बीजेपी ने इन दोनों सीटों पर विजय पताका फहराया. राजगढ़ से दिग्विजय सिंह को बीजेपी के रोडमल नागर ने परास्त किया तो छिंदवाड़ा से नकुलनाथ को बीजेपी के विवेक बंटी साहू ने चारों खाने चित्त कर दिया. रोडमल नागर जहां तीसरी बार राजगढ़ से सांसद बने तो विवेक बंटी साहू को पहली सांसद बनने का मौका मिला.

रोडमल नागर व विवोक बंटी साहू के हाथ खाली

चुनाव के बाद ऐसा अक्सर होता है कि सत्तारूढ़ दल विपक्ष के बड़े नेता को हराने वाले सांसद को मंत्री पद से नवाजा जाता है. मध्यप्रदेश के दो बड़े किले ढहाने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि दिग्विजय सिंह को राजगढ़ से करीब डेढ़ लाख वोटों से हराने वाले रोडमल नागर को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देकर उपकृत किया जाएगा. लेकिन बताया जाता है कि रोडमल नागर को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर चर्चा तक नहीं हुई. जबकि रोडमल नागर का जातिगत समीकरण व उनके अनुभव को देखते हुए कई जानकारों का मानना था कि मोदी मंत्रिमंडल में रोडमल नागर को जगह मिल सकती है. भले ही उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री ही बनाया जाए.

छिंदवाड़ा व राजगढ़ में जीतने के बाद लगने लगे कयास

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में असंभव सी लगने वाली जीत बीजेपी ने हासिल की. यहां से कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को बीजेपी के विवेक बंटी साहू ने करीब एक लाख मतों से शिकस्त दी. इस हार के बाद कमलनाथ काफी आहत हुए. छिंदवाड़ा का किला ढहाने के बाद इस बात की चर्चा चल उठी कि विवेक बंटी साहू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. क्योंकि बंटी साहू यंग हैं और उन्होंने कमलनाथ जैसे मजबूत स्तंभ को ध्वस्त किया. बड़ी बात ये है यही विवेक बंटी साहू करीब 6 माह पहले विधानसभा चुनाव में कमलनाथ के सामने करारी शिकस्त झेल चुके हैं. लेकिन लोकसभा चुनाव में बंटी साहू ने जब कमाल दिखाया तो सभी लोग हैरान रह गए. 44 सालों के बाद आखिरकर कमलनाथ के गढ़ में बीजेपी सेंध लगाने में कामयाब हो गई.

रोडमल नागर व बंटी साहू को संगठन में मिलेगी जगह

राजनीतिक विश्लेषक केडी शर्मा कहते हैं "राजगढ़ लोकसभा सीट से इस बार रोडमल नागर को दिग्विजय सिंह से कड़ी चुनौती मिली थी. उन्होंने दिग्विजय सिंह को हराकर लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है. मोदी मंत्रिमंडल में उनके लिए जगह नहीं बन सकी. उम्मीद है कि पार्टी में उनकी भूमिका कहीं और तय हो. जहां तक छिंदवाड़ा से जीतने वाले बंटी साहू का सवाल है तो उन्होंने भले ही कांग्रेस का सबसे मजबूत किला ढहाया हो, लेकिन वे पहली बार के सांसद हैं और पार्टी में उन्हें संगठन में जिम्मेदारी मिल सकती है."

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नागर व बंटी साहू के बीजेपी में नंबर बढ़े

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार योगीराज योगेश कहते हैं "रोडमल नागर भले ही मंत्री नहीं बन पाए हों लेकिन दिग्विजय सिंह जैसे बड़े नेता को करारी शिकस्त देकर उन्होंने बीजेपी में अपने नंबर बढ़ा लिए हैं. नागर को संगठन में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है. या हो सकता है कि जब कैबिनेट का विस्तार हो तब उनके नाम पर विचार किया जाए. जहां तक छिंदवाड़ा से जीते विवेक बंटी साहू का सवाल है तो वे पहली बार सांसद बने हैं. इस जीत में बंटी साहू से ज्यादा योगदान प्रदेश बीजेपी के बड़े नेताओं का है. हालांकि जीत तो जीत होती है. बंटी साहू को पार्टी संगठन में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है."

भोपाल। केंद्र में मोदी सरकार तीसरी बार गठित हो चुकी है. मध्यप्रदेश में लोकसभा की सभी 29 सीटें जीतकर बीजेपी ने इतिहास रचा. खास बात ये है कि बीजेपी ने कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा को भी अपने कब्जे में किया. वहीं, दिग्विजय सिंह को भी करारी हार का सामना करना पड़ा. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में मध्यप्रदेश से 5 लोगों को जगह मिली है. शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीरेंद्र कुमार के साथ ही 2 और सांसदों को मंत्री बनने का अवसर मिला है. मध्यप्रदेश जैसी सफलता बीजेपी को किसी और राज्य में नहीं मिली. इसे देखते हुए मंत्रियों की ये संख्या कम लगती है.

रोडमल नागर तीसरी बार बने सांसद

मध्यप्रदेश के लोकसभा चुनाव रिजल्ट का बड़ा हाइलाइट्स यही है कि बीजेपी ने सभी जीती लीं. लेकिन कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा और दिग्विजय सिंह के गढ़ राजगढ़ को बीजेपी ध्वस्त कर देगी, इसमें किंतु-परंतु जैसे अनेक सवाल उठ रहे थे. फील्ड में भी ऐसा दिख रहा था कि इन दो सीटों पर कांग्रेस मजबूत है. लेकन सारे अनुमानों को धता बताते हुए बीजेपी ने इन दोनों सीटों पर विजय पताका फहराया. राजगढ़ से दिग्विजय सिंह को बीजेपी के रोडमल नागर ने परास्त किया तो छिंदवाड़ा से नकुलनाथ को बीजेपी के विवेक बंटी साहू ने चारों खाने चित्त कर दिया. रोडमल नागर जहां तीसरी बार राजगढ़ से सांसद बने तो विवेक बंटी साहू को पहली सांसद बनने का मौका मिला.

रोडमल नागर व विवोक बंटी साहू के हाथ खाली

चुनाव के बाद ऐसा अक्सर होता है कि सत्तारूढ़ दल विपक्ष के बड़े नेता को हराने वाले सांसद को मंत्री पद से नवाजा जाता है. मध्यप्रदेश के दो बड़े किले ढहाने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि दिग्विजय सिंह को राजगढ़ से करीब डेढ़ लाख वोटों से हराने वाले रोडमल नागर को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देकर उपकृत किया जाएगा. लेकिन बताया जाता है कि रोडमल नागर को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर चर्चा तक नहीं हुई. जबकि रोडमल नागर का जातिगत समीकरण व उनके अनुभव को देखते हुए कई जानकारों का मानना था कि मोदी मंत्रिमंडल में रोडमल नागर को जगह मिल सकती है. भले ही उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री ही बनाया जाए.

छिंदवाड़ा व राजगढ़ में जीतने के बाद लगने लगे कयास

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में असंभव सी लगने वाली जीत बीजेपी ने हासिल की. यहां से कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को बीजेपी के विवेक बंटी साहू ने करीब एक लाख मतों से शिकस्त दी. इस हार के बाद कमलनाथ काफी आहत हुए. छिंदवाड़ा का किला ढहाने के बाद इस बात की चर्चा चल उठी कि विवेक बंटी साहू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. क्योंकि बंटी साहू यंग हैं और उन्होंने कमलनाथ जैसे मजबूत स्तंभ को ध्वस्त किया. बड़ी बात ये है यही विवेक बंटी साहू करीब 6 माह पहले विधानसभा चुनाव में कमलनाथ के सामने करारी शिकस्त झेल चुके हैं. लेकिन लोकसभा चुनाव में बंटी साहू ने जब कमाल दिखाया तो सभी लोग हैरान रह गए. 44 सालों के बाद आखिरकर कमलनाथ के गढ़ में बीजेपी सेंध लगाने में कामयाब हो गई.

रोडमल नागर व बंटी साहू को संगठन में मिलेगी जगह

राजनीतिक विश्लेषक केडी शर्मा कहते हैं "राजगढ़ लोकसभा सीट से इस बार रोडमल नागर को दिग्विजय सिंह से कड़ी चुनौती मिली थी. उन्होंने दिग्विजय सिंह को हराकर लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है. मोदी मंत्रिमंडल में उनके लिए जगह नहीं बन सकी. उम्मीद है कि पार्टी में उनकी भूमिका कहीं और तय हो. जहां तक छिंदवाड़ा से जीतने वाले बंटी साहू का सवाल है तो उन्होंने भले ही कांग्रेस का सबसे मजबूत किला ढहाया हो, लेकिन वे पहली बार के सांसद हैं और पार्टी में उन्हें संगठन में जिम्मेदारी मिल सकती है."

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वहीं, वरिष्ठ पत्रकार योगीराज योगेश कहते हैं "रोडमल नागर भले ही मंत्री नहीं बन पाए हों लेकिन दिग्विजय सिंह जैसे बड़े नेता को करारी शिकस्त देकर उन्होंने बीजेपी में अपने नंबर बढ़ा लिए हैं. नागर को संगठन में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है. या हो सकता है कि जब कैबिनेट का विस्तार हो तब उनके नाम पर विचार किया जाए. जहां तक छिंदवाड़ा से जीते विवेक बंटी साहू का सवाल है तो वे पहली बार सांसद बने हैं. इस जीत में बंटी साहू से ज्यादा योगदान प्रदेश बीजेपी के बड़े नेताओं का है. हालांकि जीत तो जीत होती है. बंटी साहू को पार्टी संगठन में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है."

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