छिंदवाड़ा: पेंच टाइगर रिजर्व में एक बार फिर किलकारी गूंजी है. अंडमान द्वीप से लाई गई हथिनी ने नर बच्चे को जन्म दिया है. बता दें कि बाघ और तेंदुए आदि के सुरक्षा के लिए हाथी को काम में लिया जाता है. फिलहाल पेंच टाइगर रिजर्व में 10 विभागीय हाथी कार्रयत हैं. इन हाथियों की मदद से विशेष गश्ती, टाइगर मॉनिटरिंग, वन्य प्राणी अनुश्रवण, वन्य प्राणी ट्रांसलोकेशन और खास तौर पर मानसून गश्ती की जाती है.
2009 में लाई गई थी शेरोन
पेंच टाइगर रिजर्व के उपसंचालक रजनीश कुमार सिंह ने बताया है कि "पेंच टाईगर रिजर्व में शेरोन नाम की हथिनी ने एक नर शावक को जन्म दिया है. यह हथिनी साल 2009 में अंडमान दीप समूह से पेंच टाइगर रिजर्व में लाई गई थी." उन्होंने बताया कि नवजात और मां दोनों स्वस्थ हैं. वरिष्ठ वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा इनका पूरा ध्यान रख रहे हैं. वहीं, शेरोन के महावत व चारा कटर हथिनी और उसके नवजात की देखरेख कर रहे हैं.
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जंगली जानवरों की सुरक्षा का काम करता है हाथी
टाइगर रिजर्व में बाघ या तेंदुआ कभी-कभी ऐसे स्थानों पर फंस जाते हैं, जहां से उसे वाहनों की मदद से निकालना मुश्किल होता है. कई बार ऐसी जगहों पर पैदल जाना भी खतरनाक होता है. इन जगहों पर हाथियों की मदद से मेडिकल सुविधा और रेस्क्यू दल पहुंचते हैं. इसलिए टाइगर रिजर्व में हाथियों को तैनात किया गया है. फिलहाल पेंच टाइगर रिजर्व में 7 नर (जंगबहादुर, गणेश, जनरल करियप्पा, जनरल थिमैय्या, बाली, लव और मारुति) और 3 मादा (सरस्वती, शेरोन और दामिनी) हाथी कार्यरत हैं.