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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में रद्द, पूर्व सीएम भूपेश का ईडी पर गंभीर आरोप , कहा राजनीतिक फायदे के लिए हुआ इस्तेमाल - Chhattisgarh Liquor Scam

सुप्रीम कोर्ट में कथित शराब घोटाले का मामला रद्द होने के बाद छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ईडी को घेरा है.भूपेश बघेल ने दावा किया है,राजनीतिक फायदे के लिए ईडी का दुरुपयोग किया गया है.

Chhattisgarh Liquor Scam
शराब घोटाला का केस सुप्रीम कोर्ट में रद्द
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 9, 2024, 2:01 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के पू्र्व सीएम भूपेश बघेल ने एक बार फिर केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोला है. पूर्व सीएम ने कहा कि कथित शराब घोटाले से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने विपक्षी दलों को निशाना बनाने के लिए ईडी का इस्तेमाल करने के लिए केंद्र की पोल खोल दी है.सुप्रीम कोर्ट ने 2,000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ धन शोधन का मामला सोमवार को खारिज कर दिया.

ईडी पर साधा निशाना : अपने सोशल मीडिया अकाउंट से भूपेश बघेल ने कहा कि ईडी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को बदनाम करने और बीजेपी को राजनीतिक हथियार देने के लिए 2023 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कथित शराब घोटाले में मामला दर्ज किया. ईडी जैसी एजेंसियों की प्रतिबद्धता संविधान के प्रति होनी चाहिए, न कि किसी राजनीतिक दल के प्रति.

''ईडी का शर्मनाक राजनीतिक दुरुपयोग साबित हो गया है और मोदी सरकार का पर्दाफाश हो गया है. सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले ने साबित कर दिया है कि बीजेपी के इशारे पर ईडी हर मामले को मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनाकर विपक्षी दलों को बदनाम करने की साजिश कर रहा है.'' भूपेश बघेल, पूर्व सीएम छग

बीजेपी पर बड़ा आरोप : पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी केवल झूठ फैला रही है. लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग करके अपने राजनीतिक विरोधियों को बदनाम करने के बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की साजिश का पर्दाफाश हो गया है. जनता देखेगी कि बचाव के लिए दर्ज मामलों को खारिज कर दिया गया है.

क्या है मामला ?: पिछले साल जुलाई में, ईडी ने रायपुर की धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में कथित शराब घोटाला मामले में अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र) दायर किया था, जिसमें दावा किया था कि कथित ‘शराब घोटाला' में 2161 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ. ईडी ने दावा किया कि अनिल टुटेजा और उद्योगपति अनवर ढेबर के नेतृत्व वाले एक आपराधिक सिंडिकेट ने बड़ा घोटाला किया है . इस गिरोह में राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह, राजनेता, उनके सहयोगी और आबकारी विभाग के अधिकारी शामिल हैं. इस साल की शुरुआत में छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भी कथित शराब घोटाले में 70 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.एसीबी-ईओडब्ल्यू ने पिछले सप्ताह अनवर ढेबर और भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी अरविंद सिंह को कथित घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था.

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की कार्रवाई पर लगाई रोक
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, टूटेजा फैमिली के मनी लॉन्ड्रिंग का मामला किया रद्द
अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को 12 अप्रैल तक रिमांड

रायपुर : छत्तीसगढ़ के पू्र्व सीएम भूपेश बघेल ने एक बार फिर केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोला है. पूर्व सीएम ने कहा कि कथित शराब घोटाले से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने विपक्षी दलों को निशाना बनाने के लिए ईडी का इस्तेमाल करने के लिए केंद्र की पोल खोल दी है.सुप्रीम कोर्ट ने 2,000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ धन शोधन का मामला सोमवार को खारिज कर दिया.

ईडी पर साधा निशाना : अपने सोशल मीडिया अकाउंट से भूपेश बघेल ने कहा कि ईडी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को बदनाम करने और बीजेपी को राजनीतिक हथियार देने के लिए 2023 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कथित शराब घोटाले में मामला दर्ज किया. ईडी जैसी एजेंसियों की प्रतिबद्धता संविधान के प्रति होनी चाहिए, न कि किसी राजनीतिक दल के प्रति.

''ईडी का शर्मनाक राजनीतिक दुरुपयोग साबित हो गया है और मोदी सरकार का पर्दाफाश हो गया है. सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले ने साबित कर दिया है कि बीजेपी के इशारे पर ईडी हर मामले को मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनाकर विपक्षी दलों को बदनाम करने की साजिश कर रहा है.'' भूपेश बघेल, पूर्व सीएम छग

बीजेपी पर बड़ा आरोप : पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी केवल झूठ फैला रही है. लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग करके अपने राजनीतिक विरोधियों को बदनाम करने के बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की साजिश का पर्दाफाश हो गया है. जनता देखेगी कि बचाव के लिए दर्ज मामलों को खारिज कर दिया गया है.

क्या है मामला ?: पिछले साल जुलाई में, ईडी ने रायपुर की धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में कथित शराब घोटाला मामले में अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र) दायर किया था, जिसमें दावा किया था कि कथित ‘शराब घोटाला' में 2161 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ. ईडी ने दावा किया कि अनिल टुटेजा और उद्योगपति अनवर ढेबर के नेतृत्व वाले एक आपराधिक सिंडिकेट ने बड़ा घोटाला किया है . इस गिरोह में राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह, राजनेता, उनके सहयोगी और आबकारी विभाग के अधिकारी शामिल हैं. इस साल की शुरुआत में छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भी कथित शराब घोटाले में 70 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.एसीबी-ईओडब्ल्यू ने पिछले सप्ताह अनवर ढेबर और भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी अरविंद सिंह को कथित घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था.

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