रायपुर: ED ने सोमवार को दावा किया कि उसने कथित शराब घोटाले से जुड़े साक्ष्य जुटाए हैं. जमा किए गए सबूतों से पता चलता है कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कथित शराब घोटाले से अर्जित अपराध की आय का नकद में इस्तेमाल किया है. संघीय एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग इनवेस्टिगेशन के तहत 28 दिसंबर को रायपुर, सुकमा और धमतरी जिलों में लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के ठिकानों पर छापेमारी की है.
''शराब घोटाले के पैसे का किया इस्तेमाल'': ईडी ने एक बयान में कहा कि तलाशी अभियान लखमा के आवासीय परिसरों में चलाया गया, जो आबकारी मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर नकद में अपराध की आय का मुख्य प्राप्तकर्ता रहे. एजेंसी ने कहा, तलाशी अभियान के नतीजों में ईडी घोटाले की रेलिवेंट टाइम के दौरान कवासी लखमा के नकद में अपराध की आय के उपयोग से संबंधित सबूत इकट्ठा करने में समर्थ है.
तलाशी के दौरान मिली डिजिटल डिवाइस: तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस भी जब्त की गई है. ईडी को उम्मीद है कि डिजिटल डिवाइस मेंं अपराध से जुड़े रिकार्ड हो सकते हैं. ईडी के अनुसार लखमा को कथित शराब घोटाले से हुए आय में से मासिक आधार पर नकद में पैसे मिला करते थे. 71 वर्षीय लखमा कोंटा से छह बार कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं. लखमा पिछली कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रह चुके हैं.
लखमा के बेटे पर भी शक: कवासी लखमा के बेटे हरीश लखमा अपने जिले में पंचायत अध्यक्ष हैं. इससे पहले छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि छापे शहरी निकाय और पंचायत चुनावों से पहले विपक्षी पार्टी के नेताओं को परेशान करने की भाजपा की साजिश का हिस्सा है. ईडी के अनुसार राज्य में कथित शराब घोटाला 2019 - 22 के बीच हुआ. जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का शासन था. एजेंसी ने पहले दावा किया था कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में 2,100 करोड़ से अधिक की अवैध आय कराई गई. (सोर्स पीटीआई)