रायपुर : छत्तीसगढ़ के सहायक शिक्षकों ने हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब राज्य सरकार से अपनी नौकरी को लेकर गुहार लगाई है.सहायक शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने ही नोटिफिकेशन निकालकर भर्ती की पूरी प्रक्रिया पूरी की.अब जब उन्हें बच्चों को पढ़ाते हुए 8 महीने बीत गए तो इस तरह का आदेश आया है.ऐसे में शिक्षकों के सामने दोहरी समस्या खड़ी हो गई है. सहायक शिक्षकों की भर्ती कब और किस प्रक्रिया के तहत हुई थी.इसके बाद क्यों इस भर्ती को रद्द किया जा रहा है, इन सभी सवालों का जवाब खुद पीड़ित सहायक शिक्षकों ने दिया है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण कुमार सिंह ने इन सहायक शिक्षकों से से बात की.
ईटीवी भारत पर छलका सहायक शिक्षकों का दर्द : सहायक शिक्षकों ने बताया कि बीएड उपाधि के आधार पर लगभग 4000 से ज्यादा सहायक शिक्षकों की भर्ती की गई थी. जिन्हें अब अपात्र घोषित कर दिया गया है. ऐसे में सहायक शिक्षकों का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है. इन्हीं समस्याओं की जानकारी देने बीएड धारक सहायक शिक्षक ईटीवी भारत के दफ्तर पहुंचे और एक-एक कर सहायक शिक्षकों की समस्या बताई. इनमें बालेश्वर द्विवेदी, संकल्प वर्मा, वेद प्रकाश देवांगन, नीलेश साहू और बिजल पटेल ने अपना दर्द बया किया.
कड़ी मेहनत के बाद मिली थी जॉब : सहायक शिक्षक के लिए चयनित हुए बालेश्वर द्विवेदी ने बताया कि भर्ती के लिए दो-तीन साल से इंतजार कर रहे थे.उसके लिए काफी मेहनत की उसके बाद परीक्षा दिया, मेरिट में आए और उसके बाद बड़े परिश्रम के बाद नौकरी मिली है. 4 मई 2023 को छत्तीसगढ़ शासन की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है. जिसमें साफ-साफ लिखा था. छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षक के लिए बीएड और डीएड दोनों ही छात्र पात्र होंगे. 10 जून 2023 को हमने पेपर दिया, 2 जुलाई 2023 को मेरिट रैंक आया. उसके बाद हम काउंसिलिंग प्रक्रिया का इंतजार कर रहे थे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लगा झटका : इसके बाद 11 अगस्त 2023 को अचानक से सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आता है, जिसमें कहा जाता है कि 11 अगस्त 2023 के बाद प्राइमरी शिक्षक के लिए अब बीएड छात्र पात्र नहीं है. उसे समय हमें बहुत बड़ा झटका लगा था. उसके बाद 21 अगस्त को हाईकोर्ट से फैसला आता है,अब जो भी भर्ती प्रक्रिया होगी. बिना बीएड के चालू की जाए. उसके बाद बिना बीएड के भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है. 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से एक रिलीफ मिलता है. जिसके तहत काउंसिलिंग प्रक्रिया चालू होती है. एक से चार अगस्त के बीच काउंसिलिंग पूरी हुई. इसके बाद 30 सितंबर 2023 को जॉइनिंग बीईओ ऑफिस में कराई गई.
नौकरी से अचानक निकाला जाना दुखद : महिला सहायक शिक्षक ने बताया कि हमने अपनी मांग को लेकर उच्च अधिकारियों से मुलाकात की.शासन प्रशासन के लोगों से चर्चा की, मंत्रियों से भेंट की.हम अपनी नौकरी बचाने उन्हें आवेदन कर चुके हैं.लेकिन अचानक नौकरी से निकाले जाने का आदेश बहुत बड़ा सदमा है.मैं ही एक कमाने वाली हूं.पहले प्राइवेट जॉब करती थी. 6 महीने हमने जी जान लगाकर काम किया है.बच्चों को पढ़ाया है, उनके लिए मेहनत की. अचानक एक दिन ये कह दिया जाता है कि काम पर मत आना आप इस पद के योग्य नहीं है. यह बहुत बड़े सदमे से कम नही है.
कोर्ट ने दिया छह हफ्ते का वक्त : सहायक शिक्षकों के मुताबिक सितंबर से लगातार वे सुदूर क्षेत्रों में जाकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन इलाकों में पुरुष के साथ महिला वर्ग के अभ्यर्थी सेवाएं दे रहे हैं. नौकरी के जरिए सभी की रोजी रोटी चल रही थी, परिवार पल रहा था. लेकिन अचानक नौकरी छोड़ने का फरमान जारी हो गया. अब सहायक शिक्षकों को समझ में नहीं आ रहा है कि वो क्या करें.इस मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. 2 अप्रैल 2024 को फैसला आया.जिसमें कहा गया है कि बीएड वालों को 6 हफ्ते का समय दिया गया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेशित किया कि 6 हफ्तों में बीएड की जगह डीएड वालों को नियुक्त किया जाए.
शिक्षामंत्री से भी कर चुके हैं मुलाकात : आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के फैसले के बाद बीएड प्रतिभागियों को नौकरी से निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. प्रदेश के शिक्षकों ने पिछले हफ्ते छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से मदद की गुहार लगाई थी. इस दौरान सहायक शिक्षकों ने शिक्षामंत्री को ज्ञापन सौंपकर अपनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ने की बात कही.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बीएड डिग्रीधारकों को सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने को नियम के विरुद्ध माना है. इस टिप्पणी के साथ ही नियुक्तियों को निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर संशोधित चयन सूची जारी करने का निर्देश दिया है. आदेश में कोर्ट ने यह भी कहा है कि संशोधित चयन सूची में डीएलएड पास उम्मीदवारों को समूचित अवसर दिया जाए. कोर्ट के इस आदेश के बाद नियुक्तियों के निरस्त किया जा रहा है. इस पूरे मामले में सहायक शिक्षकों ने विष्णुदेव साय सरकार से गुहार लगाई है.सहायक शिक्षकों का कहना है कि यदि सरकार साथ दे तो उनकी नौकरी बच सकती है.इसमें डीएड और बीएड दोनों की ही भर्ती की गई है.शासन बीच का रास्ता निकालकर चयनित शिक्षकों को ब्रिज कोर्स करवा सकती है.ताकि किसी भी शिक्षक को नौकरी से हाथ ना धोना पड़े.