बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में देशी और विदेशी मदिरा परिवहन को लेकर पिछले दिनों टेंडर जारी किया गया था. टेंडर के लिए आवेदन मिलने के बाद निविदा आवंटन किया गया था. लेकिन टेंडर प्रक्रिया में दूसरे नंबर पर रहे याचिकाकर्ता सिंह एंड कंपनी ने निविदा आवंटन में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है. बुधवार को बिलासपुर हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई की.
हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर किया जवाब तलब : याचिकाकर्ता सिंह एंड कंपनी, जो कि जोन 1 व जोन 6 में दूसरे स्थान का पात्र आवेदक था, प्रतिवादी मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के निर्णय की वजह से निविदा से वंचित रह गया. इस पर सिंह एंड कंपनी ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की और निविदा आवंटन में हुई गड़बड़ी व गलत तरीके से अपात्र कंपनी के पक्ष में जारी निविदा के आदेश को निरस्त करने की मांग की. जिस पर आज छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सुनवाई की और छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड, साईराम इंटरप्राइजेस और साई उद्योग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
निविदा आवंटन में गड़बड़ी के आरोप : याचिकाकर्ता सिंह एंड कंपनी के प्रोपराइटर रणधीर कुमार सिंह ने 3 जोन की टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया था. जिसमें जोन 1 (रायपुर), जोन 4 (उत्तर बस्तर, कांकेर, कोंडागांव,मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, बालोद व नारायणपुर) और जोन 6 (धमतरी, बस्तर, दक्षिण बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर व सुकमा) शामिल हैं. वहीं निजी प्रतिवादी सांईराम एंटरप्राइज ने भी जोन 1, जोन 4 और जोन 6 की निविदा में भाग लिया. साथ ही सांई उद्योग ने भी जोन 5 (बिलासपुर) की टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया. जबकि दोनों निजी प्रतिवादी एक ही परिवार के सदस्य हैं. इसी कारण मार्केटिंग कॉर्पोरेशन ने सांई उद्योग का आवेदन निरस्त कर दिया. लेकिन आरोप है कि सांईराम एंटरप्राइज को विधि विरुद्ध जोन 1 और जोन 6 की निविदा के आदेश दे दिए गए.
क्या है निविदा आवंटन के नियम : जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 16 फरवरी 2024 को देशी और विदेशी मदिरा गोडाउन से राज्य के अलग अलग रिटेल दुकानों तक पहुंचाने के लिए निविदा जारी की थी. इस निविदा के अनुसार राज्य को 12 जोन में बांटा गया था. इसके साथ ही निविदा की शर्तों में यह बताया गया था कि एक आवेदक अलग अलग जोन में भाग ले सकता है, लेकिन अधिकतम 2 जोन में ही चयन के लिए पात्र है. इसके साथ ही निविदा की शर्तों के मुताबिक, अगर एक ही परिवार के दो लोग अलग अलग रूप से निविदा में भाग लेते हैं तो उन सभी को अपात्र घोषित कर दिया जाएगा.