ETV Bharat / state

अब प्राइमरी, मिडिल स्कूल के शिक्षक बना रहे आयुष्मान कार्ड, स्वास्थ्य विभाग ने दिया है मोबाइल एप - Teachers Making Ayushman Cards

author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 4, 2024, 1:50 PM IST

Ayushman cards Mobile app, Teachers Making Ayushman Cards चुनाव, जनगणना में काम करने के साथ ही अब स्कूल के शिक्षक आयुष्मान कार्ड बनाने का काम भी करेंगे. स्वास्थ्य विभाग ने किसी एक परिवार को 5 लाख रुपए तक के इलाज की सहायता देने वाले स्वास्थ्य बीमा योजना के आयुष्मान कार्ड का काम शिक्षकों को सौंपा है.

Ayushman cards Mobile app
छत्तीसगढ़ में टीचर बना रहे आयुष्मान कार्ड (ETV Bharat Chhattisgarh)

कोरबा: छत्तीसगढ़ में अब आयुष्मान कार्ड बनाने का काम शिक्षकों को दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने एक मोबाइल एप जारी किया है. शिक्षकों को यह एप उनके मोबाइल में इंस्टॉल करने के लिए कहा गया है. इसी एप के जरिए शिक्षक डिटेल्स आयुष्मान कार्ड के वेबसाइट पर फीड करेंगे. फिर वहीं से आयुष्मान कार्ड जारी करेंगे. कोरबा जिले के ज्यादातर स्कूलों में इसका काम शुरू हो चुका है.

अब स्कूल के शिक्षक आयुष्मान कार्ड बनाने का काम भी करेंगे (ETV Bharat Chhattisgarh)

आयुष्मान कार्ड के लिए जरूरी दस्तावेज: आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए राशन कार्ड सबसे जरूरी दस्तावेज है. राशन कार्ड के साथ अपना आधार कार्ड ले जाने पर स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष्मान कार्ड बन जाता है.

निजी अस्पताल में भी काउंटर, अब सरकारी शिक्षकों को जिम्मेदारी: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में परमानेंट आयुष्मान कार्ड काउंटर है. यहां से लोग आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं. वहीं निजी अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को तत्काल आयुष्मान कार्ड बनाने की सुविधा दी जाती है. निजी अस्पतालों में इसके लिए एक काउंटर मौजूद रहता है. लेकिन अब आयुष्मान कार्ड बनाने की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी गई है. शासन के आदेश के बाद शिक्षकों ने काम करना भी शुरू कर दिया है.

आयुष्मान कार्ड बनाने अभिभावकों को फोन कर बुला रहे: शासकीय प्राथमिक शाला अंधरिकाछार में पदस्थ शिक्षिका कीर्ति एक्का कहती हैं कि ''हमें आयुष्मान कार्ड बनाने का काम सौंपा गया है. इसके लिए हम बच्चों को उनके आधार कार्ड और राशन कार्ड साथ लाने को कहते हैं. उनके अभिभावकों को भी फोन करके बुला रहे हैं ताकि सभी का आयुष्मान कार्ड बनाया जा सके.''

शिक्षकों को हो रही ये दिक्कतें: शिक्षिका कीर्ति एक्का कहती हैं कि ''समस्या यह भी आ रही है कि कई बच्चों का आधार कार्ड नहीं बना है. आधार कार्ड बना भी है तो उनके नाम राशन कार्ड में ऐड नहीं हुए हैं. ऐसे में हम उनसे नाम राशन कार्ड में जुड़वा कर आने को कह रहे हैं ताकि आयुष्मान कार्ड की प्रक्रिया को पूरा कर उनका कार्ड बनाया जा सके.''

''अध्यापन कार्य के दायित्वों के साथ ही अब हम इस कार्य को भी पूरा कर रहे हैं. अब तक हमारे विद्यालय में 20% काम पूरा हो चुका है.'' -कीर्ति एक्का, शिक्षिका

ज्यादातर बच्चों के कार्ड बनने शेष, इसलिए शिक्षकों को काम: स्वास्थ्य विभाग में आयुष्मान कार्ड के नोडल शिव राठौर का कहना है कि ''कोरबा जिले की जनसंख्या के अनुसार ज्यादातर लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं. फिलहाल 1 लाख 20000 कार्ड बनाए जाने शेष हैं.''

''ज्यादातर बच्चों के आयुष्मान कार्ड नहीं बने हैं. यह बच्चे स्कूलों में पढ़ते हैं. इसलिए कलेक्टर के निर्देश के मुताबिक स्कूल के शिक्षकों को यह दायित्व सौंपा गया है.'' -शिव राठौर, नोडल, आयुष्मान कार्ड

मोबाइल एप से आयुष्मान कार्ड बना रहे शिक्षक: आयुष्मान कार्ड के नोडल शिव राठौर ने बताया, ''शिक्षकों को एक मोबाइल एप दिया गया है, जिसमें वह राशन कार्ड से मिलान कर डिटेल फीड करते हैं. इसी मोबाइल ऐप के जरिए वह आयुष्मान कार्ड जारी कर रहे हैं. काफी हद तक यह काम सुचारू रूप से चल रहा है. जल्द ही हम सभी का आयुष्मान कार्ड बना लेंगे.''

शिक्षकों को गैर शिक्षकीय काम देना नई बात नहीं: शिक्षकों के संगठन हमेशा इस बात से नाराज रहते हैं कि सरकार उन्हें अध्यापन कार्य के अलावा दूसरे कई तरह के कार्यों में लगा देती है. चुनाव कार्य के दौरान दायित्वों की बात हो, जनगणना के दौरान सर्वे का काम हो, या फिर कोरोना के दौरान दवा पहुंचने का काम या फिर अब आयुष्मान कार्ड बनाने का काम. अभिभावकों का भी कहना है कि शिक्षकों को गैर शिक्षकीय कार्यों में लगाया जाता है. ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की परिकल्पना को कई बार झटका जरूर लगता है.

कोरिया में डोर-टू-डोर कैंपेन चलाकर बनाया जा रहा आयुष्मान कार्ड
आयुष्मान कार्ड को लेकर बड़ा अपडेट, योजना से जुड़ेंगे 1 लाख 75 हजार वंचित हितग्राही - ayushman bharat yojana
सवालों के घेरे में आयुष्मान कार्ड, लिखा है 5 लाख तक का मुफ्त उपचार, हो रहा सिर्फ 50 हजार तक इलाज - Ayushman Card

कोरबा: छत्तीसगढ़ में अब आयुष्मान कार्ड बनाने का काम शिक्षकों को दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने एक मोबाइल एप जारी किया है. शिक्षकों को यह एप उनके मोबाइल में इंस्टॉल करने के लिए कहा गया है. इसी एप के जरिए शिक्षक डिटेल्स आयुष्मान कार्ड के वेबसाइट पर फीड करेंगे. फिर वहीं से आयुष्मान कार्ड जारी करेंगे. कोरबा जिले के ज्यादातर स्कूलों में इसका काम शुरू हो चुका है.

अब स्कूल के शिक्षक आयुष्मान कार्ड बनाने का काम भी करेंगे (ETV Bharat Chhattisgarh)

आयुष्मान कार्ड के लिए जरूरी दस्तावेज: आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए राशन कार्ड सबसे जरूरी दस्तावेज है. राशन कार्ड के साथ अपना आधार कार्ड ले जाने पर स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष्मान कार्ड बन जाता है.

निजी अस्पताल में भी काउंटर, अब सरकारी शिक्षकों को जिम्मेदारी: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में परमानेंट आयुष्मान कार्ड काउंटर है. यहां से लोग आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं. वहीं निजी अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को तत्काल आयुष्मान कार्ड बनाने की सुविधा दी जाती है. निजी अस्पतालों में इसके लिए एक काउंटर मौजूद रहता है. लेकिन अब आयुष्मान कार्ड बनाने की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी गई है. शासन के आदेश के बाद शिक्षकों ने काम करना भी शुरू कर दिया है.

आयुष्मान कार्ड बनाने अभिभावकों को फोन कर बुला रहे: शासकीय प्राथमिक शाला अंधरिकाछार में पदस्थ शिक्षिका कीर्ति एक्का कहती हैं कि ''हमें आयुष्मान कार्ड बनाने का काम सौंपा गया है. इसके लिए हम बच्चों को उनके आधार कार्ड और राशन कार्ड साथ लाने को कहते हैं. उनके अभिभावकों को भी फोन करके बुला रहे हैं ताकि सभी का आयुष्मान कार्ड बनाया जा सके.''

शिक्षकों को हो रही ये दिक्कतें: शिक्षिका कीर्ति एक्का कहती हैं कि ''समस्या यह भी आ रही है कि कई बच्चों का आधार कार्ड नहीं बना है. आधार कार्ड बना भी है तो उनके नाम राशन कार्ड में ऐड नहीं हुए हैं. ऐसे में हम उनसे नाम राशन कार्ड में जुड़वा कर आने को कह रहे हैं ताकि आयुष्मान कार्ड की प्रक्रिया को पूरा कर उनका कार्ड बनाया जा सके.''

''अध्यापन कार्य के दायित्वों के साथ ही अब हम इस कार्य को भी पूरा कर रहे हैं. अब तक हमारे विद्यालय में 20% काम पूरा हो चुका है.'' -कीर्ति एक्का, शिक्षिका

ज्यादातर बच्चों के कार्ड बनने शेष, इसलिए शिक्षकों को काम: स्वास्थ्य विभाग में आयुष्मान कार्ड के नोडल शिव राठौर का कहना है कि ''कोरबा जिले की जनसंख्या के अनुसार ज्यादातर लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं. फिलहाल 1 लाख 20000 कार्ड बनाए जाने शेष हैं.''

''ज्यादातर बच्चों के आयुष्मान कार्ड नहीं बने हैं. यह बच्चे स्कूलों में पढ़ते हैं. इसलिए कलेक्टर के निर्देश के मुताबिक स्कूल के शिक्षकों को यह दायित्व सौंपा गया है.'' -शिव राठौर, नोडल, आयुष्मान कार्ड

मोबाइल एप से आयुष्मान कार्ड बना रहे शिक्षक: आयुष्मान कार्ड के नोडल शिव राठौर ने बताया, ''शिक्षकों को एक मोबाइल एप दिया गया है, जिसमें वह राशन कार्ड से मिलान कर डिटेल फीड करते हैं. इसी मोबाइल ऐप के जरिए वह आयुष्मान कार्ड जारी कर रहे हैं. काफी हद तक यह काम सुचारू रूप से चल रहा है. जल्द ही हम सभी का आयुष्मान कार्ड बना लेंगे.''

शिक्षकों को गैर शिक्षकीय काम देना नई बात नहीं: शिक्षकों के संगठन हमेशा इस बात से नाराज रहते हैं कि सरकार उन्हें अध्यापन कार्य के अलावा दूसरे कई तरह के कार्यों में लगा देती है. चुनाव कार्य के दौरान दायित्वों की बात हो, जनगणना के दौरान सर्वे का काम हो, या फिर कोरोना के दौरान दवा पहुंचने का काम या फिर अब आयुष्मान कार्ड बनाने का काम. अभिभावकों का भी कहना है कि शिक्षकों को गैर शिक्षकीय कार्यों में लगाया जाता है. ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की परिकल्पना को कई बार झटका जरूर लगता है.

कोरिया में डोर-टू-डोर कैंपेन चलाकर बनाया जा रहा आयुष्मान कार्ड
आयुष्मान कार्ड को लेकर बड़ा अपडेट, योजना से जुड़ेंगे 1 लाख 75 हजार वंचित हितग्राही - ayushman bharat yojana
सवालों के घेरे में आयुष्मान कार्ड, लिखा है 5 लाख तक का मुफ्त उपचार, हो रहा सिर्फ 50 हजार तक इलाज - Ayushman Card
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.