दंतेवाड़ा: जिला प्रशासन दंतेवाड़ा और पीपीआईए फेलो की पहल से छत्तीसगढ़ का पहला डिजिटल प्लेनेटोरियम बनने जा रहा है. मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर-एनसीएसएम की ओर से कारली, दंतेवाड़ा में स्थापना करने की योजना सफलता पूर्वक प्रारंभ हो चुकी है. दरअसल, दंतेवाड़ा जिला की ओर से संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार से विज्ञान संस्कृति संवर्धन योजना 2021 के अन्तर्गत तारामण्डल के लिए सहायता का अनुरोध किया गया था. जिले में क्षेत्र श्रेणी III (5 लाख से कम जनसंख्या) में पूर्ण वित्तीय सहायता (टाईप A) की मांग प्रस्तावित की गई थी, जिसे स्वीकृति मिल चुकी है. इस बारे में दंतेवाड़ा के कई स्थलों के मुआयाना एनसीएसएम टीम के द्वारा किया गया.
बच्चों में बढ़ेगी जागरूकता: दरअसल, भारत सरकार की ओर से डिजिटल प्लेनेटोरियम बनाने का उद्देश्य मुख्य रूप से विज्ञान और खगोल विज्ञान के प्रति जनता, खासकर बच्चों और युवाओं में रुचि और जागरूकता बढ़ाना है. इसके संबंध में कई विषय शामिल है, जिनमें शैक्षिक विकास, वैज्ञानिक जागरूकता, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास, ऑडियो-विज़ुअल और दिलचस्प प्रयोग जैसे महत्वपूर्ण विषय को ध्यान में रखते हुए, एनसीएसएम की टीम ने दंतेवाड़ा में भ्रमण कर स्थल का चुनाव कर जिला सीईओ कुमार बिश्वरंजन और पीपीआईए फेलो दिव्या से मुलाकात की. साथ ही तारामण्डल के संचालन, कार्यान्वयन रणनीति और आवर्ती लागत के साथ-साथ निर्माण से जुड़ी गुणवत्ता पूर्ण काम, संवाद और तकनीकी कार्य से जुड़े मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की.
परियोजना को जल्द शुरू करने का लिया गया निर्णय: जानकारी के मुताबिक एनसीएसएम एक स्वायत्त वैज्ञानिक संस्था है जो 1961 में पश्चिम बंगाल सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 26 (XXVI)के तहत पंजीकृत है. इसके साथ ही संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्यरत है. छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कारली गीदम दंतेवाड़ा में डिजिटल प्लेनेटोरियम स्थापना के लिए परियोजना को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय को पत्र की ओर से अनुमोदित किया गया था. इसी कड़ी में शनिवार को समरेन्द्र कुमार, डिप्टी डायरेक्टर जनरल और जी. के. महापात्रा, सिविल कंसलटेंट दंतेवाड़ा पहुंच कर स्थलों का जायजा लिए और इस परियोजना को जल्द शुरू करने के लिए अहम निर्णय लिए.
साइंस के छात्रों को मिलेगी मदद: बताया जा रहा है कि दंतेवाड़ा में तारामण्डल निर्माण के लिए 7.95 करोड़ रु की राशि स्वीकृत कर दी गई है. यह तारामण्डल सभी उम्र के लोगो के लिए शैक्षिक और मनोरंजक उद्देश्यों के साथ-साथ क्षेत्र में माओवाद की चुनौती से निपटने में भी मदद करेगा. घने जंगलों के बीच ये डिजिटल तारामंडल आने वाले समय में ना केवल पर्यटन के लिए अच्छी पहल होगी बल्कि यहां के बच्चों के सुनहरे भविष्य को गढ़ने का काम भी करेगा. संभवतः आगे की पीढ़ी अगर अंतरिक्ष विज्ञान की समझ के साथ अपना करियर बनाना चाहे तो बना सकेगी. इस परियोजना का समझौता ज्ञापन शिक्षा विभाग दंतेवाड़ा के साथ किया गया है. इस पहल से दंतेवाड़ा के साथ-साथ पूरे बस्तर अंचल को बहुत मदद मिलेगी.