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मानसून तो छत्तीसगढ़ आ गया, लेकिन आपात स्थिति से निपटने बिजली विभाग नहीं है तैयार, पावर कट से उपभोक्ता परेशान - Chhattisgarh electricity department

छत्तीसगढ़ में बारिश की शुरुआत होने से पहले ही आपात स्थिति से निपटने बिजली विभाग तैयार नहीं दिख रही है. मेंटनेंस के नाम पर रातभर या दिनभर पावर कट किया जा रहा है. आंधी आते ही बिजली विभाग की तैयारी धराशयी हो जाती है. शहर में बार बार हो रहे पावर कट से उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं. यहां तक कि मारपीट और तोड़फोड़ तक स्थिति पहुंच गई है, लेकिन बिजली विभाग अब भी अपनी व्यवस्था पूरी होने का दावा कर रहा है.

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 10, 2024, 7:38 PM IST

Updated : Jun 11, 2024, 11:53 AM IST

CHHATTISGARH ELECTRICITY DEPARTMENT
छत्तीसगढ़ बिजली विभाग (ETV Bharat)


रायपुर : राजधानी रायपुर में कभी मेंटेनेंस या फिर कभी सुधार कार्य के नाम पर आए दिन बिजली कटौती की जा रही है. बावजूद इसके जरा सी हवा और आंधी में बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है. हालात ऐसे हैं कि कई कई घंटे नहीं, बल्कि पूरी रात या पूरे दिन बिजली नहीं आती है. बीते दिनों रविवार को भी कुछ ऐसे ही देखने को मिला, जब जरा सी आंधी में पूरे राजधानी की लाइट बंद हो गई और सुधार कार्य दूसरे दिन सुबह तक जारी रहा.

बिजली विभाग की क्या है तैयारी : आखिर क्या वजह है कि आपात स्थिति से निपटने बिजली विभाग को मशक्कत करनी पड़ती है. क्या तैयारी है. इसे लेकर सीएसईबी के एमडी राजेश शुक्ला से हमारी टीम ने बात की. जब उनसे पूछा गया है कि सामान्य दिनों में और आपात परिस्थितियों से निपटने क्या अलग-अलग व्यवस्था की गई है? इस पर उन्होंने कहा, "हम हमेशा इमरजेंसी मोड में रहते हैं और जब जरूरत पड़ती है, तो दूसरे जोन के कर्मचारियों को भी बुलाकर काम लेते हैं, जिससे जल्द से बिजली आपूर्ति की जा सके."

"हम हमेशा अलर्ट मोड में रहते हैं. 24 घंटे हमारी इमरजेंसी ड्यूटी होती है और इस तरह के सिचुएशन से निपटने हमारे कर्मचारी तैनात रहते हैं. लेकिन कई बार आंधी तूफान की वजह से स्थिति बिगड़ जाती है. कई जगहों पर पेड़ गिर जाते हैं. कुछ खंबे गिर जाते हैं या फिर बड़े-बड़े होर्डिंग और फ्लेक्स भी गिरने से बिजली अवरोध हो जाती है, जिसे सुधारने में थोड़ा समय लगता है." - राजेश शुक्ला, एमडी, सीएसईबी,छत्तीसगढ़

बिजली विभाग को लेकर लोगों की दर्जनों शिकायतें : लोगों की शिकायत है कि बिजली दफ्तर में फोन करने पर कोई भी जिम्मेदार फोन नहीं उठाते हैं या फिर फोन काफी देर तक एंगेज मिलता है. अधिकारियों को फोन करने पर भी कोई रिस्पांस नहीं मिलता है. बिजली दफ्तर में पुलिस की मौजूदगी के बावजूद स्थिति हंगामेदार हो जाती है. गाली-गलौज, मारपीट, तोड़फोड़ जैसी घटनाएं भी देखने को मिलती है. बावजूद इसके इन समस्याओं से निपटने बिजली विभाग की अब तक कोई तैयारी नहीं दिखती है.

इससे पता चलता है कि बिजली बिल की मोटी रकम लेने के बावजूद बिजली की आपूर्ति करने में विभाग कितना अक्षम है. हाल ही में बिजली बिल में भी बढ़ोतरी की गई. बाबजूद इसके सुविधाओं के नाम पर उपभोक्ताओं को कुछ नहीं मिल रहा है.

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रायपुर : राजधानी रायपुर में कभी मेंटेनेंस या फिर कभी सुधार कार्य के नाम पर आए दिन बिजली कटौती की जा रही है. बावजूद इसके जरा सी हवा और आंधी में बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है. हालात ऐसे हैं कि कई कई घंटे नहीं, बल्कि पूरी रात या पूरे दिन बिजली नहीं आती है. बीते दिनों रविवार को भी कुछ ऐसे ही देखने को मिला, जब जरा सी आंधी में पूरे राजधानी की लाइट बंद हो गई और सुधार कार्य दूसरे दिन सुबह तक जारी रहा.

बिजली विभाग की क्या है तैयारी : आखिर क्या वजह है कि आपात स्थिति से निपटने बिजली विभाग को मशक्कत करनी पड़ती है. क्या तैयारी है. इसे लेकर सीएसईबी के एमडी राजेश शुक्ला से हमारी टीम ने बात की. जब उनसे पूछा गया है कि सामान्य दिनों में और आपात परिस्थितियों से निपटने क्या अलग-अलग व्यवस्था की गई है? इस पर उन्होंने कहा, "हम हमेशा इमरजेंसी मोड में रहते हैं और जब जरूरत पड़ती है, तो दूसरे जोन के कर्मचारियों को भी बुलाकर काम लेते हैं, जिससे जल्द से बिजली आपूर्ति की जा सके."

"हम हमेशा अलर्ट मोड में रहते हैं. 24 घंटे हमारी इमरजेंसी ड्यूटी होती है और इस तरह के सिचुएशन से निपटने हमारे कर्मचारी तैनात रहते हैं. लेकिन कई बार आंधी तूफान की वजह से स्थिति बिगड़ जाती है. कई जगहों पर पेड़ गिर जाते हैं. कुछ खंबे गिर जाते हैं या फिर बड़े-बड़े होर्डिंग और फ्लेक्स भी गिरने से बिजली अवरोध हो जाती है, जिसे सुधारने में थोड़ा समय लगता है." - राजेश शुक्ला, एमडी, सीएसईबी,छत्तीसगढ़

बिजली विभाग को लेकर लोगों की दर्जनों शिकायतें : लोगों की शिकायत है कि बिजली दफ्तर में फोन करने पर कोई भी जिम्मेदार फोन नहीं उठाते हैं या फिर फोन काफी देर तक एंगेज मिलता है. अधिकारियों को फोन करने पर भी कोई रिस्पांस नहीं मिलता है. बिजली दफ्तर में पुलिस की मौजूदगी के बावजूद स्थिति हंगामेदार हो जाती है. गाली-गलौज, मारपीट, तोड़फोड़ जैसी घटनाएं भी देखने को मिलती है. बावजूद इसके इन समस्याओं से निपटने बिजली विभाग की अब तक कोई तैयारी नहीं दिखती है.

इससे पता चलता है कि बिजली बिल की मोटी रकम लेने के बावजूद बिजली की आपूर्ति करने में विभाग कितना अक्षम है. हाल ही में बिजली बिल में भी बढ़ोतरी की गई. बाबजूद इसके सुविधाओं के नाम पर उपभोक्ताओं को कुछ नहीं मिल रहा है.

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Last Updated : Jun 11, 2024, 11:53 AM IST
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