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कृषि एक्सपर्ट से जानिए कैसे फूलगोभी की खेती से कर सकते हैं बंपर कमाई ? - cauliflower farming in Chhattisgarh

अगर आप भी छत्तीसगढ़ में फूलगोभी की फसल से आर्थिक लाभ कमाना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है. आइए वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक से जानते हैं कि कैसे और किस पद्धति से फूलगोभी की खेती करने से लाभ मिलेगा.

cauliflower farming in Chhattisgarh
फूलगोभी की खेती से लाभ (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 21, 2024, 8:28 AM IST

फूलगोभी की खेती से आर्थिक लाभ (ETV Bharat)

रायपुर: छत्तीसगढ़ में ठंड के मौसम में किसान फूलगोभी की खेती कर आप अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. छत्तीसगढ़ के किसान कैसे फूलगोभी की खेती से अधिक लाभ कमाएंगे? जानने के लिए ईटीवी भरीत ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर घनश्याम दास साहू से बातचीत की.

ठंड में आसानी से होती है इसकी खेती: बातचीत के दौरान कृषि वैज्ञानिक ने फूलगोभी की खेती से जुड़ी कई जानकारियां दी. डॉक्टर घनश्याम दास साहू ने कहा कि शीतकालीन सब्जियों में गोभी वर्गीय फसल में फूलगोभी की खेती छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्य भारत में की जाती है. गोभी वर्गीय फसल में फूलगोभी की खेती खुले वातावरण में ठंड के सीजन में आसानी से की जा सकती है. फूल गोभी के किस्म की बात की जाए तो पूसा केतकी, पूसा चेतकी, पूसा दीपाली और पंत फूलगोभी जैसी किस्म प्रमुख हैं.

धान कटाई के तुरंत बाद इसकी खेती प्रदेश की किसानों को शुरू कर देनी चाहिए. प्रदेश के किसान इसे बाड़ियों में या फिर खेतों में आसानी से लगा सकते हैं. औसत अनुमान के हिसाब से किसान अच्छे से प्रबंधन करता है तो प्रति हेक्टेयर 1 लाख 30 हज़ार रुपये से 1 लाख 50 हजार रुपए तक कमा सकता है.इसकी खेती करते समय प्लास्टिक पलवार के माध्यम से फूल गोभी को लगाया जाना चाहिए. ऐसा करने से फूलगोभी में कीट पतंग का प्रकोप नहीं के बराबर होता है. -डॉ घनश्याम दास साहू, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक

टपक सिंचाई पद्धति का करें इस्तेमाल: डॉक्टर घनश्याम दास साहू ने आगे कहा कि, "प्रदेश के किसानों को फूलगोभी की खेती करते समय टपक सिंचाई पद्धति का इस्तेमाल करना चाहिए. जब भी फूलगोभी का बेड बनाएं तो किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पौध से पौध की दूरी 45 सेमी कतार से कतार की दूरी 45 सेमी होनी चाहिए. फूल गोभी की इस किस्म को सीडलिंग करें या फिर थरहा लगाए.गोभी की फसल प्रदेश के किसान 90 से 120 दिनों में आसानी से ले सकते हैं.

फूलगोभी की लेट वैरायटी की किस्म को अक्टूबर और नवंबर के महीने में लगाया जाना चाहिए. दिसंबर और जनवरी के आसपास फूलगोभी की खेती पूरी की जा सकती है. प्रदेश की किसानों को इसके लिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए की अच्छी किस्म के साथ ही टपक सिंचाई के माध्यम से और पलवार पद्धति से फूलगोभी की खेती करनी चाहिए. -डॉ घनश्याम दास साहू, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक

प्रति हेक्टेयर होती इतनी कमाई: कृषि वैज्ञानिक की मानें तो प्रदेश के किसान गोभी वर्गीय फसलों में फूलगोभी की खेती अपने खेतों में और बाड़ियों में भी आसानी से कर सकते हैं. प्रदेश के किसान उन्नत तरीके से गोभी की खेती करते हैं तो प्रति हेक्टेयर 1 लाख 20 हजार रुपये से 1 लाख 50 हजार रुपए तक कमा सकते हैं.

नोट: खबर में प्रकाशित बातें कृषि वैज्ञानिक की ओर से कही गई बातें है. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता.

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फूलगोभी की खेती से आर्थिक लाभ (ETV Bharat)

रायपुर: छत्तीसगढ़ में ठंड के मौसम में किसान फूलगोभी की खेती कर आप अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. छत्तीसगढ़ के किसान कैसे फूलगोभी की खेती से अधिक लाभ कमाएंगे? जानने के लिए ईटीवी भरीत ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर घनश्याम दास साहू से बातचीत की.

ठंड में आसानी से होती है इसकी खेती: बातचीत के दौरान कृषि वैज्ञानिक ने फूलगोभी की खेती से जुड़ी कई जानकारियां दी. डॉक्टर घनश्याम दास साहू ने कहा कि शीतकालीन सब्जियों में गोभी वर्गीय फसल में फूलगोभी की खेती छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्य भारत में की जाती है. गोभी वर्गीय फसल में फूलगोभी की खेती खुले वातावरण में ठंड के सीजन में आसानी से की जा सकती है. फूल गोभी के किस्म की बात की जाए तो पूसा केतकी, पूसा चेतकी, पूसा दीपाली और पंत फूलगोभी जैसी किस्म प्रमुख हैं.

धान कटाई के तुरंत बाद इसकी खेती प्रदेश की किसानों को शुरू कर देनी चाहिए. प्रदेश के किसान इसे बाड़ियों में या फिर खेतों में आसानी से लगा सकते हैं. औसत अनुमान के हिसाब से किसान अच्छे से प्रबंधन करता है तो प्रति हेक्टेयर 1 लाख 30 हज़ार रुपये से 1 लाख 50 हजार रुपए तक कमा सकता है.इसकी खेती करते समय प्लास्टिक पलवार के माध्यम से फूल गोभी को लगाया जाना चाहिए. ऐसा करने से फूलगोभी में कीट पतंग का प्रकोप नहीं के बराबर होता है. -डॉ घनश्याम दास साहू, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक

टपक सिंचाई पद्धति का करें इस्तेमाल: डॉक्टर घनश्याम दास साहू ने आगे कहा कि, "प्रदेश के किसानों को फूलगोभी की खेती करते समय टपक सिंचाई पद्धति का इस्तेमाल करना चाहिए. जब भी फूलगोभी का बेड बनाएं तो किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पौध से पौध की दूरी 45 सेमी कतार से कतार की दूरी 45 सेमी होनी चाहिए. फूल गोभी की इस किस्म को सीडलिंग करें या फिर थरहा लगाए.गोभी की फसल प्रदेश के किसान 90 से 120 दिनों में आसानी से ले सकते हैं.

फूलगोभी की लेट वैरायटी की किस्म को अक्टूबर और नवंबर के महीने में लगाया जाना चाहिए. दिसंबर और जनवरी के आसपास फूलगोभी की खेती पूरी की जा सकती है. प्रदेश की किसानों को इसके लिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए की अच्छी किस्म के साथ ही टपक सिंचाई के माध्यम से और पलवार पद्धति से फूलगोभी की खेती करनी चाहिए. -डॉ घनश्याम दास साहू, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक

प्रति हेक्टेयर होती इतनी कमाई: कृषि वैज्ञानिक की मानें तो प्रदेश के किसान गोभी वर्गीय फसलों में फूलगोभी की खेती अपने खेतों में और बाड़ियों में भी आसानी से कर सकते हैं. प्रदेश के किसान उन्नत तरीके से गोभी की खेती करते हैं तो प्रति हेक्टेयर 1 लाख 20 हजार रुपये से 1 लाख 50 हजार रुपए तक कमा सकते हैं.

नोट: खबर में प्रकाशित बातें कृषि वैज्ञानिक की ओर से कही गई बातें है. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता.

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