रायपुर: प्रदेश के हजारों सहायक शिक्षक अपने भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं. यह सभी बीएड सहायक शिक्षक हैं. इनकी भर्ती लगभग 1 साल पहले की गई थी, लेकिन अब इन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है. इस कारण उनके सामने आर्थिक तंगी की समस्या पैदा हो रही है. कई लोगों ने इस नौकरी में रहते हुए लोन लिया, तो कुछ की शादी भी तय हो गई. अगर नौकरी नहीं रही तो उनके भविष्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा.
रमन सिंह के आवास पहुंचे सहायक शिक्षक: अपनी इस नौकरी को बचाने के लिए ये सहायक शिक्षक लगातार शासन प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. इसी कड़ी में बुधवार को ये सभी सहायक शिक्षक विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह के शंकर नगर स्थित शासकीय आवास पहुंचे. हालांकि रमन सिंह से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी. फिर भी इन्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देगी और इन्हें बेरोजगार होने से बचाएगी.
सहायक शिक्षकों का छलका दर्द: इन सहायक शिक्षकों में वेद प्रकाश सिंह राजपूत ने कहा, "पूरे प्रदेश के लगभग 3000 बीएड सहायक शिक्षक है. इनकी भर्ती नियम के तहत की गई थी, लेकिन अब नियम बदल गया है. इसमें हमारा क्या दोष है? इस भर्ती के लिए बाकायदा सूचना जारी की गई थी. परीक्षाए ली गई, मेरिट लिस्ट तैयार किया गया. उसके बाद उन्हें यह नौकरी मिली है, लेकिन उन्हें नौकरी से बाहर किया जा रहा है, जिससे उनका भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है.
"हमने इस नौकरी के भरोसे आगे की तैयारी कर रखी है, लेकिन नौकरी ही नहीं रहेगी तो कई काम नहीं हो पाएंगे. आगे भले ही नए नियम से भर्ती हो, लेकिन अभी जिन लोगों की भर्ती हो गई है, उन्हें यथावत नौकरी पर रहने दिया जाए. इसी मांग को लेकर हम मुख्यमंत्री से लेकर सभी लोगों से मिल चुके हैं. आज विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह से मिलने पहुंचे हैं." -वेद प्रकाश सिंह राजपूत, सहायक शिक्षक
पिछले एक साल से काम कर रहे सहायक शिक्षक: एक अन्य सहायक शिक्षक भावना बसोने ने कहा, "हम लगभग 2900 बी. एड. प्रशिक्षित सहायक शिक्षक पिछले 1 साल से बस्तर और सरगुजा संभाग के सुदूर अंचल में काम कर रहे हैं. राज्यपाल द्वारा अनुमोदित गजट 'छत्तीसगढ़ राज्य भर्ती नियम 2019' के तहत हुई है. हम सभी सहायक शिक्षक, छत्तीसगढ़ व्यापम दवारा आयोजित भर्ती परीक्षा (2023) पास कर मेरिट में स्थान प्राप्त कर शैक्षणिक सेवा में आए हैं. हमारी भर्ती राज्य शासन के नियमों के अधीन हुई है. हम 2900 चयनित सहायक शिक्षकों में से लगभग 71% अभ्यर्थी अनुसूचित जनजाति (ST) तथा अनुसूचित जाति (SC) से आते हैं."
"हमारी नियुक्ति उच्च न्यायालय की ओर से अमान्य घोषित कर दी गई, जिसे छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय में SLP 23565/2024 दायर कर चुनौती दी गई थी. सहायक शिक्षकों की ओर से भी कुछ SLPs लगाई गई थी. 28 अगस्त 2024 को इस मामले की सुनवाई हुई, जहां सुप्रीम कोर्ट की ओर से तमाम SLPs खारिज कर दी गई हैं.हमारे परिवार का जीवन इसी नौकरी पर ही आश्रित है. हम मानसिक, आर्थिक और सामाजिक तौर पर उत्पीड़न से गुजर रहे हैं." -भावना बसोने, सहायक शिक्षक
सहायक शिक्षकों की मांग:
- छत्तीसगढ़ सरकार अध्यादेश लाकर नियुक्त सहायक शिक्षकों का पद सुरक्षित करें.
- हम बी.एड. अभ्यथर्थी शिक्षक पद (वर्ग-2) हेतु आवश्यक अहर्ताए रखते हैं, अतः वर्तमान में राज्य में वर्ग-2 के जो 15588 पद रिक्त हैं, उनमें हमें समायोजित करें.