मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: छत्तीसगढ़ के सरगुजा और बस्तर संभाग के सुदूर अंचलों में सेवा दे रहे करीब 2900 नवनियुक्त सहायक शिक्षक इस समय गंभीर चिंता में हैं. राज्य के विभिन्न सरकारी स्कूलों में पदस्थ ये शिक्षक अपनी नौकरी को लेकर असमंजस में हैं, क्योंकि उनकी नियुक्ति को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अमान्य घोषित कर दिया है.
ये सभी शिक्षक बीएड प्रशिक्षित हैं और 2023 में व्यापम की तरफ से आयोजित परीक्षा पास कर मेरिट के आधार पर सरकारी सेवा में आए थे. इनकी नियुक्ति राज्यपाल द्वारा अनुमोदित छत्तीसगढ़ राज्य भर्ती नियम 2019 के तहत हुई थी. लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद इनकी नौकरी पर संकट खड़ा हो गया है. मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में टीचर्स कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपनी नौकरी बचाने छत्तीसगढ़ सरकार के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
लगभग 2900 टीचर्स की सरकार से अपील:
"डीएड का कोर्स कराकर सरकार बचा सकती है हमारी नौकरी": मेघा जैन, शिक्षिका ने बताया- " हम सारे अवसर खो चुके हैं. हमें ये कहा जा रहा है कि सिर्फ डीएड की डिग्री न होने के कारण इस पोस्ट पर ना रहें. कई ऑप्शन है जिससे सरकार हमारी नौकरी बरकरार रख सकती है. हम सभी में कई ऐसे शिक्षक है जो दूसरी नौकरी छोड़ कर आए है और उनकी अब दूसरे सरकारी नौकरी के लिए उम्र हो चुकी है. इससे जीवनयापन का संकट हो जाएगा. सरकार हमें डीएड का कोर्स कराकर पद पर बने रहने की अनुमति दे सकती है. "
"हमारी नौकरी बचा लें सरकार" : धनेश राठौर, एक अन्य शिक्षक, ने बताया " हम प्रताड़ित हो रहे हैं. हमें अटैच कर सकते हैं. पहले भी संविदा कर्मचारियों को सम्मिलित करके उनकी नौकरी बचाई गई थी. छत्तीसगढ़ के कई स्कूलों में टीचर्स की कमी है, कई जगह सिर्फ एक टीचर के भरोसे स्कूल चल रहा है. हम पूरे 2897 शिक्षक है, जो दूरस्थ इलाकों में जाकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. सरकार से उम्मीद करते हैं कि हमें समायोजित कर हमारी नौकरी को सुरक्षित रखा जाएं. पिछले एक साल से नौकरी में कार्यरत हैं और अब अचानक से नौकरी चले जाना से घर परिवार में सकंट आ जाएगा. "
नौकरी बचाने के लिए टीचर्स ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. टीचर्स का कहना है यदि उनकी नौकरी छिन जाती है तो उनके परिवार की आर्थिक स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हो जाएगी.