नई दिल्ली: छठ महापर्व समन्वय मंच की तरफ से आईटीओ स्थित प्यारेलाल भवन में मीटिंग का आयोजन किया गया. इसमें इस वर्ष छठ पूजा को लेकर यमुना में छठ पूजा का आयोजन हो सके, उसको लेकर चर्चाएं की गई. इस दौरान दिल्ली के अलग-अलग जगह से छठ समिति के लोग मौजूद रहे. साथ ही इस मीटिंग के बाद छठ सेनानियों को सम्मानित किया गया.
समारोह के आयोजक रजनीश झा ने कहा कि छठ पूजा पूर्वांचल के लोगों का बड़ा त्योहार होता है. हर वर्ष पूर्वांचल के लोग छठ पूजा का इंतजार करते हैं, लेकिन पिछले कई वर्षों से यमुना में त्योहार मनाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. हम सरकार से हर वर्ष इस त्योहार को यमुना नदी में मनाने के लिए कई प्रकार की मांग करते हैं, लेकिन हर वर्ष हमारी मांगों को अनदेखा कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि अगर इस वर्ष यमुना में हमें छठ पूजा मनाने के लिए अनुमति नहीं दी जाती तो हम सीएम आवास के पास ही छठ पूजा करेंगे.
रजनीश झा ने कहा कि छठ पूजा यमुना में होनी चाहिए, जो नहीं होती है. पूर्वांचल की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. उसे कुछ लोकल लोग घबरा कर पूर्वांचल की संस्कृति को रोकने का प्रयास करते हैं. छठ महापर्व पर दिल्ली में पूर्वांचल की संख्या काफी दिखती है. जब उन्हें लगता है कि हमें प्रतिनिधित्व देना पड़ेगा तो तरह-तरह का हथकंडा अपनाकर यमुना में छठ पर रोक लगा देते हैं.
एनजीटी दिल्ली की यमुना में छठ पूजा पर रोक लगा देती है. हरियाणा में यमुना में छठ पूजा पर कार्यक्रम होता है. यूपी में कार्यक्रम होता है. छठ पूजा यमुना घाट पर मनाई जाती है. इस बात का जवाब ना तो दिल्ली सरकार दे पा रही है ना ही केंद्र सरकार दे पा रही है. छठ के लिए जो फंड गवर्नमेंट की तरफ एलॉटेड होता है, हम लोग यह डिमांड करें अगर आपको पैसा देना है तो वह पैसा समिति को दें. क्योंकि गवर्नमेंट यह बताती है कि हम छठ पर 25 करोड रुपये खर्च करते हैं. हर वर्ष दिल्ली सरकार छठ पूजा को लेकर फंड देती है. हम चाहते हैं कि अलग-अलग जगह पर यह फंड न देकर समितियों को फंड दिया जाए. ताकि सही प्रकार से कार्यक्रम का आयोजन हो सके.
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