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Rajasthan: नहाय खाय के साथ होगा छठ महापर्व का आगाज: गलता तीर्थ और आमेर के मावठा में होगी पूजा

पूर्वांचल के प्रमुख पर्व छठ का प्रारंभ नहाय खाय के साथ होगा. यह चार दिन तक चलेगा. इस दौरान सूर्य की पूजा की जाएगी.

Chhath festival in Jaipur
नहाय खाय के साथ होगा छठ महापर्व का आगाज (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 4, 2024, 8:20 PM IST

जयपुर: छठ पूजा के पावन पर्व का मंगलवार को नहाय खाय के साथ आगाज होगा. पूर्वांचल की संस्कृति जयपुर में साकार होगी. 5 नवंबर से 8 नवंबर तक छोटी काशी भगवान भास्कर की भक्ति में सराबोर होगी और छठी मैया का गुणगान किया जाएगा. इसे लेकर जयपुर के गलता तीर्थ और आमेर के मावठे में तैयारी की जा रही है. वहीं, कई कृत्रिम जलाशय भी तैयार किए जा रहे हैं.

दीपोत्सव के बाद आस्था, सामाजिक समरसता, साधना और सूर्योपासना का महापर्व डाला छठ की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. राजधानी में रहने वाले बिहार और झारखंड सहित पूर्वांचल के लोग पर्व मनाने के लिए जुट रहे हैं. बिहार समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन शर्मा ने बताया कि जगह-जगह साफ सफाई, जलाशय बनाने की तैयारी की जा रही है. जयपुर में करीब 5 लाख से ज्यादा प्रवासी बिहारवासी हैं. इनमें से लगभग 65 फीसदी लोग यहीं इस महापर्व को मनाएंगे.

नहाय खाय के साथ होगा छठ महापर्व का आगाज (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: आमेर मावठा में 7 साल बाद फिर होगी छठ पूजा, पुरातत्व विभाग ने दी 3 दिन की अनुमति

ऐसे में जयपुर में गलता तीर्थ, आमेर मावठा प्रमुख जलाशय हैं, जहां छठ महापर्व का आयोजन होगा. इसके अलावा एनबीसी के पीछे दुर्गा विस्तार कॉलोनी, शास्त्री नगर किशन बाग, प्रताप नगर, मालवीय नगर, मुरलीपुरा, गणेश वाटिका, निवारू रोड, कटेवा नगर, रॉयल सिटी माचवा, विश्वकर्मा, झोटवाड़ा, जवाहर नगर, आदर्श नगर, सिरसी रोड में कृत्रिम जलाशय तैयार किए गए हैं.

नहाय खाय के बाद होगा खरना व्रत: मैथिली भोजपुरी छठ पूजा एकता समिति के प्रमुख संजीव मिश्रा ने बताया कि छठ महापर्व महिलाओं के अस्तित्व को सम्मानित करता है. पांच नवंबर को पर्व नहाय खाय से शुरू होगा. इसके बाद खरना व्रत होगा. व्रती खरना की पूजा करेंगे. इसमें छठ करने वाले श्रद्धालु पूरे दिन निर्जला उपवास करके सायंकाल भगवान भास्कर की पूजा करके प्रसाद ग्रहण करेंगे. प्रसाद पाने के बाद व्रती 36 घंटे का निर्जला अनुष्ठान का संकल्प लेंगे. तीसरे दिन 7 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. छठ पर्व के चौथे और आखिरी दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर महाव्रत का समापन करेंगे. इसके साथ ही 36 घंटे से चला आ रहा निर्जला उपवास भी पूर्ण होगा. बता दें कि छठ पूजा के पावन पर्व पर कुछ जगह छठी मैया की पूजा और भजन संध्या का आयोजन भी किया जाएगा. इसके साथ में छठी मैया का दिव्य और अलौकिक शृंगार भी किया जाएगा. जयपुर में बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तरप्रदेश के लोग बड़ी संख्या में रह रहे हैं, जो यहां पूजा अर्चना करेंगे.

जयपुर: छठ पूजा के पावन पर्व का मंगलवार को नहाय खाय के साथ आगाज होगा. पूर्वांचल की संस्कृति जयपुर में साकार होगी. 5 नवंबर से 8 नवंबर तक छोटी काशी भगवान भास्कर की भक्ति में सराबोर होगी और छठी मैया का गुणगान किया जाएगा. इसे लेकर जयपुर के गलता तीर्थ और आमेर के मावठे में तैयारी की जा रही है. वहीं, कई कृत्रिम जलाशय भी तैयार किए जा रहे हैं.

दीपोत्सव के बाद आस्था, सामाजिक समरसता, साधना और सूर्योपासना का महापर्व डाला छठ की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. राजधानी में रहने वाले बिहार और झारखंड सहित पूर्वांचल के लोग पर्व मनाने के लिए जुट रहे हैं. बिहार समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन शर्मा ने बताया कि जगह-जगह साफ सफाई, जलाशय बनाने की तैयारी की जा रही है. जयपुर में करीब 5 लाख से ज्यादा प्रवासी बिहारवासी हैं. इनमें से लगभग 65 फीसदी लोग यहीं इस महापर्व को मनाएंगे.

नहाय खाय के साथ होगा छठ महापर्व का आगाज (ETV Bharat Jaipur)

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ऐसे में जयपुर में गलता तीर्थ, आमेर मावठा प्रमुख जलाशय हैं, जहां छठ महापर्व का आयोजन होगा. इसके अलावा एनबीसी के पीछे दुर्गा विस्तार कॉलोनी, शास्त्री नगर किशन बाग, प्रताप नगर, मालवीय नगर, मुरलीपुरा, गणेश वाटिका, निवारू रोड, कटेवा नगर, रॉयल सिटी माचवा, विश्वकर्मा, झोटवाड़ा, जवाहर नगर, आदर्श नगर, सिरसी रोड में कृत्रिम जलाशय तैयार किए गए हैं.

नहाय खाय के बाद होगा खरना व्रत: मैथिली भोजपुरी छठ पूजा एकता समिति के प्रमुख संजीव मिश्रा ने बताया कि छठ महापर्व महिलाओं के अस्तित्व को सम्मानित करता है. पांच नवंबर को पर्व नहाय खाय से शुरू होगा. इसके बाद खरना व्रत होगा. व्रती खरना की पूजा करेंगे. इसमें छठ करने वाले श्रद्धालु पूरे दिन निर्जला उपवास करके सायंकाल भगवान भास्कर की पूजा करके प्रसाद ग्रहण करेंगे. प्रसाद पाने के बाद व्रती 36 घंटे का निर्जला अनुष्ठान का संकल्प लेंगे. तीसरे दिन 7 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. छठ पर्व के चौथे और आखिरी दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर महाव्रत का समापन करेंगे. इसके साथ ही 36 घंटे से चला आ रहा निर्जला उपवास भी पूर्ण होगा. बता दें कि छठ पूजा के पावन पर्व पर कुछ जगह छठी मैया की पूजा और भजन संध्या का आयोजन भी किया जाएगा. इसके साथ में छठी मैया का दिव्य और अलौकिक शृंगार भी किया जाएगा. जयपुर में बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तरप्रदेश के लोग बड़ी संख्या में रह रहे हैं, जो यहां पूजा अर्चना करेंगे.

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