ETV Bharat / state

पीतांबरा माता के दरबार में एक अर्जी से भागेंगे भूत-प्रेत! दिन,समय सब है फिक्स

छतरपुर के पीतांबरा माता मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां एक आवेदन लगाने से भूत-प्रेत दूर भाग जाते हैं.

CHHATARPUR PITAMBARA PEETH TEMPLE
पीतांबरा पीठ मंदिर छतरपुर (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 10, 2024, 9:24 PM IST

छतरपुर: बुंदेलखंड में देवी मंदिरों की अलग-अलग मान्यताएं और सिद्धियां हैं. नवरात्रि के पर्व पर देवी मंदिरों में रोजाना भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. सच्ची श्रद्धा भाव से माता की भक्ति करने पर भक्तों की मनोकामना भी पूरी होती है. छतरपुर के सिद्ध पीतांबरा पीठ मंदिर की मान्यता भी दूर-दूर तक है. ऐसी मान्यता है कि भूत प्रेत,बाधा,दुखों का नाश करने के लिए इस मंदिर में बस आपको एक आवेदन लगाना पड़ता है और शुरू हो जाती है माता रानी की कृपा.

दतिया के साथ छतरपुर में विराजी मां पीतांबरा

छतरपुर में विराजी मां पीतांबरा की ख्याति एक शक्ति पीठ के रूप में है. एक पीतांबरा माता दतिया में विराजी हैं तो उन्हीं की छाया छतरपुर में पीतांबरा माता मानो साक्षात विराजी हैं. पुरातन काल से ही पीतांबरा माता बगलामुखी को तंत्र-मंत्र साधना की देवी के रूप में जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि संकट से बचने के लिए और मुकदमों पर विजय के लिए माता पीतांबरा की पूजा की जाती है.

भूत-प्रेत की बाधा दूर करने के लिए देना होता है आवेदन (ETV Bharat)

'एक आवेदन से बरसने लगती है माता की कृपा'

पीतांबरा मंदिर के पुजारी ब्रजेश महाराज बताते हैं कि "छतरपुर में पीतांबरा पीठ मंदिर में आपको अपने दुखों, कष्टों,भूत-प्रेत बाधाओं को दूर करने के लिए एक आवेदन भर कर देना होता है. कहा जाता है कि जैसे ही आप आवेदन को पूरा भरकर मंदिर में जमा करते हैं तो माता की कृपा होना शुरू हो जाती है. आवेदन में आपको अपना नाम, पता, मोबाईल नंबर, रोग, कितनी जगह पहले इलाज करा चुके सभी स्थानों का विवरण भरकर देना होता है. इसके लिए रविवार का दिन तय है. दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक यह अर्जी लगाई जाती है. जैसे किसान जमीन पर बीज डालता है तो फल मिलता ही है उसी प्रकार जो भी पीतांबरा माई के पास अर्जी लगाता है उसको फल जरूर मिलता है."

ये भी पढ़ें:

यह है मालवा का वैष्णो देवी मंदिर, जहां टहलती हैं देवी मां, निरोगी होकर लौटते हैं भक्त

मध्य प्रदेश का सबसे भव्य दुर्गा पंडाल! इसे देखा तो आंखों से बहते हैं झरझर आंसू

'किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं'

पीतांबरा मंदिर के पुजारी ब्रजेश महाराज बताते हैं कि "रोगी को माता की उपासना, प्रार्थना सभा में सम्मलित होना जरूरी है. अगर कोई दूर रहता है तो वह अपना आवेदन भर कर डाक द्वारा भेज सकता है. आवेदन पर रोगी को अपनी फोटो लगानी अनिवार्य रहती है. इस सारी प्रक्रिया के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना है. सब कुछ निशुल्क होता है. ऐसी मान्यता है कि पीतांबरा पीठ माता जिस पर खुश हो जाती हैं उसके ग्रह की चाल बदल देती हैं. मुकदमों पर विजय हासिल होती है. भूत पिशाच निकट नहीं आते हैं,और जीवन खुशियों से भर जाता है. जो भी माई की शरण में आता है उसकी मनोकामना पूर्ण होती है."

छतरपुर: बुंदेलखंड में देवी मंदिरों की अलग-अलग मान्यताएं और सिद्धियां हैं. नवरात्रि के पर्व पर देवी मंदिरों में रोजाना भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. सच्ची श्रद्धा भाव से माता की भक्ति करने पर भक्तों की मनोकामना भी पूरी होती है. छतरपुर के सिद्ध पीतांबरा पीठ मंदिर की मान्यता भी दूर-दूर तक है. ऐसी मान्यता है कि भूत प्रेत,बाधा,दुखों का नाश करने के लिए इस मंदिर में बस आपको एक आवेदन लगाना पड़ता है और शुरू हो जाती है माता रानी की कृपा.

दतिया के साथ छतरपुर में विराजी मां पीतांबरा

छतरपुर में विराजी मां पीतांबरा की ख्याति एक शक्ति पीठ के रूप में है. एक पीतांबरा माता दतिया में विराजी हैं तो उन्हीं की छाया छतरपुर में पीतांबरा माता मानो साक्षात विराजी हैं. पुरातन काल से ही पीतांबरा माता बगलामुखी को तंत्र-मंत्र साधना की देवी के रूप में जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि संकट से बचने के लिए और मुकदमों पर विजय के लिए माता पीतांबरा की पूजा की जाती है.

भूत-प्रेत की बाधा दूर करने के लिए देना होता है आवेदन (ETV Bharat)

'एक आवेदन से बरसने लगती है माता की कृपा'

पीतांबरा मंदिर के पुजारी ब्रजेश महाराज बताते हैं कि "छतरपुर में पीतांबरा पीठ मंदिर में आपको अपने दुखों, कष्टों,भूत-प्रेत बाधाओं को दूर करने के लिए एक आवेदन भर कर देना होता है. कहा जाता है कि जैसे ही आप आवेदन को पूरा भरकर मंदिर में जमा करते हैं तो माता की कृपा होना शुरू हो जाती है. आवेदन में आपको अपना नाम, पता, मोबाईल नंबर, रोग, कितनी जगह पहले इलाज करा चुके सभी स्थानों का विवरण भरकर देना होता है. इसके लिए रविवार का दिन तय है. दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक यह अर्जी लगाई जाती है. जैसे किसान जमीन पर बीज डालता है तो फल मिलता ही है उसी प्रकार जो भी पीतांबरा माई के पास अर्जी लगाता है उसको फल जरूर मिलता है."

ये भी पढ़ें:

यह है मालवा का वैष्णो देवी मंदिर, जहां टहलती हैं देवी मां, निरोगी होकर लौटते हैं भक्त

मध्य प्रदेश का सबसे भव्य दुर्गा पंडाल! इसे देखा तो आंखों से बहते हैं झरझर आंसू

'किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं'

पीतांबरा मंदिर के पुजारी ब्रजेश महाराज बताते हैं कि "रोगी को माता की उपासना, प्रार्थना सभा में सम्मलित होना जरूरी है. अगर कोई दूर रहता है तो वह अपना आवेदन भर कर डाक द्वारा भेज सकता है. आवेदन पर रोगी को अपनी फोटो लगानी अनिवार्य रहती है. इस सारी प्रक्रिया के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना है. सब कुछ निशुल्क होता है. ऐसी मान्यता है कि पीतांबरा पीठ माता जिस पर खुश हो जाती हैं उसके ग्रह की चाल बदल देती हैं. मुकदमों पर विजय हासिल होती है. भूत पिशाच निकट नहीं आते हैं,और जीवन खुशियों से भर जाता है. जो भी माई की शरण में आता है उसकी मनोकामना पूर्ण होती है."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.