छतरपुर। जिले के मऊ सहानियां में संस्कृति विभाग व महाराजा छत्रसाल महोत्सव समिति द्वारा दो दिवसीय विरासत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन के पहले दिन रविवार को बुन्देली लोकगायन से महोत्सव का शंखनाद हुआ. पहले दिन छतरपुर की जानी-मानी लोकगायिका अनामिका पांडे द्वारा शानदार प्रस्तुति देकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई. इसके बाद अन्य कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियां दीं. जिन्हें देखकर वहां मौजूद लोग भाव-विभोर हो गए.
गायक खनिज देव चौहान ने जीता लोगों का दिल
महाराजा छत्रसाल शौर्य पीठ के रंग मंच पर आयोजित रंगारंग व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत रविवार शाम को लोक गायिका अनामिका पांडे और उनकी टीम ने बुंदेली गीतों की शानदार प्रस्तुति दी. इसके बाद छतरपुर के भक्ति गायक खनिज देव चौहान ने खबर एक से बढ़कर एक भक्ति, देशभक्ति और फिल्मी गीत गाकर लोगों का दिल जीत लिया. फिर शिरीष राजपुरोहित उज्जैन के निर्देशन में महादेव लीला-नाट्य के रूप में अंतिम प्रस्तुति दी गई.
किया गया समुद्र मंथन का मंचन
इस दौरान कलाकारों ने नाटक के माध्यम से बताया कि सबसे पहले कथावाचक महादेव ही हैं. आगे दिखाया कि देवताओं को परेशान करने के लिए त्रिपुरासुर नामक राक्षस ने स्वर्ग पर कब्जा कर लिया था, उसके अत्याचारों से हर कोई परेशान हो गया था. ऐसे में हर कोई चाहता था कि उसके आतंक से मुक्ति मिल जाए. फिर भगवान शिव की आराधना की गई और फिर उन्होंने त्रिपुरासुर का वध किया. इसी क्रम में समुद्र मंथन के आख्यान को भी दिखाया गया है. जिसमें समुद्र मंथन से विष निकलता है, तो उसके पान के लिए भगवान शिव का ही स्मरण किया जाता है. अगर वह विष पान नहीं करते तो इस सृष्टि की कल्पना असंभव थी. जिसे कलाकारों ने बहुत ही खूबसूरत रूप में दिखाने की कोशिश की है. पूरे नाट्य मंचन में कलाकारों ने प्रोजेक्ट थीम पर काम करते हुए बेहतरीन अदाकारी दिखाई, जबकि परदे के पीछे से रिकॉर्डेड आवाज के कलाकारों ने भी बेहतरीन कार्य किए.