छतरपुर। कलेक्ट्रेट में कलेक्टर की जनसुवाई के दौरान 71 साल के बुजुर्ग द्वारा पेट्रोल डालकर आत्मघाती कदम उठाने के मामले में कलेक्टर पार्थ जैसवाल के निर्देश पर जांच हुई. एसडीएम लवकुशनगर राकेश शुक्ला ने जांच कर मामले का जो खुलासा किया, वह चौकाने वाला है. दरअसल, चाचा-भतीजे दोनों सरकारी जमीन पर कब्जा किए हैं. बुजुर्ग भी सरकारी जमीन पर कब्जे किए है, कब्जा न हट जाए. इसलिए बुजुर्ग ने अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए साजिश रची.
जनसुनवाई के दौरान अपने ऊपर डाला पेट्रोल
बता दें कि छतरपुर जिला कलेक्ट्रेट के जिला पंचायत में कलेक्टर पार्थ जैसवाल की जनसुवाई चल रही थी. इसी दौरान के जिले के बछोन चौकी निवासी 71 साल बुजुर्ग ने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आत्मघाती कदम उठाया. बुजुर्ग रामस्वरूप उपाध्याय का आरोप था कि उसका जमीनी विवाद उसके ही भाई रामसजीवन, राजेन्द्र कुमार, अमित सहित परिवार के लोगों से चल रहा है. ये लोग उसे जमीन से रास्ता नहीं दे रहे हैं. इस कारण खेतों ने बुवाई नहीं हो पा रही है. जब मामले की जांच कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने लवकुशनगर एसडीएम राकेश शुक्ला को सौंपी तो मामले में जो खुलासा हुआ, वह हैरत करने वाला है.
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सरकारी जमीन पर कब्जा किए हैं दोनों पक्ष
एसडीएम राकेश शुक्ला ने बताया "आवेदक और उसके भतीजे की बीच रास्ता विवाद की शिकायत पूर्व में प्राप्त हुई थीं. इस संबंध में तहसीलदार द्वारा 11 अक्टूबर 2024 कोरास्ता खुलासा करा दिया गया था. इसके बाद अनावेदकों द्वारा पुनः रास्ता अवरुद्ध किया गया. इस संबंध तहसीलदार द्वारा पुनः 23 अक्टूबर 2024 को हल्का पटवारी के साथ मौके पर जाकर रास्ता खुलवा दिया गया. शिकायकर्ता रामस्वरूप द्वारा भी शासकीय भूमि खसरा नंबर 508 पर अतिक्रमण किया गया है. दोनों पक्ष शासकीय भूमि पर कब्जा करना चाहते हैं."