छतरपुर : समाज में ऐसे विरले लोग हैं जो अपनी जान की परवाह किए बगैर दूसरों के जीवन को सुधारने के लिए काम में अनवरत लगे हुए हैं. छतरपुर के नजरबाग में रहने वाले एडवोकेट संजय शर्मा बीते 34 सालों से अपने खर्च पर मानसिक रूप से विक्षिप्त और असहायों की मदद कर रहे हैं. मानसिक रूप से विक्षिप्त जो कई सालों से अपने घर में जानवरों की तरह जंजीरों में बंधे होते हैं, परिजन उन्हें पीटते हैं. लेकिन संजय शर्मा ऐसे लोगों के लिए मसीहा हैं. ऐसे खूंखार मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों का रेस्क्यू संजय शर्मा बड़ी लगन के साथ कर रहे हैं.
एडवोकेट संजय शर्मा को अब तक 94 पुरस्कार
ऐसे कामों को देखते हुए एडवोकेट संजय शर्मा को तत्कालीन न्यायमूर्ति दीपक मिश्र (सुप्रीम कोर्ट) द्वारा सम्मानित किया गया. अंतर्राष्ट्रीय गॉडफ्रे ब्रेवरी अवार्ड, एमपी शासन का महर्षि दधीचि सम्मान, बुंदेलखण्ड गौरव छतरपुर सम्मान सहित अभी तक 94 बार सम्मानित किया जा चुका है. पूर्व राष्ट्रपति डॉ.अब्दुल कलाम ने भी संजय शर्मा को शुभकामना संदेश भेजा था. अब राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने डॉ. संजय शर्मा शर्मा को राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार से सम्मानित किया है. राष्ट्रपति ने मंगलवार को नई दिल्ली में संजय शर्मा पुरस्कार से सम्मानित किया. इस कार्यक्रम में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार भी उपस्थित रहे. संजय शर्मा पुरस्कार लेने के बाद कहते हैं "ये पूरे बुंदेलखंड का सम्मान है. मकसद यही है कि अन्य लोग भी असहायों की मदद करें. अपने लिए तो हर कोई जीता है, दूसरों के लिए जियो तो कुछ अलग बात है."
मानसिक विक्षिप्तों का इलाज, मुख्य धारा में वापसी कराई
मानसिक रूप से विक्षिप्तों का रेस्क्यू कर उनका इलाज करवाकर मुख्य धारा में लाने के काम में संजय शर्मा कई सालों से लगे हैं. ऐसे पीड़ित लोगों को वह समाज की मुख्य धारा में जोड़कर उनका पुर्नवास करते हैं. संजय शर्मा छतरपुर जिला जिला हॉस्पिटल में शिविर लगाकर पिछले 15 सालों से लोगों की मदद कर रहे हैं. बता दें कि संजय शर्मा हाईकोर्ट जबलपुर में जजों के साथ, पुलिस प्रशिक्षण अकादमी (भौरी) भोपाल में प्रशिक्षु डीएसपी एवं विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं लॉ कॉलेज छतरपुर की कार्यशालाओं में मेंटल एक्ट पर लगातार व्याख्यान देते हैं. उनके कार्यों पर कई छात्र पीएचडी कर रहे हैं. संजय शर्मा ने अभी तक देशभर में करीब 8 हजार मानसिक विक्षिप्तों का इलाज कराया और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा.
जंजीरों से जकड़े कई विक्षिप्तों को नया जीवन दिया
एडवोकेट संजय शर्मा एक ऐसे ही केस का हवाला देकर कहते हैं "हरपालपुर निवासी एक युवक मानसिक विक्षिप्त हो गया था. उसके घर वाले ने जैसे ही सूचना दी तो वह वहां पहुंचे. उससे से कोई बात नही करता था. उसके पास कोई जाता तो वह मारपीट करता था, उसने अपनी मां और पत्नी का गला दबा दिया था." संजय शर्मा ने उससे बात की उसका हाल जाना और उसका इलाज करवाया. आज वह पूरी तरह से ठीक हो चुका है और वह चाट का ठेला लगाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है. ऐसे ही चंदनगर का एक युवक मानसिक रूप से विक्षिप्त था. लोगों को पत्थर मारता था, लेकिन वह अब वह ठीक हो गया. नौगांव में भी मानसिक रूप से विक्षिप्त एक युवक को भी कड़ी मेहनत के बाद संजय शर्मा ने ठीक करवाया.
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कहीं भी मानसिक विक्षिप्त की जानकारी मिलते ही पहुंचते हैं संजय शर्मा
छतरपुर के ग्रामीण इलाके के निवासी एक पंडित जी की मानसिक स्थित खराब हो गई. संजय शर्मा ने उनका इलाज कराकर उनको एक नया जीवन दिया. ग्राम बारी के एक व्यक्ति के दो पुत्र मानसिक विक्षिप्त हो चुके थे . वे अपनी पत्नी बच्चों और परिवार के लोगो के साथ मारपीट करते थे. उनकी पत्नियां उनको छोड़कर चली गईं. लेकिन संजय शर्मा उनके लिए मसीहा बनकर आये और उन दोनों भाइयों का इलाज करवाया. आज वे पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं और परिवार के साथ फिर से जीवनयापन कर रहे हैं.