अजमेर. भगवान झूलेलाल के अवतरण दिवस को चेटीचंड के रूप में अजमेर के सिंधी समाज के लोगों ने हर्षोल्लास के साथ मनाया. देहली गेट के समीप झूलेलाल धाम मंदिर में भगवान झूलेलाल की विधिवत पूजा अर्चना की गई.राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी समेत कई राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे. मंदिर से धूमधाम से शोभायात्रा का आगाज हुआ.
इस मौके पर सिंधी समाज में जबरदस्त उत्साह दिखाई दिया. मंदिर से जय झूलेलाल के जयकारे लगाते हुए शोभायात्रा देहली गेट, गंज, फव्वारा सर्किल, आगरा गेट, नया बाजार, चौपड़, चूड़ी बाजार, गांधी भवन, मदार गेट, क्लॉक टावर, पड़ाव, केसर गंज तक गई.
मंदिर से निकली पवित्र ज्योत: भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय सिंधी समाज के लोग पाकिस्तान से भगवान झूलेलाल मंदिर की ज्योत लेकर आए थे. वह ज्योत आज भी भगवान झूलेलाल धाम मंदिर में प्रज्ज्वलित है. शोभायात्रा में भी आमजन के दर्शन के लिए प्रज्ज्वलित ज्योत को साथ में लिया गया. मार्ग में जगह-जगह सिंधी समाज के लोगों ने पवित्र ज्योत के दर्शन कर परिवार में खुशहाली की कामना की.
देवनानी व भदेल ने खेला डांडिया: शोभायात्रा में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और अजमेर दक्षिण से विधायक अनीता भदेल एवं अजमेर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी डांडिया खेलते नजर आए.
देश की सर्वश्रेष्ठ शोभायात्रा अजमेर में: देवनानी ने कहा कि अजमेर में निकाली गई शोभा यात्रा देश में सबसे बेहतर रहती है. उन्होंने कहा कि भगवान झूलेलाल ज्योति और जल के प्रतीक है. समाज इनको बारंबार प्रणाम करता है. अजमेर दक्षिण की विधायक अनीता भदेल ने कहा कि चेटीचंड के अवसर पर सिंधी समाज के लोगों ने भव्य शोभायात्रा निकाली है. इसमें अन्य जाति धर्म के लोग भी शामिल हुए है. सभी मिलकर इस पर्व कोष के साथ मना रहे हैं.
जय झूलेलाल से गूंजा अजमेर: भगवान झूलेलाल की शोभायात्रा में इस बार झांकियों की संख्या कम की गई है. चेटीचंड महोत्सव समिति की ओर से निर्णय किया गया था कि गत वर्ष निकाली गई झांकियां रिपीट नहीं होगी. यही वजह है कि 100 से अधिक निकलने वाली झांकियां अब 56 ही रह गई. इनमें सामाजिक संदेश देने वाली झांकियां थी. वहीं मेक इन इंडिया, जल को बचाने और प्रगति की ओर बढ़ रहे भारत की झांकी भी आकर्षक रही. झांकियों में बाबा महाकाल, केदारनाथ, नदी पर सवार भोलेनाथ, कमल पर बैठे भगवान झूलेलाल, झूला झूलते हुए कन्हैया आदि मनमोहक झांकियां थी. खास बात यह रही कि प्रत्येक झांकी के आगे युवाओं की अलग अलग टोलियां अलग-अलग थीम के परिधान पहने हुए चल रही थी. युवाओं की टोलियां नाच गाकर इस खुशी के पर्व को मनाया.
जगह-जगह हुआ स्वागत: शोभायात्रा के बीच मार्ग में जगह-जगह विभिन्न सामाजिक संस्थाओं व्यापारिक संगठनों ने फूल बरसाकर शोभायात्रा का स्वागत किया. इस बीच सिंधी समाज के कई संगठनों ने सेवा कार्य भी जारी रखा. लोगों को प्रसाद के रूप में कई तरह के पकवान और विभिन्न पेय पदार्थ जगह-जगह वितरित किए गए. शोभायात्रा में समाज के लोगों के साथ प्रबुद्ध नागरिक और संत भी नजर आए.
पुलिस और प्रशासन में संभाला मोर्चा: लंबी शोभायात्रा को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से जहां पुलिस ने मोर्चा संभाला. वहीं, ट्रैफिक पुलिस ने यातायात व्यवस्था देखी. दोनों ही व्यवस्था में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. करीब 600 से अधिक पुलिसकर्मियों ने सुरक्षा का मोर्चा संभाल रखा था.