लखनऊ : बीते दिनों कानपुर की एक कोर्ट ने 15 वर्ष पहले देशी घी में मिलावट करते हुए गिरफ्तार किए गए लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई. कोर्ट के इस फैसले से यह साफ है कि मिलावट खोरी करना कितना गंभीर अपराध है, बावजूद इसके त्योहार आते ही व्यापारी अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में मिलावट खोरी करने लग जाते हैं. ऐसे में होली से बस कुछ दिन पहले ही ईटीवी भारत आपको बताएगा कि खाद्य सामग्री में मिलावट करना कितना गंभीर अपराध है, होली में किन-किन सामग्रियों में मिलावट होती है. मिलावट होने पर आप क्या कर सकते हैं? और मिलावटखोरों से निपटने के लिए खाद्य सुरक्षा की टीम कितनी सतर्क है?
होली में इन सामग्रियों में होती है मिलावट : होली का त्योहार आते ही हर बाजार में भीड़ है. इस भीड़ के बीच बाजारों में मिठाइयां, नमकीन और गुजिया बनाने के लिए खोया की दुकान सज चुकी है. हालांकि, इन बाजारों कुछ ऐसे व्यापारी हैं जो मिलावटी सामान बेचकर लोगों को लूटने के साथ ही उनकी सेहत से भी खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसे मिलावट खोरों से निपटने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग एक्टिव है. राजधानी के मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी जेपी सिंह ने बताया कि, होली में खोया, नमकीन, देशी व वनस्पति घी और तेल में जमकर मिलावट होती है, जिसे खरीदने वाला उपभोक्ता न सिर्फ ठगा जाता है बल्कि उसकी सेहत भी खराब होती है. ऐसे में हमारी छह टीमें मिलावट के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बाजारों में घूम रही है.
दूध, खोया, छेना और पनीर की कैसे की जा सकती है जांच |
- दूध, खोया, छेना और पनीर की जांच करने के लिए सामग्री का सैंपल लेना होगा. उसमें 5 मिली गर्म पानी मिला लें. |
- सैंपल को ठंडा कर लें. इसके बाद मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिलने वाला आयोडीन के टिंचर की 2 बूंद मिला लें. |
- सैंपल यदि नीला हो जाए तो समझिए सामग्री में स्टार्च की मिलावट की गई है. |
मिठाई में लगे चांदी के वर्क की जांच करें : मिठाई में चांदी का वर्क लगा हो तो उसकी खूबसूरती बढ़ जाती है. हालांकि, यह खूबसूरती खतरनाक भी हो सकती है यदि वर्क नकली हो. सहायक खाद्य आयुक्त एसपी सिंह के मुताबिक, मिठाई में चांदी की वर्क की जगह मिलावटखोर एल्यूमिनियम के वर्क का इस्तमाल करते हैं, इसकी जांच करने का भी तरीका उपलब्ध है. चांदी के वर्क के कुछ पत्र लेकर अपनी दो उंगलियों से मसलें. शुद्ध चांदी का वर्क आसानी से चूरा बन जायेगा, जबकि एल्यूमीनियम का वर्क के छोटे छोटे टुकड़े हो जायेंगे. इसके बाद फिर से मिलावटी सैंपल के कुछ वर्क लेकर उसकी एक गेंद जैसी बना लें और उसको मोमबत्ती की लौ से जला लें. शुद्ध चांदी वर्क पूरी तरह जल जायेगा और उसकी राख के चमकदार गोले बन जायेंगे, जबकि एल्यूमीनियम का वर्क पूरी तरह स्लेटी रंग की रख में बदल जायेगा.
घी और मक्खन की कैसे करें जांच |
- बाजारों में घी और मक्खन में जम कर मिलावट की जाती है। ये मिलावट आम आदमी आसानी से पहचान नहीं कर सकता है. |
- मिलावटी घी और मक्खन बेचने के लिए मिलावटखोर आलू व शकरकंदी समेत स्टार्च की मिलावट करते हैं. |
- इसकी जांच करने के लिए कांच की कटोरी में आधा चम्मच घी या मक्खन लेना होगा. |
- इस सैंपल में 2 बूंद टिंक्चर अश्वफ आयोडीन मिलाना होगा. |
- सैंपल नीला हो तो समझ लें कि घी या मक्खन में आलू, शकरकंदी या अन्य स्टार्च की मिलावट की गई है. |
मिलावट खोरी पर हो सकती है उम्रकैद : मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी बताते हैं कि, मिलावट करने वालों के खिलाफ दो तरह को कार्रवाई होती है. एक तो वो जो मिस ब्रांड होती है. यानिकि जिनके प्रोडक्ट में ब्रांड नाम छिपा या मिटा होता है. उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई होती है. लेकिन जो मिलावट करते हैं, जिसे खाने से जान तक जा सकती है उनमें सजा का प्रावधान है. क्योंकि किसी भी प्रोडक्ट में जब मिलावट की जाती है तब उसमें खतरनाक और जानलेवा कैमिकल का इस्तेमाल होता है, जिससे कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है. यही वजह है कि बीते दिनों कानपुर की एक अदालत ने मिलावटी देशी घी बेचने वाले व्यापारी को 15 वर्ष पुराने मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है. अधिकारी ने व्यापारियों और मिलावटखोरों को चेतावनी देते हुए बताया है कि, अगर मिलावट की तो ऐसी कार्रवाई की जायेगी जो नजीर बनेगी. मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि, हमारी छह टीम रैपिड टेस्ट किट लेकर छापेमारी करने निकली है. जिससे खाद्य सामग्री की जांच की जाएगी. हालांकि, सामग्री में मिलावट है या नहीं फौरी तौर पर भी आम लोग इसकी जांच कर सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे घर में ही की जा सकती है खाद्य सामग्री की जांच.
शक्कर की जांच ऐसे करें |
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- शक्कर के बिना मिठाई बन नहीं सकती. ऐसे में दीपावली में शक्कर की बिक्री भी जमकर होती है. मिलावटखोर इसी का फायदा उठाते हैं और ज्यादा पैसा कमाने के लिए चीनी में चॉक, खड़िया, पिट्ठी चीनी या गुड़ मिलाते हैं. |
- शक्कर की गुणवत्ता जांचने के लिए भी घेरेलू तरीका मौजूद है. |
- जांचने के लिए कांच के पारदर्शी ग्लास लें. |
- पानी में 10 ग्राम चीनी का सैंपल डाल दीजिए. |
- सैंपल में ली गई चीनी में पिठ्ठी चीनी, गुड़ या चॉक खड़िया मिला होगा तो मिलावटी पदार्थ गिलास के तले पर जाकर बैठ जाएगा. |
हल्दी की जांच करने का तरीका : एसपी सिंह ने बताया कि हर वर्ष त्योहारों में प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की गई. इस दौरान 5 कुंतल नकली हल्दी बरामद की गई. इस तरह की हल्दी खाने वालों के बीमार होने का ज्यादा संभावना होती है. उन्होंने कहा कि बाजार से खरीदी गई पिसी हुई हल्दी को एक कांच के पारदर्शी गिलास में डालें, उसमे थोड़ा पानी भर दें. प्राकृतिक हल्दी पानी में डालते ही हल्का पीला रंग छोड़ती है और गिलास की तली में जाकर बैठ जाती है. वहीं, नकली हल्दी पानी में डालने पर तेज पीला रंग छोड़ती है और तली में जाकर बैठ जाती है.
नकली केसर की पहचान कैसे करें : शुद्ध केसर को तोड़ने पर वह नकली केसर की तरह आसानी से नहीं टूटता है. नकली केसर को सूखे भुट्ठे के बालों को चीनी और कोलतार आई घोल में डुबोकर बनाया जाता है. जांच करने के लिए एक कांच के पारदर्शी गिलास में पानी लेकर उसमें केसर की थोड़ी मात्रा मिला लें. यदि केसर मिलावटी होगा तो पानी में नकली रंग तुरंत घुल जायेगा. यदि शुद्ध केसर को पानी में डाला जायेगा तो यह तुरंत पानी में केसरी रंग देता रहेगा.
कहां करें शिकायत : अधिकारी के मुताबिक, खाद्य सामग्री की जांच करने पर यदि वह नकली निकले तो उपभोक्ता इसकी शिकायत कर सकता है. इसके लिए कई प्लेटफार्म हैं, जैसे मेल करने के लिए compliance@fssai.gov.in, व्हाट्सएप करने के लिए 9868686868, टोल फ्री नंबर 1800112100 या अपने जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी को भी पर कॉल कर सकते हैं.
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