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चौरासी विधानसभा उपचुनाव: चुनाव मैदान में नेताओं का जमघट, हर कोई कर रहा जीत का दावा

चौरासी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार जोरों पर है. यह आदिवासी बहुल सीट है, इसलिए सभी दल आदिवासियों को साधने में लगे हैं.

Rajasthan By Election 2024
चौरासी विधानसभा उपचुनाव (Photo ETV Bharat Dungarpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

डूंगरपुर: जिले की चौरासी विधानसभा सीट पर 13 नवम्बर को हो रहे उपचुनाव में प्रचार जोरों पर है. सभी पार्टियों के नेता यहां आकर फील्ड में घूम रहे हैं. यह सीट एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है. क्षेत्र में 70 फीसदी आबादी जनजाति की है. ऐसे में इस सीट पर जीत का फैसला एसटी वोटर ही करता है, इसलिए सभी आदिवा​सी समाज को साधने में जुटे हैं. पिछले दो विधानसभा चुनाव में एसटी वोटरों की वजह से आदिवासी समाज के नाम पर चुनावी मैदान में आई बीटीपी व बीएपी को जीत मिली है. इस बार भी जिस पार्टी पर एसटी वोटर विश्वास जताएगा, उसके सिर पर ही जीत का ताज सजेगा.

राजस्थान के दक्षिणांचल स्थित आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा सीट गुजरात राज्य से सटी हुई है. चौरासी के कई गांव डूंगरपुर मुख्यालय की जगह गुजरात में अपने कामकाज को लेकर आते जाते हैं. इस सीट पर 70 पर्सेंट एसटी वोटर्स हैं, जबकि 10 पर्सेंट ओबीसी और 20 पर्सेंट जनरल, अल्पसंख्यक और एससी वोटर्स है. वर्ष 1967 से लेकर आज तक इस सीट पर 12 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें से आधी बार (6 बार) कांग्रेस ही इस सीट पर काबिज रही. भाजपा केवल 3 बार ही इस सीट पर जीत हासिल कर सकी है. वहीं 1 बार जेएनपी ने जीत हासिल की, लेकिन पिछली 2 बार से ये सीट राजकुमार रोत के कब्जे में रही.

चौरासी विधानसभा उपचुनाव (ETV Bharat Dungarpur)

पढ़ें: चौरासी विधानसभा उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला, अपने-अपने मुद्दों को लेकर जनता से वोट मांग रहे प्रत्याशी

राजकुमार जीते बड़े अंतर से: वर्ष 2018 के चुनाव में बीटीपी (भारतीय ट्राइबल पार्टी) और इसके बाद 2023 में बीएपी (भारत आदिवासी पार्टी) से विधायक बने. दूसरी बार 69 हजार के बड़े अंतर से राजकुमार रोत जीते. इससे पहले कभी किसी ने इतने बड़े मार्जिन से जीत हासिल नहीं की थी. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती भारत आदिवासी पार्टी की रहेगी.

पिछले चुनाव में बढ़ा वोट प्रतिशत: इस सीट पर पिछले दो चुनाव के वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस ओर भाजपा के मुकाबले भारत आदिवासी पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ा है. वर्ष 2018 में बीटीपी से चुनाव लड़ने वाले राजकुमार रोत को 38.22 फीसदी वोट मिले थे, जबकि भाजपा को 30.41 फीसदी वोट मिले थे. वहीं 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में नई पार्टी बीएपी से चुनाव लड़े राजकुमार रोत को 53.92 फीसदी वोट मिले, जो कि पिछली बार से 15.07 फीसदी ज्यादा है. उसके पीछे का प्रमुख कारण एसटी वोटर्स रहा है.

यह भी पढ़ें: उपचुनाव के लिए होम वोटिंग शुरू, सबसे पहले 85 साल की बुजुर्ग धापू और दिव्यांग राजू ने डाला वोट

मंत्री खराड़ी बोले- बीएपी ने केवल सपने दिखाए: टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं. उन्होंने कहा कि उपचुनाव को लेकर वे खुद गांव गांव पंचायत में घूम रहे हैं. वे कहते हैं कि इस बार जनता बीजेपी को जिताकर भेजेगी. उन्होंने कहा कि जब बीएपी आई थी, तब यहां के युवाओं को बड़े बड़े सपने दिखाए थे. आठवीं पास व पांचवीं पास को नौकरी दिलाएंगे, लेकिन नौकरी 1 को नहीं दी. पत्थरबाज पैदा कर दिए.

जनता को भ्रमित किया: 'आदिवासी हिन्दू नहीं है' के सवाल पर मंत्री ने कहा कि ये राजनीतिक पार्टियों का काम नहीं है कि कौन कौनसा धर्म मानेगा और कौनसा नहीं. ये समाज का काम है. जनता सब जानती है कि उन्हें भ्रमित किया गया है और निश्चित रूप से 13 तारीख को बदला चुकाएगी. मुद्दों को लेकर मंत्री ने कहा कि बीजेपी विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी. सड़क, बिजली, पानी, प्रधानमंत्री आवास, किसान सम्मान निधि को लेकर लोगों के बीच जाएंगे.

बीएपी को मिल रहा समर्थन: भारत आदिवासी पार्टी के जिलाध्यक्ष अनुतोष रोत ने कहा कि चौरासी क्षेत्र में सभी वर्गों का बहुत बड़ा समर्थन मिल रहा है. पार्टी का उम्मीदवार बड़ी जीत दर्ज करेगा. उन्होंने कहा कि हमारे मुद्दे जनता से जुड़े हैं. लोकल क्षेत्र की जो समस्याएं है उन्हें पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. इसी वजह से लोग उनके साथ हैं.

डूंगरपुर: जिले की चौरासी विधानसभा सीट पर 13 नवम्बर को हो रहे उपचुनाव में प्रचार जोरों पर है. सभी पार्टियों के नेता यहां आकर फील्ड में घूम रहे हैं. यह सीट एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है. क्षेत्र में 70 फीसदी आबादी जनजाति की है. ऐसे में इस सीट पर जीत का फैसला एसटी वोटर ही करता है, इसलिए सभी आदिवा​सी समाज को साधने में जुटे हैं. पिछले दो विधानसभा चुनाव में एसटी वोटरों की वजह से आदिवासी समाज के नाम पर चुनावी मैदान में आई बीटीपी व बीएपी को जीत मिली है. इस बार भी जिस पार्टी पर एसटी वोटर विश्वास जताएगा, उसके सिर पर ही जीत का ताज सजेगा.

राजस्थान के दक्षिणांचल स्थित आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा सीट गुजरात राज्य से सटी हुई है. चौरासी के कई गांव डूंगरपुर मुख्यालय की जगह गुजरात में अपने कामकाज को लेकर आते जाते हैं. इस सीट पर 70 पर्सेंट एसटी वोटर्स हैं, जबकि 10 पर्सेंट ओबीसी और 20 पर्सेंट जनरल, अल्पसंख्यक और एससी वोटर्स है. वर्ष 1967 से लेकर आज तक इस सीट पर 12 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें से आधी बार (6 बार) कांग्रेस ही इस सीट पर काबिज रही. भाजपा केवल 3 बार ही इस सीट पर जीत हासिल कर सकी है. वहीं 1 बार जेएनपी ने जीत हासिल की, लेकिन पिछली 2 बार से ये सीट राजकुमार रोत के कब्जे में रही.

चौरासी विधानसभा उपचुनाव (ETV Bharat Dungarpur)

पढ़ें: चौरासी विधानसभा उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला, अपने-अपने मुद्दों को लेकर जनता से वोट मांग रहे प्रत्याशी

राजकुमार जीते बड़े अंतर से: वर्ष 2018 के चुनाव में बीटीपी (भारतीय ट्राइबल पार्टी) और इसके बाद 2023 में बीएपी (भारत आदिवासी पार्टी) से विधायक बने. दूसरी बार 69 हजार के बड़े अंतर से राजकुमार रोत जीते. इससे पहले कभी किसी ने इतने बड़े मार्जिन से जीत हासिल नहीं की थी. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती भारत आदिवासी पार्टी की रहेगी.

पिछले चुनाव में बढ़ा वोट प्रतिशत: इस सीट पर पिछले दो चुनाव के वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस ओर भाजपा के मुकाबले भारत आदिवासी पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ा है. वर्ष 2018 में बीटीपी से चुनाव लड़ने वाले राजकुमार रोत को 38.22 फीसदी वोट मिले थे, जबकि भाजपा को 30.41 फीसदी वोट मिले थे. वहीं 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में नई पार्टी बीएपी से चुनाव लड़े राजकुमार रोत को 53.92 फीसदी वोट मिले, जो कि पिछली बार से 15.07 फीसदी ज्यादा है. उसके पीछे का प्रमुख कारण एसटी वोटर्स रहा है.

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मंत्री खराड़ी बोले- बीएपी ने केवल सपने दिखाए: टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं. उन्होंने कहा कि उपचुनाव को लेकर वे खुद गांव गांव पंचायत में घूम रहे हैं. वे कहते हैं कि इस बार जनता बीजेपी को जिताकर भेजेगी. उन्होंने कहा कि जब बीएपी आई थी, तब यहां के युवाओं को बड़े बड़े सपने दिखाए थे. आठवीं पास व पांचवीं पास को नौकरी दिलाएंगे, लेकिन नौकरी 1 को नहीं दी. पत्थरबाज पैदा कर दिए.

जनता को भ्रमित किया: 'आदिवासी हिन्दू नहीं है' के सवाल पर मंत्री ने कहा कि ये राजनीतिक पार्टियों का काम नहीं है कि कौन कौनसा धर्म मानेगा और कौनसा नहीं. ये समाज का काम है. जनता सब जानती है कि उन्हें भ्रमित किया गया है और निश्चित रूप से 13 तारीख को बदला चुकाएगी. मुद्दों को लेकर मंत्री ने कहा कि बीजेपी विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी. सड़क, बिजली, पानी, प्रधानमंत्री आवास, किसान सम्मान निधि को लेकर लोगों के बीच जाएंगे.

बीएपी को मिल रहा समर्थन: भारत आदिवासी पार्टी के जिलाध्यक्ष अनुतोष रोत ने कहा कि चौरासी क्षेत्र में सभी वर्गों का बहुत बड़ा समर्थन मिल रहा है. पार्टी का उम्मीदवार बड़ी जीत दर्ज करेगा. उन्होंने कहा कि हमारे मुद्दे जनता से जुड़े हैं. लोकल क्षेत्र की जो समस्याएं है उन्हें पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. इसी वजह से लोग उनके साथ हैं.

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