मेरठ: जो युवा बी फार्मा करके अपने भविष्य को संवारना चाहते हैं उनके लिए मेरठ का चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय किसी वरदान से कम नहीं है. इस बार विश्वविद्यालय परिसर में संचालित फार्मेसी स्कूल में बीफार्मा के लिए भी इंतजाम हो गया है. इन दिनों प्रवेश के लिए प्रक्रिया जारी है. फीस भी कम है. आइए जानते हैं इस सेक्टर की संभावनाएं और दाखिले की पूरी प्रक्रिया के बारे में...
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से बीफार्मा की फीस काफी कम रखी गई है. यह अन्य निजी संस्थानों से बेहद कम है. इतना ही नहीं विश्वविद्यालय की रैंकिंग की बात करें तो यह NAAC A++ है. ईटीवी भारत से चौधरी चरण विश्वविद्यालय के सर छोटूराम इंस्टीट्यूट में स्थित चरक स्कूल ऑफ फार्मेसी की प्रिंसिपल डॉक्टर वैशाली पाटिल ने बताया कि बीते साल बी फार्मा कोर्स की शुरुआत विश्वविद्यालय ने की है. चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ पश्चिमी यूपी की अकेली स्टेट यूनिवर्सिटी है. जहां बैचलर ऑफ फार्मेसी कोर्स की शुरुआत हुई है.
2024 से 2025 के लिए एडमिशन प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है. यदि कोई युवा अपना कैरियर फार्मा सेक्टर में बनाना चाहते हैं, साथ ही जिन्होंने डिप्लोमा इन फार्मेसी किया हुआ है, उनके लिए यह अच्छा अवसर है. उन्होंने बताया कि पूरा पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है. विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर बैचलर ऑफ फार्मेसी के लिए एप्लाई कर सकते हैं. सबसे पहला चरण स्टूडेंट्स के लिए यही, है कि उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन कराना है. इसके बाद मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा.
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प्रिंसिपल वैशाली पाटिल ने बताया कि फार्मास्यूटिकल के क्षेत्र में तमाम सम्भावनाएं हैं. लोग अपना मेडिकल स्टोर भी खोल सकते हैं. स्वरोजगार के अवसर तो हैं ही उसके अलावा कोविड के बाद बहुत बड़े बदलाव हुए हैं. भारत पूरे दुनिया में फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में हब के नाम से जाना जा रहा है. यहां मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट में भी बहुत बड़े बदलाव हुए हैं. पूरी दुनिया में भारत में हमारा देश इस सेक्टर में पहचाना जा रहा है. यूपी में भी फार्मा हब विकसित करने के लिए प्रयास तेजी से हो रहे हैं. ऐसे में अवसर भी बहुत हैं. उन्होंने कहा, कि अगर पढ़ाई के बाद कोई खुद का कुछ इस फील्ड में कार्य करना चाहता है तो बहुत से अवसर हैं. रिसर्च फिल्ड में भी ऐसे युवा पढ़ाई करके आगे जा सकते हैं.
प्रिंसिपल वैशाली पाटिल कहती हैं कि यहां पढ़ाई में गुणवत्ता है. साथ ही अत्याधुनिक लैब हैं. वहीं विश्वविद्यालय की अगर बात करें तो NAAC में A++ग्रेडिंग है. इसके अतिरिक्त पश्चिमी यूपी में किसी विश्वविद्यालय में या संस्थान में इतनी अच्छी ग्रेडिंग नहीं है. वह कहती हैं कि इस पर विशेष फोकस है कि स्टूडेंट्स में स्किल्स विकसित हों वह आगे बढ़कर ऊंचाइयां छू सकें. इसके अतिरिक्त यहां के स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल सुविधा हैं. वहीं NSS और NCC की सुविधाएं भी स्टूडेंट्स के लिए हैं.
ईटीवी भारत को विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला बताती हैं कि वेस्ट यूपी में सिमित ही ऑप्शन हैं. ऐसे में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस लैब है. वहीं फार्मा क्षेत्र में शीघ्र ही कुछ और भी बड़ा करने को लेकर कोशिश जारी हैं.
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