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अवैध खनन और जल दोहन से परेशान रामलवास के ग्रामीण, चुनाव बहिष्कार के बाद फिर दी सख्त चेतावनी - RAMALWAS VILLAGERS PROTEST

चरखी दादरी के रामलवास गांव में अवैध खनन और जल दोहन से परेशान ग्रामीणों ने पलायन की चेतावनी दे डाली है.

Ramalwas Villagers protest against illegal mining
जल दोहन से परेशान रामलवास के ग्रामीण (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 28, 2024, 2:09 PM IST

Updated : Oct 28, 2024, 2:14 PM IST

चरखी दादरी: जिले के रामलवास गांव में अवैध रूप से हो रहे खनन और जल दोहन से यहां के ग्रामीण काफी परेशान हैं. ग्रामीणों ने इसके विरोध में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. दरअसल दो माह पहले ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव बहिष्कार की घोषणा की थी. चुनाव बहिष्कार के बाद भी ग्रामीण धरने पर डटे हुए हैं. हालांकि इस गांव के लोगों की परेशानी खत्म न होने से ये ग्रामीण काफी परेशान हैं. इस बीच ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे पलायन करेंगे.

ग्रामीणों ने दी पलायन की चेतावनी: इस बारे में जिला पार्षद अनुवीर यादव के साथ ही ग्रामीणों ने जानकारी दी कि माइनिंग कंपनियों की हठधर्मिता का दंश ग्रामीणों को सालों से झेलना पड़ रहा है. ऐसे हालात रहे तो ग्रामीण पलायन करने को मजबूर होंगे. बार-बार प्रशासन और सरकार को समस्या से अवगत कराया जा रहा है. इसके बाद भी कोई समाधान नहीं मिल रहा है. जमीन से 300 फीट नीचे तक अवैध खनन कर जमीन के पानी को जहर बना दिया है.

माइनिंग कंपनी के ठेकेदार का ग्रामीणों पर आरोप: इस पूरे मामले में जब माइनिंग कंपनी के ठेकेदार नरेंद्र सिंह से संपर्क किया गया, तो उन्होंने इस बारे कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि कुछ ग्रामीण अपने स्वार्थ के लिए धरना दे रहे हैं.

ग्रामीणों ने दी पलायन की चेतावनी (ETV Bharat)

जानिए क्या है पूरा मामला: चरखी दादरी जिले का रामलवास गांव की पहाड़ियों में माइनिंग कंपनियों की ओर से अवैध खनन किया जा रहा है. इसके साथ ही अवैध रूप से जल दोहन किया जा रहा है. ग्रामीणों की मानें तो यहां जमीन से करीब 300 फीट नीचे तक ब्लास्टिंग करके खुदाई करके जल दोहन किया जा रहा है. इसके कारण गांव और आसपास के डार्क जोन में खेती के साथ ही पीने का पानी भी खराब हो रहा है. इसका असर आसपास के कई गांवों में देखने को मिल रहा है.

50 गांवों पर पड़ा असर: आलम यह है कि करीब 50 गांवों की जमीन पर इसका असर पड़ा है. मामले में ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया था. इस गांव से एक भी वोट नहीं पड़े थे. हालांकि प्रशासन की ओरसे ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया. बावजूद इसके ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. ये ग्रामीण धरने पर बैठे हैं.जल्द मांग पूरी न होने पर ये पलायन की चेतावनी दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें: चरखी दादरी में डीएपी खाद नहीं मिलने से किसानों में रोष, अधिकारियों पर लगाया कालाबाजारी का आरोप

ये भी पढ़ें: चरखी दादरी में बिजली निगम कार्यालय पर जड़ा ताला, बाढड़ा में SDO की स्थाई नियुक्ति की मांग

चरखी दादरी: जिले के रामलवास गांव में अवैध रूप से हो रहे खनन और जल दोहन से यहां के ग्रामीण काफी परेशान हैं. ग्रामीणों ने इसके विरोध में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. दरअसल दो माह पहले ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव बहिष्कार की घोषणा की थी. चुनाव बहिष्कार के बाद भी ग्रामीण धरने पर डटे हुए हैं. हालांकि इस गांव के लोगों की परेशानी खत्म न होने से ये ग्रामीण काफी परेशान हैं. इस बीच ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे पलायन करेंगे.

ग्रामीणों ने दी पलायन की चेतावनी: इस बारे में जिला पार्षद अनुवीर यादव के साथ ही ग्रामीणों ने जानकारी दी कि माइनिंग कंपनियों की हठधर्मिता का दंश ग्रामीणों को सालों से झेलना पड़ रहा है. ऐसे हालात रहे तो ग्रामीण पलायन करने को मजबूर होंगे. बार-बार प्रशासन और सरकार को समस्या से अवगत कराया जा रहा है. इसके बाद भी कोई समाधान नहीं मिल रहा है. जमीन से 300 फीट नीचे तक अवैध खनन कर जमीन के पानी को जहर बना दिया है.

माइनिंग कंपनी के ठेकेदार का ग्रामीणों पर आरोप: इस पूरे मामले में जब माइनिंग कंपनी के ठेकेदार नरेंद्र सिंह से संपर्क किया गया, तो उन्होंने इस बारे कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि कुछ ग्रामीण अपने स्वार्थ के लिए धरना दे रहे हैं.

ग्रामीणों ने दी पलायन की चेतावनी (ETV Bharat)

जानिए क्या है पूरा मामला: चरखी दादरी जिले का रामलवास गांव की पहाड़ियों में माइनिंग कंपनियों की ओर से अवैध खनन किया जा रहा है. इसके साथ ही अवैध रूप से जल दोहन किया जा रहा है. ग्रामीणों की मानें तो यहां जमीन से करीब 300 फीट नीचे तक ब्लास्टिंग करके खुदाई करके जल दोहन किया जा रहा है. इसके कारण गांव और आसपास के डार्क जोन में खेती के साथ ही पीने का पानी भी खराब हो रहा है. इसका असर आसपास के कई गांवों में देखने को मिल रहा है.

50 गांवों पर पड़ा असर: आलम यह है कि करीब 50 गांवों की जमीन पर इसका असर पड़ा है. मामले में ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया था. इस गांव से एक भी वोट नहीं पड़े थे. हालांकि प्रशासन की ओरसे ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया. बावजूद इसके ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. ये ग्रामीण धरने पर बैठे हैं.जल्द मांग पूरी न होने पर ये पलायन की चेतावनी दे रहे हैं.

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Last Updated : Oct 28, 2024, 2:14 PM IST
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