ऋषिकेश: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का हुजूम इस कदर उमड़ रहा है कि व्यवस्था बनाने में शासन प्रशासन के पसीने छूट गए हैं. चारों धामों में उमड़ी भीड़ को देखते हुए हजारों श्रद्धालुओं को जगह-जगह रोका जा रहा, फिर उन्हें धाम की तरफ भेजा जा रहा है. प्रशासन ने ऋषिकेश में कई श्रद्धालुओं को रोका है, जिन्हें अब प्राथमिकता के तौर पर रवाना करने के प्रयास में जुट गया है. इसके साथ ही बस ऑपरेटर की नाराजगी को भी दूर करने की कोशिश प्रशासन ने की है.
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे आज ऋषिकेश के यात्रा पंजीकरण कार्यालय परिषद पहुंचे. जहां उन्होंने निरीक्षण कर तमाम विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक भी की. इस दौरान बस ऑपरेटरों को भी खासतौर पर चर्चा के लिए बुलाया गया. गढ़वाल आयुक्त विनय पांडे ने बस ऑपरेटरों की नाराजगी को दूर करने का दावा किया है. उन्होंने बताया कि सरकार की प्राथमिकता सबसे पहले श्रद्धालुओं की सुरक्षा है, फिर उनकी सुगम यात्रा है.
फिलहाल, ऋषिकेश में करीब 6 से 7 हजार श्रद्धालुओं का बैकलॉग है, उन्हें प्राथमिकता के तौर पर चारधाम यात्रा पर भेजने की कोशिश की जा रही है. अब चारों धामों में पहले के मुकाबले स्थिति काफी सामान्य हो गई है. हर जिले के डीएम अपनी रिपोर्ट समय-समय पर भेज रहे हैं, जिससे रुके हुए श्रद्धालुओं को यात्रा मार्ग पर भेजा जा सके.
उम्मीद जताई जा रही है कि कल तक ऋषिकेश में रुके श्रद्धालुओं को यात्रा मार्ग पर स्पेशल पंजीकरण के साथ भेजने की व्यवस्था की जाएगी. आगामी 31 में तक ऑफलाइन पंजीकरण पर रोक है. स्थिति में थोड़ा और सुधार हो जाए तो इसकी तारीख में भी फेरबदल किया जा सकता है. वहीं, शासन ने बीती रोज एक आदेश जारी कर ऑनलाइन पंजीकरण को अनिवार्य किया है.
दो हफ्ते से यात्री परेशान, खत्म होने लगे पैसे: अलग-अलग राज्यों से चारधाम यात्रा पर तीर्थयात्री अब परेशान होने लगे हैं. यात्रियों के पास पैसे की किल्लत होने लगी है. दो हफ्ते से ये लोग इस इंतजार में बैठे हैं कि उनका पंजीकरण होगा और वो चारधाम यात्रा के लिए रवाना होंगे. श्रद्धालुओं ने बताया कि पिछले दो हफ्ते से चारधाम यात्रा के लिए आए सैकड़ों लोग धर्मशाला में रात बिता रहे हैं. अब उनके सामने खाने-पीने की दिक्कतें भी होने लगी है.
अगर समय रहते प्रशासन ने उन्हें चारधाम यात्रा के लिए नहीं जाने दिया तो उनके सामने भूखे रहने की नौबत भी आ सकती है. यात्रियों ने बताया कि जिस बजट के हिसाब से पैसे लेकर आए थे, वो भी अब खत्म होने लगा है. बस मालिक को पैसे दे दिए हैं, ऐसे में अब चारधाम यात्रा पर जाने के बाद पैसों की समस्या उत्पन्न हो सकती है.
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