रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है. आज दूसरे दिन की कार्यवाही में कई प्रश्न पूछे गए. जलजीवन मिशन, स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत काम और बालको में स्थानीय को रोजगार देने के संबंध में सवाल पूछे गए.
बालको में रोजगार को लेकर सवाल: रामपुर से विधायक फूलसिंह राठिया ने सवाल किया कि कोरबा जिला में स्थित बालको में कितने रोजगार दिए गए. जिनमें छत्तीसगढ़ के कितने कर्मचारी है और छत्तीसगढ़ से बाहर के कितने कर्मचारी है.
बालको में छत्तीसगढ़ के 505 स्थानीय को रोजगार: राठिया के इस सवाल पर उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने जवाब दिया. उन्होंने बताया कि बालको में कुल 1986 कर्मचारी अधिकारी है. जिनमें से 607 छत्तीसगढ़ के बाहर के हैं और 505 छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को रोजगार दिया गया है.
बालको पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में बहस: फूलसिंह राठिया ने अगला सवाल किया कि बालको में रोजगार प्रशिक्षण के बाद क्या रोजगार भी दिया जाता है. यदि हां तो क्या प्रशिक्षकों को भत्ता भी दिया जाता है. लखनलाल देवांगन ने जवाब दिया कि बालको युवाओं को प्रशिक्षण देता है ताकि काम सीख जाए. बालको में इस बात का उल्लेख नहीं है कि प्रशिक्षण के बाद रोजगार भी दिया जाए.
इसी मुद्दे पर सदन में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि बालको में 49 प्रतिशत शेयर छत्तीसगढ़ सरकार का है. छत्तीसगढ़ की जो औद्योगिक नीति के तहत उस संस्था में भी काम होना चाहिए. औद्योगिक नीति 2029 से 2024 तक गढ़बो नवा छत्तीसगगढ़ के नाम से नीति बनाई गई थी. जिसमें बताया गया था कि इस औद्योगिक नीति के अंतर्गत घोषित किए गए. औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए उद्यम में स्थायी नियोजन में अकुशल कर्मचारियों के मामले में न्यूनतम 100 प्रतिशत, कुशल कर्मचारियों के मामले में न्यूनतम 70 प्रतिशत और प्रशासकीय, प्रबंधकीय कर्मचारियों के मामले में 40 प्रतिशत रोजगार उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा.
चरणदास महंत ने कहा कि साय सरकार ने 4 नवंबर को नई औद्योगिक नीति 2024 से 2030 के लिए जारी की गई. जिसमें अकुशल कर्मचारियों के मामले में न्यूनतम 100 प्रतिशत, कुशल कर्मचारियों के मामले में न्यूनतम 70 प्रतिशत और प्रशासकीय, प्रबंधकीय कर्मचारियों के मामले में 40 प्रतिशत रोजगार उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा.
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि "मंत्री जी से जानना चाहता हूं कि वो कोरबा के निवासी है. प्रश्न पूछने वाले विधायक भी कोरबा के उस विधानसभा से आते हैं जहां बालको लगा हुआ है. ऐसे में संरक्षण नहीं मिलेगा तो युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा? मंत्री ने जैसे कहा कि यदि युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया जाता तो ऐसे नियमों में संशोधन किया जा सकता है. मंत्री जी का इसमें जवाब क्या है ?
लखनलाल देवांगन ने कहा कि औद्योगिक नीति में न्यूनतम 100 प्रतिशत अकुशल, कुशल कर्मचारियों के मामले में न्यूनतम 70 प्रतिशत और प्रशासकीय, प्रबंधकीय कर्मचारियों के मामले में 40 प्रतिशत रोजगार उपलब्ध कराना रहता है. चूंकि बालको वेदांता को सरकार की तरफ से कोई सब्सिडी नहीं देते. इस वजह से अपने अनुदान के लिए अपात्र घोषित है. रोजगार प्रधान लागू नहीं होता है.
इस पर महंत ने कहा "बालको को आप अनुदान देंगे, ऐसी कौन सी नीति है. बालको को छत्तीसगढ़ सरकार क्या अनुदान देगी. बालको ने 49 प्रतिशत में हमें क्या दिया है. नई औद्योगिक नीति में बहुत घालमेल है. इसकी जांच कराई जाए. डबल इंजन की सरकार ने जो नई नीति बनाई है. इसकी गंभीरता से जांच कराइए. लखनलाल देवांगन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का बहुत अच्छा सुझाव है इस पर पर विचार किया जाएगा."