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अत्यंत प्राचीन है छपरा का धर्मनाथ धनी मंदिर, सावन में उमड़ता है भक्तों का सैलाब - SAWAN 2024

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 18, 2024, 5:36 PM IST

BABA DHARMANATH DHANI TEMPLE : सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की आराधना का विशेष महत्त्व है. यही कारण है कि सावन महीने में शिवालयों में शिवभक्तों का तांता लगा रहता है. छपरा के अति प्राचीन बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर भी भक्तों की आस्था का केंद्र है. मान्यता है कि इस बाबा धर्मनाथ सभी भक्तों की मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं. जानिए धर्मनाथ मंदिर का इतिहास

सावन में किया जाता है विशेष शृंगार
सावन में किया जाता है विशेष शृंगार (ETV BHARAT)
बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर (ETV BHARAT)

छपराः बिहार के छपरा में भगवान भोलेनाथ का एक ऐसा मंदिर है जो धर्मनाथ धनी मंदिर के नाम से जाना जाता है. हजारों साल पुराने इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ स्वयं उत्पन्न हुए थे. भगवान भोलेनाथ के इस स्वरूप को मनोकामना लिंग भी कहा जाता है. कहा जाता है कि यहां आनेवाले भक्त जो भी सच्चे मन से मांगते हैं वो जरूर मिलता है.

किया जाता है अलौकिक शृंगारः पावन सरयू नदी के किनारे स्थित भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में प्रत्येक सोमवार को और शिवरात्रि को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. विशेषकर सावन में तो भक्तों का तांता लगा ही रहता है. इस मौके पर भगवान भोलेनाथ का अलौकिक शृंगार किया जाता है. बाबा भोलेनाथ के इस मंदिर में पूरे देश से श्रद्धालु आते हैं.

बाबा धर्मनाथ के नाम पर हुआ मंदिर का नामकरणः कभी सरयू नदी बाबा भोलेनाथ के इस मंदिर के ठीक नीचे बहा करती थी लेकिन अब यहां से नदी की धारा काफी दूर चली गई है,बाबा के इस धर्मनाथ धनी मंदिर की कहानी भी बहुत ही विचित्र है,कभी यहां पर घोर जंगल हुआ करता था और एक बाबा यहां पर तपस्या करते थे जिनका नाम धर्मनाथ था. उन्होंने ही भगवान भोलेनाथ से प्रकट होने की प्रार्थना की. भगवान भोलेनाथ के प्रकट होने के बाद बाबा धर्मनाथ ने जिंदा समाधि ले ली इसलिए ही इसे धर्मनाथ मंदिर कहा जाता है.

" बाबा धर्मनाथ ने भोलेनाथ से प्रार्थना की कि हे भोलेनाथ मैं आपकी तपस्या करता हूं. आप प्रकट होइये और मुझे अपने साथ स्थान दीजिए. उसके बाद बाबा धर्मनाथ ने जिंदा समाधि ले ली. तब से ये मंदिर बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. यहां संत-महात्माओं की समाधि है. हर साल सावन में हजारों भक्त अपनी मनोकामना लेकर इस मंदिर में आते हैं."-कृष्ण मुरारी तिवारी. मुख्य पुजारी, बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर.

ये भी पढ़ेंःसारण: धर्मनाथ मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब, हर-हर महादेव के नारों से गूंजा शहर

बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर (ETV BHARAT)

छपराः बिहार के छपरा में भगवान भोलेनाथ का एक ऐसा मंदिर है जो धर्मनाथ धनी मंदिर के नाम से जाना जाता है. हजारों साल पुराने इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ स्वयं उत्पन्न हुए थे. भगवान भोलेनाथ के इस स्वरूप को मनोकामना लिंग भी कहा जाता है. कहा जाता है कि यहां आनेवाले भक्त जो भी सच्चे मन से मांगते हैं वो जरूर मिलता है.

किया जाता है अलौकिक शृंगारः पावन सरयू नदी के किनारे स्थित भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में प्रत्येक सोमवार को और शिवरात्रि को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. विशेषकर सावन में तो भक्तों का तांता लगा ही रहता है. इस मौके पर भगवान भोलेनाथ का अलौकिक शृंगार किया जाता है. बाबा भोलेनाथ के इस मंदिर में पूरे देश से श्रद्धालु आते हैं.

बाबा धर्मनाथ के नाम पर हुआ मंदिर का नामकरणः कभी सरयू नदी बाबा भोलेनाथ के इस मंदिर के ठीक नीचे बहा करती थी लेकिन अब यहां से नदी की धारा काफी दूर चली गई है,बाबा के इस धर्मनाथ धनी मंदिर की कहानी भी बहुत ही विचित्र है,कभी यहां पर घोर जंगल हुआ करता था और एक बाबा यहां पर तपस्या करते थे जिनका नाम धर्मनाथ था. उन्होंने ही भगवान भोलेनाथ से प्रकट होने की प्रार्थना की. भगवान भोलेनाथ के प्रकट होने के बाद बाबा धर्मनाथ ने जिंदा समाधि ले ली इसलिए ही इसे धर्मनाथ मंदिर कहा जाता है.

" बाबा धर्मनाथ ने भोलेनाथ से प्रार्थना की कि हे भोलेनाथ मैं आपकी तपस्या करता हूं. आप प्रकट होइये और मुझे अपने साथ स्थान दीजिए. उसके बाद बाबा धर्मनाथ ने जिंदा समाधि ले ली. तब से ये मंदिर बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. यहां संत-महात्माओं की समाधि है. हर साल सावन में हजारों भक्त अपनी मनोकामना लेकर इस मंदिर में आते हैं."-कृष्ण मुरारी तिवारी. मुख्य पुजारी, बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर.

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