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राजस्थान की टोल नीति में बदलाव, हर टोल बूथ पर लगेगा फास्टैग - Rajasthan Toll Policy

उपमुख्यमंत्री एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री दीया कुमारी ने बुधवार को आरएसआरडीसी बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक ली. बैठक में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने टोल नीति में महत्वपूर्ण सुधारों को मंजूरी देते हुए सभी टोल्स पर फास्टैग चालू करने और रेट बोर्ड लगाए जाने के निर्देश दिए. इसके साथ ही टोल अवधि पर अब एक साल और अधिकतम 3 माह के लिए कान्ट्रैक्ट बढ़ेगा.

Meeting on Toll Booth
बैठक के दौरान दीया कुमारी (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 28, 2024, 9:43 PM IST

जयपुर: राजस्थान सरकार ने टोल नीति में बड़ा बदलाव किया है. अब हर टोल बूथ पर फास्टटैग लगेगा. उपमुख्यमंत्री एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री दीया कुमारी ने आरएसआरडीसी बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक में टोल नीति में महत्वपूर्ण सुधारों को मंजूरी देते हुए सभी टोल्स पर फास्टैग चालू करने, रेट बोर्ड लगाए जाने के निर्देश दिए. टोल बूथों पर फास्टैग लागू होने से आमजन को राहत मिलेगी.

राजस्व में वृद्धि होगी : उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कहा है कि टोल नियमों में किए गए इन महत्वपूर्ण परिवर्तनों से टोल संवेदकों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, साथ ही टोल टैक्स एकत्रण की प्रक्रिया नियमित एवं सुचारू होने से राजस्व में वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में लागू टोल पॉलिसी के कुछ बिन्दुओं को समय की आवश्यकता के अनुरूप संशोधित किया गया है. वर्तमान में लागू संवेदक का रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया समाप्त कर दी गई, जिससे अधिक संख्या में संवेदक निविदा प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे. टोल की कॉन्ट्रैक्ट की अवधि 2 वर्ष से घटाकर 1 वर्ष कर दी गई है, जिसे अधिकतम 3 माह बढ़ाया जा सकेगा.

पढ़ें : फास्टैग में बैलेंस के बाद भी दुगनी राशि वसूलने पर टोल कंपनी पर लगाया हर्जाना - Penalty on toll company

नियमों की पालना नहीं करने पर 1 लाख रुपये प्रति त्रुटि की पेनल्टी का प्रावधान रखा गया है. यह दस्तावेज एनएचआई के नियमों के अनुरूप तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि टोल रोड पर टोल टैक्स एकत्र करने हेतु नई आरएफक्यू कम आरएफपी दस्तावेज तैयार किए गए हैं. इसके तहत संवेदक की नेट वर्थ निविदा लागत की 20 प्रतिशत होना आवश्यक है.

मैन पावर कॉन्ट्रैक्ट का प्रावधान : दीया ने बताया कि किसी कारण टोल का रेगुलर कॉन्ट्रैक्ट नहीं होने पर मैन पावर ऐजेन्सी के द्वारा टोल टैक्स एकत्र करने का आरएफक्यू कम आरएफपी तैयार किया गया है. जिन सड़कों पर निविदाएं सफल नहीं हो रही हैं, इसके साथ टोल वसूली कार्य एक्सटेंशन पर चल रहे हैं, उन पर यह प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से लागू कर फास्टैग के आधार पर टोल टैक्स एकत्र करने का कार्य सुचारू किया जाएगा. रिडकोर विभाग में 50 प्रतिशत से अधिक टोल प्लाजा पर मैन पावर कॉन्ट्रैक्ट के द्वारा टोल एकत्र किया जा रहा है. उसी के अनुरूप दस्तावेज तैयार किया गया है.

स्टेट हाईवे पर वे-साइड सुविधाएं विकसित करें : उपमुख्यमंत्री ने बोर्ड मिटिंग में निर्देश दिया कि प्रदेश के स्टेट हाईवे महत्वपूर्ण स्थानों को कनेक्टीविटी प्रदान करते है और इन पर लाखों लोग गुजरते हैं. इनकी सुविधा के लिए इन स्टेट हाईवेज पर वे-साइड सुविधाएं जैसे रेस्टोरेन्ट, सुविधाएं आदि विकसित करने का तत्काल परिक्षण किया जाए. उपमुख्यमंत्री ने आरएसआरडीसी भवन में स्थापित फास्टैग कमांड सेंटर का निरीक्षण किया. इस सेन्टर के माध्यम से प्रदेश के सभी फास्टैग आधारित संचालित टोल प्लाजाओं की लाइव मॉनिटरिंग की जा सकती है. इन सभी टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से कमांड सेंटर में लगी स्क्रीन्स पर टोल्स का लाइव व्यू उपलब्ध होता है.

कमांड सेंटर में लगे डैशबोर्ड पर ये देखा जा सकता है कि किस प्रकार के और कितने वाहन टोल से गुजर रहे हैं. वहां एकत्र होने वाले रेवेन्यू को रियल टाइम वॉच किया जा सकता है. उपमुख्यमंत्री ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि इससे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी. टोल कर्मियों के नागरिकों के साथ व्यवहार पर भी इसके माध्यम से नजर रखी जा सकती है. साथ ही आवश्यकता पड़ने पर ट्रैफिक मैनेजमेंट में भी उपयोग किया जा सकता है. उन्होने सभी टोलों पर फास्टैग तत्काल चालू करके फास्टैग कमांड सेंटर से जोड़ने के निर्देश दिए.

जयपुर: राजस्थान सरकार ने टोल नीति में बड़ा बदलाव किया है. अब हर टोल बूथ पर फास्टटैग लगेगा. उपमुख्यमंत्री एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री दीया कुमारी ने आरएसआरडीसी बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक में टोल नीति में महत्वपूर्ण सुधारों को मंजूरी देते हुए सभी टोल्स पर फास्टैग चालू करने, रेट बोर्ड लगाए जाने के निर्देश दिए. टोल बूथों पर फास्टैग लागू होने से आमजन को राहत मिलेगी.

राजस्व में वृद्धि होगी : उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कहा है कि टोल नियमों में किए गए इन महत्वपूर्ण परिवर्तनों से टोल संवेदकों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, साथ ही टोल टैक्स एकत्रण की प्रक्रिया नियमित एवं सुचारू होने से राजस्व में वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में लागू टोल पॉलिसी के कुछ बिन्दुओं को समय की आवश्यकता के अनुरूप संशोधित किया गया है. वर्तमान में लागू संवेदक का रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया समाप्त कर दी गई, जिससे अधिक संख्या में संवेदक निविदा प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे. टोल की कॉन्ट्रैक्ट की अवधि 2 वर्ष से घटाकर 1 वर्ष कर दी गई है, जिसे अधिकतम 3 माह बढ़ाया जा सकेगा.

पढ़ें : फास्टैग में बैलेंस के बाद भी दुगनी राशि वसूलने पर टोल कंपनी पर लगाया हर्जाना - Penalty on toll company

नियमों की पालना नहीं करने पर 1 लाख रुपये प्रति त्रुटि की पेनल्टी का प्रावधान रखा गया है. यह दस्तावेज एनएचआई के नियमों के अनुरूप तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि टोल रोड पर टोल टैक्स एकत्र करने हेतु नई आरएफक्यू कम आरएफपी दस्तावेज तैयार किए गए हैं. इसके तहत संवेदक की नेट वर्थ निविदा लागत की 20 प्रतिशत होना आवश्यक है.

मैन पावर कॉन्ट्रैक्ट का प्रावधान : दीया ने बताया कि किसी कारण टोल का रेगुलर कॉन्ट्रैक्ट नहीं होने पर मैन पावर ऐजेन्सी के द्वारा टोल टैक्स एकत्र करने का आरएफक्यू कम आरएफपी तैयार किया गया है. जिन सड़कों पर निविदाएं सफल नहीं हो रही हैं, इसके साथ टोल वसूली कार्य एक्सटेंशन पर चल रहे हैं, उन पर यह प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से लागू कर फास्टैग के आधार पर टोल टैक्स एकत्र करने का कार्य सुचारू किया जाएगा. रिडकोर विभाग में 50 प्रतिशत से अधिक टोल प्लाजा पर मैन पावर कॉन्ट्रैक्ट के द्वारा टोल एकत्र किया जा रहा है. उसी के अनुरूप दस्तावेज तैयार किया गया है.

स्टेट हाईवे पर वे-साइड सुविधाएं विकसित करें : उपमुख्यमंत्री ने बोर्ड मिटिंग में निर्देश दिया कि प्रदेश के स्टेट हाईवे महत्वपूर्ण स्थानों को कनेक्टीविटी प्रदान करते है और इन पर लाखों लोग गुजरते हैं. इनकी सुविधा के लिए इन स्टेट हाईवेज पर वे-साइड सुविधाएं जैसे रेस्टोरेन्ट, सुविधाएं आदि विकसित करने का तत्काल परिक्षण किया जाए. उपमुख्यमंत्री ने आरएसआरडीसी भवन में स्थापित फास्टैग कमांड सेंटर का निरीक्षण किया. इस सेन्टर के माध्यम से प्रदेश के सभी फास्टैग आधारित संचालित टोल प्लाजाओं की लाइव मॉनिटरिंग की जा सकती है. इन सभी टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से कमांड सेंटर में लगी स्क्रीन्स पर टोल्स का लाइव व्यू उपलब्ध होता है.

कमांड सेंटर में लगे डैशबोर्ड पर ये देखा जा सकता है कि किस प्रकार के और कितने वाहन टोल से गुजर रहे हैं. वहां एकत्र होने वाले रेवेन्यू को रियल टाइम वॉच किया जा सकता है. उपमुख्यमंत्री ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि इससे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी. टोल कर्मियों के नागरिकों के साथ व्यवहार पर भी इसके माध्यम से नजर रखी जा सकती है. साथ ही आवश्यकता पड़ने पर ट्रैफिक मैनेजमेंट में भी उपयोग किया जा सकता है. उन्होने सभी टोलों पर फास्टैग तत्काल चालू करके फास्टैग कमांड सेंटर से जोड़ने के निर्देश दिए.

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