चंडीगढ़: बुधवार को चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की महासचिव ज्योति हंस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. ज्योति हंस पिछले 11 साल से पार्टी में सक्रिय कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रही थी. इस दौरान विभिन्न पदों पर रहते हुए पार्टी के लिए कार्य किया है. चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष से चल रही नारजगी के चलते उन्होंने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता सदस्य से इस्तीफा दिया है.
ज्योति हंस ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा: कांग्रेस से नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि जब से एचएस लक्की चंडीगढ़ कांग्रेस के प्रधान बने हैं. तब से पार्टी में महिलाओं की कोई भी सुरक्षा और सम्मान नहीं है. इतना कुछ कांग्रेस कार्यालय में होता रहा, लेकिन आज जब महिला ने आवाज उठाई, तो महिला कांग्रेस की अध्यक्ष दीपा दुबे को ही पद से हटा दिया. ये चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष लक्की की असफलता का कारण है. उनकी सरपरस्ती में कांग्रेस खंड खंड हो रही है.
चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष पर आरोप: ज्योति हंस ने कहा "मुझे चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष के ऊपर शक है कि राजनीतिक विपक्षी पार्टियों से मिलीभगत और अपने निजी स्वार्थ के लिए कांग्रेस को तहस-नहस कर रहे हैं. लक्की भूल गए हैं कि पार्टी के कार्यकर्ता ही पार्टी को चुनाव में विजय दिलवाते हैं. जिस तरीके से नाराज कार्यकर्ताओं पर टिप्पणी दे रहे हैं. उनसे ये साफ होता है कि उनको पुराने कार्यकर्ताओं की कोई जरूरत नहीं है."
'पार्टी में नहीं महिलाओं का सम्मान': ज्योति हंस ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इस्तीफा लिखित में दिया है. उन्होंने कहा "जब चंडीगढ़ कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता पवन कुमार बंसल का अनादर कर सकते हैं. महिलाओं का सम्मान नहीं कर सकते. हम तो 11 साल पुराने आम कार्यकर्ता हैं. हमारी तो क्या ही इज्जत करेंगे. इस करके मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं."