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रेपिस्ट ताऊ को कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा, नाबालिग भतीजी को बनाया था हवस का शिकार - Accused sentenced for raping minor - ACCUSED SENTENCED FOR RAPING MINOR

Accused Sentenced for Raping Minor चंपावत विशेष सत्र न्यायाधीश न्यायालय ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी को 20 साल कठोर कारावास और 50 हजार का जुर्माना लगाया है.

Accused Sentenced for Raping Minor
कॉन्सेप्ट इमेज (PHOTO- ETV BHARAT GRAPHICS)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 22, 2024, 9:56 PM IST

चंपावत: विशेष सत्र न्यायाधीश की अनुज कुमार की कोर्ट ने नाबालिग सगी भतीजी से दुष्कर्म के आरोपी ताऊ को दोषी पाते हुए बीस साल की कठोर कारावास और 50 हजार रुपए का जुर्माना की सजा सुनाई है. जुर्माना नहीं देने पर एक वर्ष तीन माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा. दोषी ने साल 2022 में नाबालिग सगी भतीजी को हवस का शिकार बनाया था.

जानकारी के मुताबिक, मामला दिसंबर 2022 का है. जहां दूरस्थ क्षेत्र लोहाघाट के गांव की रहने वाली 15 वर्षीय दिव्यांग को उसी के 65 वर्षीय ताऊ ने हवस का शिकार बनाया था. आरोपी ने घटना की जानकारी परिजनों को देने पर भतीजी को जान से मारने की धमकी भी दी थी. पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना की जानकारी अपने मां को दी, जिसके बाद मां ने राजस्व पुलिस में ताऊ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने केस रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर किया. रेगुलर पुलिस ने मां की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ पॉक्सो समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. वहीं, लंबी जिरह के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार की कोर्ट दोषी को पॉक्सो के तहत 20 साल कठोर कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया. जुर्माना नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

वहीं, धारा 323 (चोट पहुंचाना), 504 (अपमान) और 506 (धमकी) के तहत तीन माह का साधारण कारावास और एक-एक हजार (कुल तीन हजार) रुपए जुर्माना लगाया है. तीनों सजाएं एक साथ चलेंगी. जुर्माना अदा नहीं करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. अभियोजन पक्ष की ओर शासकीय अधिवक्ता विद्याधर जोशी और विशेष लोक अभियोजन पॉक्सो कुंदन राणा ने मामले की पैरवी की.

ये भी पढ़ेंः अल्मोड़ा में महिला के गले से मंगलसूत्र छीनकर भागा था युवक, पुलिस ने पकड़कर जेल में डाला

चंपावत: विशेष सत्र न्यायाधीश की अनुज कुमार की कोर्ट ने नाबालिग सगी भतीजी से दुष्कर्म के आरोपी ताऊ को दोषी पाते हुए बीस साल की कठोर कारावास और 50 हजार रुपए का जुर्माना की सजा सुनाई है. जुर्माना नहीं देने पर एक वर्ष तीन माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा. दोषी ने साल 2022 में नाबालिग सगी भतीजी को हवस का शिकार बनाया था.

जानकारी के मुताबिक, मामला दिसंबर 2022 का है. जहां दूरस्थ क्षेत्र लोहाघाट के गांव की रहने वाली 15 वर्षीय दिव्यांग को उसी के 65 वर्षीय ताऊ ने हवस का शिकार बनाया था. आरोपी ने घटना की जानकारी परिजनों को देने पर भतीजी को जान से मारने की धमकी भी दी थी. पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना की जानकारी अपने मां को दी, जिसके बाद मां ने राजस्व पुलिस में ताऊ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने केस रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर किया. रेगुलर पुलिस ने मां की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ पॉक्सो समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. वहीं, लंबी जिरह के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार की कोर्ट दोषी को पॉक्सो के तहत 20 साल कठोर कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया. जुर्माना नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

वहीं, धारा 323 (चोट पहुंचाना), 504 (अपमान) और 506 (धमकी) के तहत तीन माह का साधारण कारावास और एक-एक हजार (कुल तीन हजार) रुपए जुर्माना लगाया है. तीनों सजाएं एक साथ चलेंगी. जुर्माना अदा नहीं करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. अभियोजन पक्ष की ओर शासकीय अधिवक्ता विद्याधर जोशी और विशेष लोक अभियोजन पॉक्सो कुंदन राणा ने मामले की पैरवी की.

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