चमोली: सेना के कैप्टन के साथ हुई साइबर ठगी में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. मामला ज्योतिर्मठ कोतवाली क्षेत्र का है. यहां सेना के कैप्टन ने कोतवाली में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके साथ करीब पौने तीन लाख रुपए की साइबर ठगी की गई है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके साइबर ठग की तलाश शुरू कर दी थी. साइबर ठग को पकड़ने के लिए पुलिस को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम तक जाना पड़ा.
सेना के कैप्टन से हुई साइबर ठगी: चमोली जनपद के ज्योर्तिमठ स्थित कोतवाली में सेना के कैप्टन ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 16 अगस्त 2023 को एक व्यक्ति ने मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर उनसे संपर्क किया. उनकी और पहचान की पुष्टि के लिए आईडी कार्ड, आधार कार्ड समेत तमाम दस्तावेज और ओटीपी लिंक भेजने को कहा. ओटीपी बताते ही साइबर ठग ने उनके अकाउंट से 270,303 रुपयों की (2 लाख 70 हजार 303) धोखाधड़ी की. जिसके बाद सेना के कैप्टन ने 17 अगस्त 2023 को ज्योर्तिमठ में लिखित शिकायत दी. ज्योर्तिमठ पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर खोजबीन शुरू कर दी थी.
आंध्र प्रदेश से कर रहा था साइबर धोखाधड़ी: चमोली पुलिस को जांच शुरू करते ही पता चला कि आईसीआईसीआई बैंक के जिस खाते में वो पैसा भेजा गया, वह खाता आंध्र प्रदेश के बी मानिकंदन के नाम से है. जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी राजगुरु उक्त खाता धारक मानिकंदन के खाते में अपने मोबाइल फोन से ट्रांजेक्शन करवा रहा था. पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस पर लगाया. उसकी लोकेशन का पता किया. लेकिन लोकेशन अलग-अलग स्थान पर पायी जा रही थी. पुलिस के लिए ये मुश्किल भरा काम था लेकिन उन्होंने प्रयास जारी रखा.
ऐसे करता था साइबर ठगी: चमोली पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने पुलिस की एक टीम को विशाखापट्टनम भेज दिया. आरोपी की तलाश और व्हाट्सएप लोकेशन पर पुलिस उसके ठिकाने पर पूछताछ के लिए निकल गई. शातिर आरोपी अंतरराज्यीय साइबर ठगी ग्रुप से जुड़ा हुआ था. व्हाट्सएप ग्रुप पर कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश और झारखंड के फर्जी नामों से ग्रुप संचालित करता था. उक्त व्हाट्सप्प ग्रुप पर कर्नाटक, केरला, आंध्र प्रदेश, झारखंड के फंड्स नाम से ग्रुप बनाकर कई बैंकों के सैकड़ों खाता धारकों के करंट बिजनेस अकाउंट खुलवाकर, जिनकी एक करोड़ से पांच करोड़ की लिमिट हो खाता धारक को 2% -5% कमीशन में खरीदकर उनके खातों की सम्पूर्ण डिटेल, खाता नम्बर, चेक नम्बर, एटीएम कार्ड व सीवीसी नंबर, क्यूआर कोड आदि प्राप्त करते थे.
चमोली पुलिस ने साइबर ठग को विशाखापत्तनम से गिरफ्तार किया: इन खाता धारकों के खातों पर अपने एवं अपने ग्रुप के सदस्यों के मोबाइल नम्बर को एसएमएस अलर्ट के लिए रजिस्टर्ड करवाकर सभी खातों का ट्रांजेक्शन अपने पास लेकर कई व्हाट्सप्प पर ग्रुप बनाकर देश के सुदूरवर्ती राज्यों के लोगों को ऑनलाइन नौकरी लगाने के रिज्यूम प्राप्त करने, ऑनलाइन शादी के लिए लड़का लड़की ढूंढ़ने और विभिन्न प्रकार के दस्तावेज आधार कार्ड, पैन कार्ड वैरीफाई करवाने तथा ऑनलाइन शेयर मार्केट में फर्जी वेबसाइट बनाकर पैसा लगाने, साइबर अरेस्ट कर लिंक एवं ओटीपी भेजकर गिरोह बनाकर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने के मेसेज पाए गए हैं. अभियुक्त के एक ऑनलाइन धोखाधड़ी के सक्रिय अपराधी होने की जानकारी मिली है.
चमोली लाकर जेल भेजा गया साइबर ठग: आखिरकार पुलिस की सूझबूझ से आरोपी के सही नाम का भी खुलासा हो गया. ठग राजगुरु का सही नाम सुरेश पुत्र स्वर्गीय नरसिंहुलु उम्र 38, निवासी H. NO. 12 ब्लॉक एफ- 8 बॉम्बे कॉलोनी मधुरवाड़ा, थाना पीएम पालेम, जिला विशाखापट्टनम, आंध्रा प्रदेश निकला. आरोपी के पास से पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक ओप्पो कंपनी का मोबाइल फोन पुलिस ने बरामद किया. इसके बाद आरोपी को पुलिस चमोली लाई. न्यायालय के सम्मुख पेश कर आरोपी को जेल भेज दिया गया है.
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