ETV Bharat / state

बांधों की मरम्मत के लिए 3 साल में नहीं आए संवेदक, अब 53 करोड़ देने पड़ेंगे ज्यादा, 236 करोड़ में होगा काम

चंबल वैली प्रोजेक्ट के तहत बाधों के जीर्णोद्धार की राशि का बजट बढ़ाया गया है. अब 236.23 करोड़ रुपए में रिनोवेशन का काम करवाया जाएगा.

कोटा बैराज का जीर्णोद्धार
कोटा बैराज का जीर्णोद्धार (ETV Bharat Kota)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 22, 2024, 11:38 AM IST

Updated : Nov 22, 2024, 11:54 AM IST

कोटा : चंबल वैली प्रोजेक्ट के तहत राणा प्रताप सागर (आरपीएस), जवाहर सागर (जेएस) बांध और कोटा बैराज के जीर्णोद्धार का काम होना है, इसके लिए वर्ल्ड बैंक से डैम रिहैबिलिटेशन इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट (ड्रिप) के तहत राशि भी स्वीकृत हो गई थी, लेकिन पहले जरूरी प्रक्रियाओं में समय लग गया और बाद में संवेदक मरम्मत के लिए हिम्मत नहीं जुटा पाए. इसके चलते अब इसके जीर्णोद्धार की राशि का बजट बढ़ाया गया है. यह राशि लाखों में नहीं करोड़ों में बढ़ गई है. पहले जहां पर तीनों डैम का काम 182.78 करोड़ में होना था, अब यह राशि 53.45 करोड़ रुपए बढ़ाई गई है, जिसके तहत 236.23 करोड़ रुपए में रिनोवेशन का काम करवाया जाना प्रस्तावित किया है.

अंडरवाटर रोबोटिक सर्वे से तैयार हुई थी रिनोवेशन की डिटेल : कोविड-19 के दौरान चंबल नदी के तीनों बांधों आरपीएस, जेएस डैमऔर कोटा बैराज का अंडरवाटर रोबोटिक सर्वे व हेल्थ असेसमेंट अल्ट्रासाउंड जांच से करवाया गया था. यह सर्वे कई दिनों तक चला था, जिसमें कई मीटर और नीचे रोबोट को डाला जाता था. इस रोबोट ने ही डैम के स्ट्रक्चर और दरवाजों के फोटोग्राफ और वीडियो लिए थे. इसके अलावा कई डेटा भी इकट्ठा किया था. इस डेटा के एनालिसिस के बाद ही डैम के रिनोवेशन का काम शुरू करवाया जाना है, जिसके लिए डीटेल्ड डीपीआर भी तैयार की गई.

इसमें हाइड्रो मैकेनिकल, सिविल और इंस्ट्रूमेंट के कार्य होने हैं. हाइड्रो मैकेनिकल वर्क्स में गेट, गैंट्री क्रेन, स्टॉप लोग गेट, रबर सील, लाइटिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन, एक्स्ट्रा पंप, जनरेटर, बंद पड़े उपकरणों का काम व स्काडा मॉनिटरिंग के कार्य होने हैं. सिविल वर्क्स में प्रोटेक्शन दीवार, ब्रिज की सेफ्टी वॉल, बांधों में पिचिंग, राउटिंग, रिटेनिंग वॉल, प्रोटक्शन वॉल पेंटिंग, लैंड स्लाइडिंग रोकने के लिए प्रोटेक्शन दीवार, गैलरी निर्माण, सीसीटीवी कैमरे के काम होंगे.

बांधों की मरम्मत में क्यों लग रहा इतना समय, जानिए... (ETV Bharat Kota)

पढ़ें. करोड़ों का बजट फिर भी ठेकेदार नहीं जुटा पा रहे बांधों की मरम्मत के लिए हिम्मत, यह है कारण

नई बीएसआर और कोटा बैराज के गेट बदलने से बढ़ी राशि : जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता अजहरुद्दीन अंसारी का कहना है कि संवेदक भी इसमें रुचि नहीं दिखा रहे थे. ऐसे में सेंटर वाटर कमीशन ने संवेदकों को बुलाकर बातचीत की थी. इसके बाद उन्होंने दरों को कम बताया. साथ ही यह भी कहा था कि यह नया डैम नहीं है, पुराने डैम के रिनोवेशन का काम है. इसमें ज्यादा पैसा लगेगा. ज्यादातर राशि कोटा बैराज में बढ़ी है, पहले इसके 19 गेटों का मेटलाइजेशन लिया गया था, लेकिन अब गेटों को ही बदला जा रहा है. नई बीएसआर की वजह से भी राशि बढ़ी है.

देखिए टाइम लाइन
देखिए टाइम लाइन (ETV Bharat GFX)

संवेदकों से सीडब्ल्यूसी ने ठेकेदारों से बातचीत की थी, उनसे पार्टिसिपेट नहीं करने का कारण पूछा था. उनकी समस्याओं और कारण उन्होंने बताए थे. उनके उपाय को ही इनकॉरपोरेट करते हुए नए सिरे से राशि बढ़ाते हुए स्वीकृति के लिए भेजी थी. यह सेंटर वॉटर कमिशन से स्वीकृति के मिल गई थी, जो अब राज्य सरकार को भेजी गई. स्वीकृतियों के आने के बाद टेंडर कर दिए जाएंगे.

चंबल नदी के बांधों की मरम्मत
चंबल नदी के बांधों की मरम्मत (ETV Bharat Kota)

पढ़ें. ERCP के अलावा अब सीधे बीसलपुर पहुंचेगा चंबल नदी का एक्सेस पानी, 145 किलोमीटर का बनेगा ग्रेविटी चैनल

नए डैम बनाने में नहीं आती दिक्कत : एजाजुद्दीन अंसारी का कहना है कि वर्ल्ड बैंक ने ड्रिप सेकंड के तहत राजस्थान के डैम के लिए राशि जारी की थी. इसी फिक्स राशि के तहत ही 2020 में घोषणा हुई थी, जिसमें 18 डैम का रिनोवेशन होना था. इसमें यह चंबल के तीनों के अलावा झालावाड़ का छापी डैम भी शामिल है. नए डैम के लिए ठेकेदार को काम करना आसान होता है, लेकिन पुराने डैम में काम करने में दिक्कत रहती है व काफी तकलीफ आती है. इसके अलावा चुनाव पीरियड भी था. ऐसे में संवेदकों ने कम रुचि दिखाई और इसलिए डीपीआर भी अब रिवाइज हुआ है.

कोटा : चंबल वैली प्रोजेक्ट के तहत राणा प्रताप सागर (आरपीएस), जवाहर सागर (जेएस) बांध और कोटा बैराज के जीर्णोद्धार का काम होना है, इसके लिए वर्ल्ड बैंक से डैम रिहैबिलिटेशन इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट (ड्रिप) के तहत राशि भी स्वीकृत हो गई थी, लेकिन पहले जरूरी प्रक्रियाओं में समय लग गया और बाद में संवेदक मरम्मत के लिए हिम्मत नहीं जुटा पाए. इसके चलते अब इसके जीर्णोद्धार की राशि का बजट बढ़ाया गया है. यह राशि लाखों में नहीं करोड़ों में बढ़ गई है. पहले जहां पर तीनों डैम का काम 182.78 करोड़ में होना था, अब यह राशि 53.45 करोड़ रुपए बढ़ाई गई है, जिसके तहत 236.23 करोड़ रुपए में रिनोवेशन का काम करवाया जाना प्रस्तावित किया है.

अंडरवाटर रोबोटिक सर्वे से तैयार हुई थी रिनोवेशन की डिटेल : कोविड-19 के दौरान चंबल नदी के तीनों बांधों आरपीएस, जेएस डैमऔर कोटा बैराज का अंडरवाटर रोबोटिक सर्वे व हेल्थ असेसमेंट अल्ट्रासाउंड जांच से करवाया गया था. यह सर्वे कई दिनों तक चला था, जिसमें कई मीटर और नीचे रोबोट को डाला जाता था. इस रोबोट ने ही डैम के स्ट्रक्चर और दरवाजों के फोटोग्राफ और वीडियो लिए थे. इसके अलावा कई डेटा भी इकट्ठा किया था. इस डेटा के एनालिसिस के बाद ही डैम के रिनोवेशन का काम शुरू करवाया जाना है, जिसके लिए डीटेल्ड डीपीआर भी तैयार की गई.

इसमें हाइड्रो मैकेनिकल, सिविल और इंस्ट्रूमेंट के कार्य होने हैं. हाइड्रो मैकेनिकल वर्क्स में गेट, गैंट्री क्रेन, स्टॉप लोग गेट, रबर सील, लाइटिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन, एक्स्ट्रा पंप, जनरेटर, बंद पड़े उपकरणों का काम व स्काडा मॉनिटरिंग के कार्य होने हैं. सिविल वर्क्स में प्रोटेक्शन दीवार, ब्रिज की सेफ्टी वॉल, बांधों में पिचिंग, राउटिंग, रिटेनिंग वॉल, प्रोटक्शन वॉल पेंटिंग, लैंड स्लाइडिंग रोकने के लिए प्रोटेक्शन दीवार, गैलरी निर्माण, सीसीटीवी कैमरे के काम होंगे.

बांधों की मरम्मत में क्यों लग रहा इतना समय, जानिए... (ETV Bharat Kota)

पढ़ें. करोड़ों का बजट फिर भी ठेकेदार नहीं जुटा पा रहे बांधों की मरम्मत के लिए हिम्मत, यह है कारण

नई बीएसआर और कोटा बैराज के गेट बदलने से बढ़ी राशि : जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता अजहरुद्दीन अंसारी का कहना है कि संवेदक भी इसमें रुचि नहीं दिखा रहे थे. ऐसे में सेंटर वाटर कमीशन ने संवेदकों को बुलाकर बातचीत की थी. इसके बाद उन्होंने दरों को कम बताया. साथ ही यह भी कहा था कि यह नया डैम नहीं है, पुराने डैम के रिनोवेशन का काम है. इसमें ज्यादा पैसा लगेगा. ज्यादातर राशि कोटा बैराज में बढ़ी है, पहले इसके 19 गेटों का मेटलाइजेशन लिया गया था, लेकिन अब गेटों को ही बदला जा रहा है. नई बीएसआर की वजह से भी राशि बढ़ी है.

देखिए टाइम लाइन
देखिए टाइम लाइन (ETV Bharat GFX)

संवेदकों से सीडब्ल्यूसी ने ठेकेदारों से बातचीत की थी, उनसे पार्टिसिपेट नहीं करने का कारण पूछा था. उनकी समस्याओं और कारण उन्होंने बताए थे. उनके उपाय को ही इनकॉरपोरेट करते हुए नए सिरे से राशि बढ़ाते हुए स्वीकृति के लिए भेजी थी. यह सेंटर वॉटर कमिशन से स्वीकृति के मिल गई थी, जो अब राज्य सरकार को भेजी गई. स्वीकृतियों के आने के बाद टेंडर कर दिए जाएंगे.

चंबल नदी के बांधों की मरम्मत
चंबल नदी के बांधों की मरम्मत (ETV Bharat Kota)

पढ़ें. ERCP के अलावा अब सीधे बीसलपुर पहुंचेगा चंबल नदी का एक्सेस पानी, 145 किलोमीटर का बनेगा ग्रेविटी चैनल

नए डैम बनाने में नहीं आती दिक्कत : एजाजुद्दीन अंसारी का कहना है कि वर्ल्ड बैंक ने ड्रिप सेकंड के तहत राजस्थान के डैम के लिए राशि जारी की थी. इसी फिक्स राशि के तहत ही 2020 में घोषणा हुई थी, जिसमें 18 डैम का रिनोवेशन होना था. इसमें यह चंबल के तीनों के अलावा झालावाड़ का छापी डैम भी शामिल है. नए डैम के लिए ठेकेदार को काम करना आसान होता है, लेकिन पुराने डैम में काम करने में दिक्कत रहती है व काफी तकलीफ आती है. इसके अलावा चुनाव पीरियड भी था. ऐसे में संवेदकों ने कम रुचि दिखाई और इसलिए डीपीआर भी अब रिवाइज हुआ है.

Last Updated : Nov 22, 2024, 11:54 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.