ETV Bharat / state

नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा की करें पूजा, सफेद पुष्प और बड़े फल माता को करें अर्पित - Mata Kushmanda worship

किस्मत नहीं दे रही साथ, धन का लगाना है भंडार, तो चैत्र नवरात्रि में इस देवी की करें पूजा, सफेद पुष्प, और बड़े फल हैं इन्हें बहुत प्रिय

MATA KUSHMANDA WORSHIP
नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा की करें पूजा, सफेद पुष्प और बड़े फल माता को करें अर्पित
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 11, 2024, 10:47 PM IST

Updated : Apr 12, 2024, 7:28 AM IST

शहडोल। चैत्र नवरात्र का समय चल रहा है. 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. शुक्रवार को चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है. नवरात्रि के नौ दिनों में माता के नौ स्वरूपों की पूजा होती है. चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन कूष्मांडा देवी की पूजा की जाती है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानते हैं, किस विधि विधान से माता की पूजा करें, जिससे माता प्रसन्न होंगी.

नवरात्रि के चौथे दिन कूष्मांडा देवी की पूजा

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं की नवरात्रि के चौथे दिन कूष्मांडा देवी की पूजा की जाती है. कुष्मांडा देवी को विशेष रूप से धरातल की देवी माना जाता है. अगर विधि विधान से पूजा की जाए, तो माता बहुत प्रसन्न होती हैं और आशीर्वाद प्रदान करती हैं.

ऐसे करें पूजा

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं की कूष्मांडा देवी की पूजा करने के लिए प्रातः कालीन भोर में उठें, स्नान करें, एक ताम्र के कलश में साफ जल ले लें और देवी जी को स्नान कराएं. स्नान कराने के बाद सफेद और लाल चंदन लगाएं. पुष्प अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखें की माता कूष्मांडा देवी को सफेद रंग के पुष्प बहुत पसंद होते हैं, जिसे अर्पित करने से माता बहुत प्रसन्न होती हैं. भोग लगाने के लिए मां कूष्मांडा को बड़े आकार के फलों के भोग बहुत पसंद होते हैं. जैसे कद्दू, बरिहा, कलिंदर, खीरा या बेल मिल जाए, इन फलों का भोग लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि पूरा का पूरा साबूत फल ही चढ़ाऐं, इसे काट कर न चढ़ाएं, तो माता बहुत प्रसन्न होती हैं.

यहां पढ़ें...

शत्रुओं का नाश करेंगी मां चंद्रघंटा, जानें पूजन विधि और भोग के बारे में

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रम्हचारिणी की करें पूजा, विशेष फूल अर्पित करने से खुल जाएंगे भाग्य के द्वार

भरता है धन का भंडार

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं की कूष्मांडा देवी की पूजा अगर विधि विधान से करते हैं और माता प्रसन्न हो जाती हैं, तो अगर आपकी किस्मत साथ नहीं दे रही है, बहुत दिनों से बनते हुए काम बिगड़ जा रहे हैं, कहीं भी कोई भी काम नहीं बन पा रहा है, कहीं कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है, तो सब कुछ ठीक होता है. समय परिवर्तित होता है, शास्त्रों में तो ये भी उल्लेख है कि जिस तरह से पृथ्वी का आकार बड़ा होता है. ठीक उसी तरह से कूष्मांडा देवी की पूजा करने से अगर माता प्रसन्न हो जाती हैं, तो वो इस तरह से घर में धन का भंडार भी भर देती हैं. साथ ही माता की पूजा करने से शांति मिलती है विद्या का विकास होता है और घर में पैसा ही पैसा आता है.

शहडोल। चैत्र नवरात्र का समय चल रहा है. 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. शुक्रवार को चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है. नवरात्रि के नौ दिनों में माता के नौ स्वरूपों की पूजा होती है. चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन कूष्मांडा देवी की पूजा की जाती है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानते हैं, किस विधि विधान से माता की पूजा करें, जिससे माता प्रसन्न होंगी.

नवरात्रि के चौथे दिन कूष्मांडा देवी की पूजा

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं की नवरात्रि के चौथे दिन कूष्मांडा देवी की पूजा की जाती है. कुष्मांडा देवी को विशेष रूप से धरातल की देवी माना जाता है. अगर विधि विधान से पूजा की जाए, तो माता बहुत प्रसन्न होती हैं और आशीर्वाद प्रदान करती हैं.

ऐसे करें पूजा

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं की कूष्मांडा देवी की पूजा करने के लिए प्रातः कालीन भोर में उठें, स्नान करें, एक ताम्र के कलश में साफ जल ले लें और देवी जी को स्नान कराएं. स्नान कराने के बाद सफेद और लाल चंदन लगाएं. पुष्प अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखें की माता कूष्मांडा देवी को सफेद रंग के पुष्प बहुत पसंद होते हैं, जिसे अर्पित करने से माता बहुत प्रसन्न होती हैं. भोग लगाने के लिए मां कूष्मांडा को बड़े आकार के फलों के भोग बहुत पसंद होते हैं. जैसे कद्दू, बरिहा, कलिंदर, खीरा या बेल मिल जाए, इन फलों का भोग लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि पूरा का पूरा साबूत फल ही चढ़ाऐं, इसे काट कर न चढ़ाएं, तो माता बहुत प्रसन्न होती हैं.

यहां पढ़ें...

शत्रुओं का नाश करेंगी मां चंद्रघंटा, जानें पूजन विधि और भोग के बारे में

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रम्हचारिणी की करें पूजा, विशेष फूल अर्पित करने से खुल जाएंगे भाग्य के द्वार

भरता है धन का भंडार

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं की कूष्मांडा देवी की पूजा अगर विधि विधान से करते हैं और माता प्रसन्न हो जाती हैं, तो अगर आपकी किस्मत साथ नहीं दे रही है, बहुत दिनों से बनते हुए काम बिगड़ जा रहे हैं, कहीं भी कोई भी काम नहीं बन पा रहा है, कहीं कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है, तो सब कुछ ठीक होता है. समय परिवर्तित होता है, शास्त्रों में तो ये भी उल्लेख है कि जिस तरह से पृथ्वी का आकार बड़ा होता है. ठीक उसी तरह से कूष्मांडा देवी की पूजा करने से अगर माता प्रसन्न हो जाती हैं, तो वो इस तरह से घर में धन का भंडार भी भर देती हैं. साथ ही माता की पूजा करने से शांति मिलती है विद्या का विकास होता है और घर में पैसा ही पैसा आता है.

Last Updated : Apr 12, 2024, 7:28 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.