ETV Bharat / state

शनि नियंत्रण के लिए करें देवी कालरात्रि की पूजा, अर्पित करें विशेष भोग और चढ़ाएं प्रिय पुष्प - Maa Kalratri Worship - MAA KALRATRI WORSHIP

सोमवार को नवरात्रि का सातवां दिन है. इस दिन मां कालरात्रि की पूजा करते हैं. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानिए कैसे मां कालरात्रि की पूजा करें और उन्हें प्रसन्न करें.

MAA KALRATRI WORSHIP
शनि के नियंत्रण के लिए करें इस देवी की पूजा, अर्पित करें ये विशेष भोग, चढ़ाएं उनका प्रिय पुष्प
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 14, 2024, 10:40 PM IST

Updated : Apr 15, 2024, 2:11 PM IST

शहडोल। चैत्र नवरात्रि का समय चल रहा है. 9 अप्रैल से इसकी शुरुआत हुई है. 15 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं, कि चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. मां कालरात्रि की पूजा कैसे करें, क्या फायदे होते हैं और कैसे शनि देव का नियंत्रण होता है जानते हैं ज्योतिष आचार्य से.

शनि को नियंत्रित करने करें कालरात्रि की पूजा

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. मां कालरात्रि की इस दिन पूजा करने से जो भी भक्त हैं, उनको बहुत लाभ होता है. कालरात्रि भद्रकाली नाम से देवी की पूजा की जाती है. कालरात्रि की पूजा में इस बात का ध्यान रखें कि उनकी पूजा रात में ही होती है, तो रात में ही पूजा करें. कालरात्रि की पूजा करने से शनि देव भी नियंत्रण में रहते हैं. जिन जातकों में शनि चल रहा है, उनका समय संतुलित बना रहता है. कालरात्रि की पूजन करने से अकाल मृत्यु नहीं होती है. दुश्मनों का संघार होता है. कालरात्रि की सायं के समय अगर विधि विधान से पूजा करें तो कई सिद्धियां प्राप्त होती हैं. सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. आय के स्रोत बढ़ते हैं. शत्रुओं का विनाश होता है और ताकत मिलती है.

मां कालरात्रि को अर्पित करें ये भोग

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं की मां कालरात्रि की पूजा काफी विधि विधान से की जाती है. जो मां कालरात्रि की पूजा सायं के समय विधि विधान से करता है. उसे कई लाभ भी होते हैं. मां कालरात्रि को भोग लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें उनका पूरा प्रिय भोग विधि विधान से लगाएं. जैसे लाल भाजी हो गया नींबू और अनार और गुड़ इसी का भोग मां कालरात्रि देवी को लगता है. यही भोग वो पसंद करती हैं और ऐसा भोग लगाने से मां भक्तों को मनचाहा वर देती हैं.

यहां पढ़ें...

नवरात्रि के पांचवे दिन करें स्कंदमाता की पूजा, संतान सुरक्षा में होगी उपयोगी, मां को लगाएं ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा की करें पूजा, सफेद पुष्प और बड़े फल माता को करें अर्पित

अर्पित करें ये पुष्प

ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि कई ऐसे रंग के पुष्प होते हैं. जो अलग-अलग देवी देवताओं को काफी प्रिय होते हैं. मां कालरात्रि को भी लाल और सफेद कलर का पुष्प बहुत प्रिय है. जो भी जातक मां कालरात्रि की पूजा विधि विधान से करते हैं. वो कोशिश करें कि लाल और सफेद कलर का पुष्प इकट्ठा कर लें और मां कालरात्रि को अर्पित करें. मां कालरात्रि को लाल और सफेद पुष्प दोनों एक साथ चढ़ाएं तो मन बहुत प्रसन्न होता है.

शहडोल। चैत्र नवरात्रि का समय चल रहा है. 9 अप्रैल से इसकी शुरुआत हुई है. 15 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं, कि चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. मां कालरात्रि की पूजा कैसे करें, क्या फायदे होते हैं और कैसे शनि देव का नियंत्रण होता है जानते हैं ज्योतिष आचार्य से.

शनि को नियंत्रित करने करें कालरात्रि की पूजा

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. मां कालरात्रि की इस दिन पूजा करने से जो भी भक्त हैं, उनको बहुत लाभ होता है. कालरात्रि भद्रकाली नाम से देवी की पूजा की जाती है. कालरात्रि की पूजा में इस बात का ध्यान रखें कि उनकी पूजा रात में ही होती है, तो रात में ही पूजा करें. कालरात्रि की पूजा करने से शनि देव भी नियंत्रण में रहते हैं. जिन जातकों में शनि चल रहा है, उनका समय संतुलित बना रहता है. कालरात्रि की पूजन करने से अकाल मृत्यु नहीं होती है. दुश्मनों का संघार होता है. कालरात्रि की सायं के समय अगर विधि विधान से पूजा करें तो कई सिद्धियां प्राप्त होती हैं. सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. आय के स्रोत बढ़ते हैं. शत्रुओं का विनाश होता है और ताकत मिलती है.

मां कालरात्रि को अर्पित करें ये भोग

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं की मां कालरात्रि की पूजा काफी विधि विधान से की जाती है. जो मां कालरात्रि की पूजा सायं के समय विधि विधान से करता है. उसे कई लाभ भी होते हैं. मां कालरात्रि को भोग लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें उनका पूरा प्रिय भोग विधि विधान से लगाएं. जैसे लाल भाजी हो गया नींबू और अनार और गुड़ इसी का भोग मां कालरात्रि देवी को लगता है. यही भोग वो पसंद करती हैं और ऐसा भोग लगाने से मां भक्तों को मनचाहा वर देती हैं.

यहां पढ़ें...

नवरात्रि के पांचवे दिन करें स्कंदमाता की पूजा, संतान सुरक्षा में होगी उपयोगी, मां को लगाएं ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा की करें पूजा, सफेद पुष्प और बड़े फल माता को करें अर्पित

अर्पित करें ये पुष्प

ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि कई ऐसे रंग के पुष्प होते हैं. जो अलग-अलग देवी देवताओं को काफी प्रिय होते हैं. मां कालरात्रि को भी लाल और सफेद कलर का पुष्प बहुत प्रिय है. जो भी जातक मां कालरात्रि की पूजा विधि विधान से करते हैं. वो कोशिश करें कि लाल और सफेद कलर का पुष्प इकट्ठा कर लें और मां कालरात्रि को अर्पित करें. मां कालरात्रि को लाल और सफेद पुष्प दोनों एक साथ चढ़ाएं तो मन बहुत प्रसन्न होता है.

Last Updated : Apr 15, 2024, 2:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.