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चैत्र नवरात्र 2024: शिला माता मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब, अपनी मनोकामनाएं लेकर दूर-दूर से पहुंचे भक्त - Shilla Mata temple in Amber

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 9, 2024, 4:42 PM IST

Updated : Apr 9, 2024, 7:01 PM IST

जयपुर के आमेर में शिला माता मंदिर में चैत्र नवरात्रा के पहले दिन भक्तों का सैलाब उमड़ा. माता के दर्शनों के लिए दूर-दूर से भक्त आए.

Chaitra Navratri 2024
चैत्र नवरात्र 2024
शिला माता मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब

जयपुर. मां शक्ति की आराधना के चैत्र नवरात्रा आज से शुरू हो गए हैं. शुभ मुहूर्त में माता के मंदिरों में घट स्थापना की गई. आमेर में प्राचीन शिला माता मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ा. दूर-दूर से भक्त अपनी मनोकामनाएं लिए माता के दरबार में पहुंचे. नवरात्रों में माता के भक्तों के लिए प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं. माता के भक्त सुबह 8 बजे से ही लाइनों में लगकर दर्शनों के लिए इंतजार करते हुए नजर आए.

आमेर शिला माता मंदिर में सुबह 12:05 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ घट स्थापना हुई. माता रानी का विशेष शृंगार कर झांकी भी सजाई गई. भक्तों की मान्यता है कि शिला माता उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. कई भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर दंडवत करते हुए भी माता के दरबार में पहुंचे. माता के भक्तों के लिए आमेर महल में प्रसादी के लिए भंडारे का आयोजन किया गया है.

पढ़ें: चैत्र नवरात्र 2024: प्राचीन शिला माता मंदिर में दोपहर 12:05 बजे होगी घट स्थापना, दर्शन की ये रहेगी व्यवस्था - CHAITRA NAVRATRI 2024

आमेर का शिला माता मंदिर काफी प्राचीन है. नवरात्रों में दूर-दूर से भक्त माता के धोक लगाने के लिए पहुंचते हैं. माता के भक्त माता का ध्वज हाथ में लेकर और दंडवत करते हुए भी अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं. चैत्र नवरात्रों में प्राचीन आमेर शिला माता मंदिर में नवरात्र मेला भरेगा. नवरात्रों में प्रतिदिन दुर्गा सप्तमी का पाठ और हवन किया जाएगा. नवरात्रों में पूर्व राज परिवार की ओर से माता रानी को पोशाक चढ़ाई जाती है.

पढ़ें: Shardiya-Navratri-2023: भीलवाड़ा के इस मंदिर में पुलिस के जवान करते हैं पूजा-अर्चना, नवरात्रि में उमड़ता है श्रद्धा का सैलाब

शिला माता मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि शिला माता मंदिर में नवरात्र के दौरान दर्शनार्थियों के लिए दर्शनों की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं. नवरात्रों के दौरान दूसरे नवरात्र से दोपहर 12:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक दर्शन बंद रहेंगे. दूसरे नवरात्रा से आखरी नवरात्रा तक रोजाना सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे और शाम 4:00 बजे से रात 8:30 बजे तक भक्तों को दर्शन होंगे.

पढ़ें: Shardiya Navratri 2023 : राजस्थान में रेत के टीलों और पहाड़ियों के बीच स्थित हैं मां वांकल, जानिए क्या है मंदिर का इतिहास

निशा पूजन 15 अप्रैल को रात्रि 10:00 बजे होगा. 14 अप्रैल को छठ का मेला भरेगा. 16 अप्रैल अष्टमी को शाम 4:30 बजे पूर्णाहुति होगी. 18 अप्रैल को दशमी के दिन नवरात्रा उत्थापना सुबह 10:30 बजे किया जाएगा. नवरात्रों में रोजाना बाल भोग सुबह 8:00 बजे से 8:15 बजे तक और प्रातः आरती 11:00 बजे होगी. संध्या आरती शाम 6:45 बजे होगी. रात्रि भोग रात 7:45 बजे से 8:00 बजे तक होगा और शयन आरती रात्रि 8:30 बजे होगी.

शिला माता मंदिर में नवरात्रों के दौरान 10 महाविद्याओं और 9 दुर्गाओं की प्रतिदिन पूजा-अर्चना की जाएगी. पहले नवरात्र को मां शैलपुत्री की पूजा होगी. दूसरे नवरात्र को ब्रह्मचारिणी माता, तीसरे नवरात्र को चंद्रघंटा माता, चौथे नवरात्र को कुषमांडा माता, पांचवे नवरात्रा को स्कंधमाता, छठे नवरात्र को कात्यायनी माता, सातवें नवरात्र को कालरात्रि माता, आठवें नवरात्र को महागौरी माता और नवें व आखिरी नवरात्र को सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाएगी.

शिला माता मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब

जयपुर. मां शक्ति की आराधना के चैत्र नवरात्रा आज से शुरू हो गए हैं. शुभ मुहूर्त में माता के मंदिरों में घट स्थापना की गई. आमेर में प्राचीन शिला माता मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ा. दूर-दूर से भक्त अपनी मनोकामनाएं लिए माता के दरबार में पहुंचे. नवरात्रों में माता के भक्तों के लिए प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं. माता के भक्त सुबह 8 बजे से ही लाइनों में लगकर दर्शनों के लिए इंतजार करते हुए नजर आए.

आमेर शिला माता मंदिर में सुबह 12:05 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ घट स्थापना हुई. माता रानी का विशेष शृंगार कर झांकी भी सजाई गई. भक्तों की मान्यता है कि शिला माता उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. कई भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर दंडवत करते हुए भी माता के दरबार में पहुंचे. माता के भक्तों के लिए आमेर महल में प्रसादी के लिए भंडारे का आयोजन किया गया है.

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आमेर का शिला माता मंदिर काफी प्राचीन है. नवरात्रों में दूर-दूर से भक्त माता के धोक लगाने के लिए पहुंचते हैं. माता के भक्त माता का ध्वज हाथ में लेकर और दंडवत करते हुए भी अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं. चैत्र नवरात्रों में प्राचीन आमेर शिला माता मंदिर में नवरात्र मेला भरेगा. नवरात्रों में प्रतिदिन दुर्गा सप्तमी का पाठ और हवन किया जाएगा. नवरात्रों में पूर्व राज परिवार की ओर से माता रानी को पोशाक चढ़ाई जाती है.

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शिला माता मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि शिला माता मंदिर में नवरात्र के दौरान दर्शनार्थियों के लिए दर्शनों की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं. नवरात्रों के दौरान दूसरे नवरात्र से दोपहर 12:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक दर्शन बंद रहेंगे. दूसरे नवरात्रा से आखरी नवरात्रा तक रोजाना सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे और शाम 4:00 बजे से रात 8:30 बजे तक भक्तों को दर्शन होंगे.

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निशा पूजन 15 अप्रैल को रात्रि 10:00 बजे होगा. 14 अप्रैल को छठ का मेला भरेगा. 16 अप्रैल अष्टमी को शाम 4:30 बजे पूर्णाहुति होगी. 18 अप्रैल को दशमी के दिन नवरात्रा उत्थापना सुबह 10:30 बजे किया जाएगा. नवरात्रों में रोजाना बाल भोग सुबह 8:00 बजे से 8:15 बजे तक और प्रातः आरती 11:00 बजे होगी. संध्या आरती शाम 6:45 बजे होगी. रात्रि भोग रात 7:45 बजे से 8:00 बजे तक होगा और शयन आरती रात्रि 8:30 बजे होगी.

शिला माता मंदिर में नवरात्रों के दौरान 10 महाविद्याओं और 9 दुर्गाओं की प्रतिदिन पूजा-अर्चना की जाएगी. पहले नवरात्र को मां शैलपुत्री की पूजा होगी. दूसरे नवरात्र को ब्रह्मचारिणी माता, तीसरे नवरात्र को चंद्रघंटा माता, चौथे नवरात्र को कुषमांडा माता, पांचवे नवरात्रा को स्कंधमाता, छठे नवरात्र को कात्यायनी माता, सातवें नवरात्र को कालरात्रि माता, आठवें नवरात्र को महागौरी माता और नवें व आखिरी नवरात्र को सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाएगी.

Last Updated : Apr 9, 2024, 7:01 PM IST
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