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चैत्र नवरात्रि 2024 में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, रहिए सावधान घोड़े पर सवार होकर पधारेंगी मां दुर्गा - Chaitra Navratri 2024 - CHAITRA NAVRATRI 2024

इस बार चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर पधारेंगी. ज्योतिषों का मानना है कि जब मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं तो देश में थोड़ी बहुत आपदाएं आती है. ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. आइए जानते हैं नवरात्रि में घटस्थापना के शुभ मुहूर्त और पूजा से जुड़ी जानकारी

chaitra navratri 2024
चैत्र नवरात्रि 2024
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 3, 2024, 7:32 PM IST

इस शुभ मुहूर्त में करें घटस्थापना

रायपुर: सनातन धर्म में एक साल में चार नवरात्रि होते हैं. चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि होते हैं. इस समय मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है. इस साल चैत्र नवरात्र का पर्व 9 अप्रैल से शुरू होकर 17 अप्रैल तक रहेगा. इस बार मां दुर्गा मंगलवार के दिन घोड़े पर सवार होकर आएंगी. ऐसे में ज्योतिषियों का मानना है कि थोड़ी सी राष्ट्रीय आपदाएं आ सकती है. इसके लिए थोड़ा सावधान रहने की जरूरत भी पड़ सकती है. नवरात्र के इन नौ दिनों में मां दुर्गा की खास विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए. मंगलवार को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:12 से सुबह 10:23 तक रहेगा. इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:03 से 12:53 तक रहेगा. इन दो मुहूर्तों में घट स्थापना का कार्य किया जा सकता है.

जानिए घटस्थापना के शुभ मुहूर्त: इस बारे में अधिक जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "9 अप्रैल मंगलवार के दिन प्रतिपदा तिथि होगी. इस दिन सुबह 6:12 से लेकर सुबह 10:23 तक घट स्थापन किया जा सकता है. यह मुहूर्त 9 अप्रैल मंगलवार के दिन दोपहर 12:03 से लेकर दोपहर 12:53 तक रहेगा. यानी कि अभिजीत मुहूर्त का समय 50 मिनट का होगा. नवरात्र के इन नौ दिनों के दौरान पहले दिन माता के शैलपुत्री रुप की पूजा होगी. दूसरे दिन माता के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा होगी. तीसरे दिन माता के चंद्रघंटा रूप की पूजा होगी. चौथे दिन माता कुष्मांडा रूप की पूजा होगी. पांचवें दिन माता स्कंदमाता के रूप की पूजा होगी. छठवें दिन माता के कात्यायनी रूप की पूजा होगी. सातवें दिन माता के कालरात्रि रूप की पूजा होगी. आठवें दिन मां के महागौरी रूप की पूजा हो. नवमें दिन मां के सिद्धिरात्रि रूप की पूजा होगी."

घटस्थापना के समय इन बातों का रखें ध्यान: पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने घटस्थापना को लेकर भी खास जानकारियां दी. उन्होंने बताया कि गौरी, गणेश, नवग्रह षोडश मातृका बना कर पूजा की शुरुआत करें. इसके लिए कलश तैयार करके अपने देश काल का ध्यान करते हुए संकल्प के साथ ही गौरी गणेश की पूजा करें. इसके बाद घटस्थापना करें.

Keep these things in mind during Ghatasthapana
घटस्थापना के समय इन बातों का रखें ध्यान
  • सबसे पहले संकल्प लें.
  • इसके बाद घटस्थापना करने के लिए मिट्टी के बर्तन में मिट्टी डालकर सात प्रकार के अनाज डालें.
  • मिट्टी की तीन परतें बना लें फिर उसमें थोड़ा पानी डाल दें.
  • कलश में गंगाजल भरकर उसमें कलावा बांध लें.
  • इस कलश में सुपारी, अक्षत और सिक्का डाल दें.
  • कलश के किनारे पांच आम या फिर अशोक के पत्ते लगा दें.
  • इसके बाद नारियल के ऊपर लाल कपड़ा बांधकर कलश पर रख दें.
  • इस कलश को मां दुर्गा की पूजा के बाद उनके सामने 9 दिनों तक रखे.
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इस शुभ मुहूर्त में करें घटस्थापना

रायपुर: सनातन धर्म में एक साल में चार नवरात्रि होते हैं. चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि होते हैं. इस समय मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है. इस साल चैत्र नवरात्र का पर्व 9 अप्रैल से शुरू होकर 17 अप्रैल तक रहेगा. इस बार मां दुर्गा मंगलवार के दिन घोड़े पर सवार होकर आएंगी. ऐसे में ज्योतिषियों का मानना है कि थोड़ी सी राष्ट्रीय आपदाएं आ सकती है. इसके लिए थोड़ा सावधान रहने की जरूरत भी पड़ सकती है. नवरात्र के इन नौ दिनों में मां दुर्गा की खास विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए. मंगलवार को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:12 से सुबह 10:23 तक रहेगा. इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:03 से 12:53 तक रहेगा. इन दो मुहूर्तों में घट स्थापना का कार्य किया जा सकता है.

जानिए घटस्थापना के शुभ मुहूर्त: इस बारे में अधिक जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "9 अप्रैल मंगलवार के दिन प्रतिपदा तिथि होगी. इस दिन सुबह 6:12 से लेकर सुबह 10:23 तक घट स्थापन किया जा सकता है. यह मुहूर्त 9 अप्रैल मंगलवार के दिन दोपहर 12:03 से लेकर दोपहर 12:53 तक रहेगा. यानी कि अभिजीत मुहूर्त का समय 50 मिनट का होगा. नवरात्र के इन नौ दिनों के दौरान पहले दिन माता के शैलपुत्री रुप की पूजा होगी. दूसरे दिन माता के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा होगी. तीसरे दिन माता के चंद्रघंटा रूप की पूजा होगी. चौथे दिन माता कुष्मांडा रूप की पूजा होगी. पांचवें दिन माता स्कंदमाता के रूप की पूजा होगी. छठवें दिन माता के कात्यायनी रूप की पूजा होगी. सातवें दिन माता के कालरात्रि रूप की पूजा होगी. आठवें दिन मां के महागौरी रूप की पूजा हो. नवमें दिन मां के सिद्धिरात्रि रूप की पूजा होगी."

घटस्थापना के समय इन बातों का रखें ध्यान: पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने घटस्थापना को लेकर भी खास जानकारियां दी. उन्होंने बताया कि गौरी, गणेश, नवग्रह षोडश मातृका बना कर पूजा की शुरुआत करें. इसके लिए कलश तैयार करके अपने देश काल का ध्यान करते हुए संकल्प के साथ ही गौरी गणेश की पूजा करें. इसके बाद घटस्थापना करें.

Keep these things in mind during Ghatasthapana
घटस्थापना के समय इन बातों का रखें ध्यान
  • सबसे पहले संकल्प लें.
  • इसके बाद घटस्थापना करने के लिए मिट्टी के बर्तन में मिट्टी डालकर सात प्रकार के अनाज डालें.
  • मिट्टी की तीन परतें बना लें फिर उसमें थोड़ा पानी डाल दें.
  • कलश में गंगाजल भरकर उसमें कलावा बांध लें.
  • इस कलश में सुपारी, अक्षत और सिक्का डाल दें.
  • कलश के किनारे पांच आम या फिर अशोक के पत्ते लगा दें.
  • इसके बाद नारियल के ऊपर लाल कपड़ा बांधकर कलश पर रख दें.
  • इस कलश को मां दुर्गा की पूजा के बाद उनके सामने 9 दिनों तक रखे.
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