करौली. उत्तर भारत के प्रसिद्ध आस्था धाम कैला देवी मंदिर में नव संवत्सर के पहले दिन श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन कर खुशहाली की मनौती मांगी. मंगलवार को नवरात्रि का पहला दिन होने के कारण लाखों श्रद्धालु माता के दरबार में सोमवार रात को ही पहुंच गए थे. सुबह कालीसिल में स्नान कर तड़के ही माता के दरबार में धोक लगाने पहुंच गए.
श्रद्धालुओं से खचाखच भरा प्रांगण: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कैला माता को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. हिंदू नव वर्ष के पहले दिन माता के दर्शन करने से वर्ष भर खुशहाली रहती है. इसी आस्था के चलते नवरात्रि में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. नवरात्रि के पहले दिन आस्था धाम कैला देवी का प्रांगण श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ नजर आया. श्रद्धालु लांगुरिया गीत और भजन पर नृत्य करते हुए दिखाई दिए.
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मंदिर में ये है व्यवस्था : मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी विवेक द्विवेदी और संतोष मामा ने बताया कि तड़के सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. अब तक करीब ढाई लाख श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन कर लिए हैं. शाम तक 3 लाख श्रद्धालुओं के दर्शन करने की संभावना है. मंदिर ट्रस्ट की तरफ से श्रद्धालुओं को गर्मी में कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसलिए पानी की भी व्यवस्था की गई है. वहीं, असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे और पुलिस की पुख्ता व्यवस्था की गई है. माता के दरबार में 9 दिन तक विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होंगे.
घटस्थापना के साथ नवरात्रि की हुई शुरुआत : आज से चैत्र मास के नवरात्र भी शुरू हो गए हैं. नवरात्र की घटस्थापना मंदिर के ट्रस्टी, महाराणी पूर्व विधायक रोहिणी देवी, युवराज सहित अन्य राज परिवार के सदस्यों ने माता कैला देवी की विशेष पूजा-अर्चना कर की. इसी के साथ ही मंदिर परिसर मे भी 9 दिवसीय नवरात्रि के पाठ पूजा भी प्रारंभ हो गए हैं. मान्यता है कि नवरात्रि के 9 दिन तक माता का न तो स्नान कराया जाएगा न मंदिर की धुलाई की जाएगी. माता ने नवरात्रों में ही दानव और दैत्यों का विनाश किया था. ऐसे में 9 दिन के अनुष्ठान के बाद ही माता का स्नान कराया जाएगा. इसके बाद नई पोशाक धारण कराई जाएगी.