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16 अप्रैल को दोपहर 1:23 PM तक महाष्टमी, इससे पहले करें कन्या पूजन - Chaitra Navratri 2024

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 16, 2024, 6:32 AM IST

Ashtami Shubh Muhurat. चैत्र नवरात्रि के दो दिन अष्टमी और नवमी तिथि सबसे प्रमुख माने जाते हैं. महा अष्टमी तिथि के दिन नवदुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की उपासना की जाती है. अधिकतर लोग इसी दिन कन्या पूजन भी करते हैं. हिंदू पंचांग के मुताबिक इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी 16 अप्रैल को है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग का संयोग भी बन रहा है.

Ashtami Navami Date
Ashtami Navami Date
ज्योतिषाचार्य ने क्या कहा...

जयपुर. चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि की शुरुआत सोमवार दोपहर 12:11 से हो चुकी है और इसका समापन 16 अप्रैल को दोपहर 1:23 पर होगा. चूंकि शास्त्रों में उदयातिथि मान्य होती है यानी सूर्य उदय होते समय जो तिथि होती है, उसी के अनुसार पर्व, त्योहार, व्रत आदि किए जाते हैं. ऐसे में महाष्टमी 16 अप्रैल को मनाई जाएगी और इसी दिन कन्या पूजन करना शुभ बताया गया है.

ज्योतिषाचार्य योगेश पारीक ने बताया कि इस बार 16 अप्रैल को अष्टमी तिथि दोपहर 1:23 तक रहेगी. शास्त्रों में कहा गया है कि सती का महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के स्वरूप थे, उन्हीं के 9 अलग-अलग स्वरूप हुए. मां के नौ रूपों में पहली शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्मांडा, पांचवी स्कंध माता, छठी कात्यायिनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी और नौवीं सिद्धिदात्री हैं.

पढ़ें : यहां 9 रूप में होते हैं माता के दर्शन, जगतपिता ब्रह्मा ने की थी नव दुर्गा की आराधना - Chaitra Navratri 2024

उन्होंने बताया कि अष्टमी तिथि को महा गौरी का स्वरूप माना गया. इसी दिन कन्याओं का विशेष पूजा-अर्चन भी किया जाता है. इसके पीछे यही सोच है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमन्ते तत्र देवता. जहां नारी और बालिकाओं का सम्मान होता है, वहां पर देवता विराजमान होते हैं और घर में सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. उन्होंने बताया कि महाष्टमी के दिन चर, लाभ और अमृत का चौघड़िया रहेगा.

सुबह 9:15 बजे से दोपहर 1:23 तक अष्टमी तिथि में ये श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा और इसी समय कन्या का पूजन कर लाभ कमा सकते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया की माता के नौ स्वरूप के अनुसार नौ कन्याओं को भोजन कराने के साथ-साथ एक बटुक को भी भोजन कराना जरूरी है, तभी कार्य में सफलता मिलेगी और कार्य पूर्ण होगा.

आपको बता दें कि चैत्र नवरात्रि महाष्टमी के अवसर पर घर-घर में माता की ज्योत देखकर कन्याओं को भोजन कराया जाएगा. माता की पूजा-अर्चना कर नौ कन्याओं को भोजन कराकर यथाशक्ति दक्षिणा भेंट की जाएगी. वहीं, शहर के सांगानेरी गेट, कनक घाटी, झालाना, दुर्गापुरा, राजापार्क और आमेर स्थित माता के मंदिरों में विशेष आयोजन भी होंगे.

ज्योतिषाचार्य ने क्या कहा...

जयपुर. चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि की शुरुआत सोमवार दोपहर 12:11 से हो चुकी है और इसका समापन 16 अप्रैल को दोपहर 1:23 पर होगा. चूंकि शास्त्रों में उदयातिथि मान्य होती है यानी सूर्य उदय होते समय जो तिथि होती है, उसी के अनुसार पर्व, त्योहार, व्रत आदि किए जाते हैं. ऐसे में महाष्टमी 16 अप्रैल को मनाई जाएगी और इसी दिन कन्या पूजन करना शुभ बताया गया है.

ज्योतिषाचार्य योगेश पारीक ने बताया कि इस बार 16 अप्रैल को अष्टमी तिथि दोपहर 1:23 तक रहेगी. शास्त्रों में कहा गया है कि सती का महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के स्वरूप थे, उन्हीं के 9 अलग-अलग स्वरूप हुए. मां के नौ रूपों में पहली शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्मांडा, पांचवी स्कंध माता, छठी कात्यायिनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी और नौवीं सिद्धिदात्री हैं.

पढ़ें : यहां 9 रूप में होते हैं माता के दर्शन, जगतपिता ब्रह्मा ने की थी नव दुर्गा की आराधना - Chaitra Navratri 2024

उन्होंने बताया कि अष्टमी तिथि को महा गौरी का स्वरूप माना गया. इसी दिन कन्याओं का विशेष पूजा-अर्चन भी किया जाता है. इसके पीछे यही सोच है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमन्ते तत्र देवता. जहां नारी और बालिकाओं का सम्मान होता है, वहां पर देवता विराजमान होते हैं और घर में सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. उन्होंने बताया कि महाष्टमी के दिन चर, लाभ और अमृत का चौघड़िया रहेगा.

सुबह 9:15 बजे से दोपहर 1:23 तक अष्टमी तिथि में ये श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा और इसी समय कन्या का पूजन कर लाभ कमा सकते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया की माता के नौ स्वरूप के अनुसार नौ कन्याओं को भोजन कराने के साथ-साथ एक बटुक को भी भोजन कराना जरूरी है, तभी कार्य में सफलता मिलेगी और कार्य पूर्ण होगा.

आपको बता दें कि चैत्र नवरात्रि महाष्टमी के अवसर पर घर-घर में माता की ज्योत देखकर कन्याओं को भोजन कराया जाएगा. माता की पूजा-अर्चना कर नौ कन्याओं को भोजन कराकर यथाशक्ति दक्षिणा भेंट की जाएगी. वहीं, शहर के सांगानेरी गेट, कनक घाटी, झालाना, दुर्गापुरा, राजापार्क और आमेर स्थित माता के मंदिरों में विशेष आयोजन भी होंगे.

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