अजमेर. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स के शांतिपूर्ण संपन्न होने के बाद अजमेर जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों ने मिलकर मंगलवार को दरगाह में चादर पेश कर शुक्रिया अदा किया. बता दें कि उर्स मेला शुरू होने से पहले भी प्रशासन ने सफलता की कामना करते हुए दरगाह में चादर पेश की थी.
ख्वाजा गरीब नवाज का सालाना उर्स मेला शांतिपूर्वक संपन्न होने के बाद जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों की ओर से मंगलवार को दरगाह में चादर मखमली चादर और अकीदत के फूल पेश करके शुक्रिया अदा किया गया. अजमेर संभागीय आयुक्त महेश शर्मा, अजमेर रेंज आईजी डॉ लता मनोज, कलक्टर भारती दीक्षित, एसपी चुनाराम जाट, समेत विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी और पुलिस के अधिकारी दरगाह पंहुचे. बुलंद दरवाजे से चादर सिर पर लिए अधिकारी आस्ताने पंहुचे. जहां ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर चादर पेश की गई. इस दौरान अधिकारियों ने उर्स की सफलता और शांतिपूर्ण संपन्न होने के लिए ख्वाजा गरीब नवाज का शुक्रिया अदा किया. साथ ही संभाग के जिलों और प्रदेश में अमन चैन, भाईचारा, खुशहाली और तरक्की की दुआ मांगी.
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अंजुमन कमेटी ने किया सम्मान: महफिल खाने में अंजुमन कमेटी के सदर गुलाम किबरिया, सचिन सैयद सरवर चिश्ती समेत पदाधिकारियों ने प्रशासनिक और पुलिस के आला अधिकारियों का सम्मान किया. साथ ही दस्तारबंदी कर उन्हें तबर्रुक भेंट किया. ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स मेला शांतिपूर्वक सम्पन होने के बाद प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों ने चैन की सांस ली है. उर्स में लाखों जायरीन की सुरक्षा और सहूलियत के लिए व्यवस्थाएं करना चुनौती से कम नहीं है.
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उर्स में चांद रात से लेकर बड़े कुल की रस्म होने तक उर्स मेला रहता है. इस दौरान लाखों जायरीन अजमेर आते हैं. जिला प्रशासन की ओर से सभी जागरण की सहूलियत के लिए व्यवस्थाएं की जाती हैं. जायरीन के रहने, खाने, बिजली, पानी, सफाई, चिकित्सा, परिवहन आदि व्यवस्थाएं की जाती हैं, तो सुरक्षा का जिम्मा जिला पुलिस निभाती है. उर्स मेले में जायरीन की भीड़ में कई असमाजिक तत्व आते हैं. इनमें बड़ी संख्या जेबकतरों की होती है. इसके अलावा दरगाह में कई वीवीआईपी और वीआईपी लोगों की ओर चादर पेश की जाती है.
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उर्स से पहले और बाद में इसलिए पेश की जाती है चादर: दरगाह के सभी गेटों पर चैकिंग, विश्राम स्थल पर अस्थाई पुलिस चौकी होती है. लेकिन उर्स के दौरान एक समय वह भी आता है जब जायरीन की संख्या अचानक बढ़ जाती है और दरगाह के सभी गेटों पर चैकिंग करना नामुमकिन हो जाता है. कहा जाता है कि ख्वाजा गरीब नवाज ही सभी व्यवस्थाएं संभालते हैं. यही वजह है कि उर्स से पहले मेले की सफलता की दुआ और उर्स के बाद मेले के शांतिपूर्ण संपन्न होने पर अजमेर जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों की ओर से दरगाह में शुक्रिया अदा किया जाता है. इस मौके पर प्रशासन और पुलिस की ओर से ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर चादर पेश की जाती रही है. अब यह परंपरा बन चुकी है.