मुजफ्फरपुर: नेपाल के पहाड़ी इलाकों में बारिश और बिहार में मानसून की दस्तक ने बिहार के लोगों की परेशानी फिर बढ़ा दी है. बिहार की कई नदियां एक बार फिर से डराने लगी हैं. मुजफ्फरपुर में बागमती नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है.
अतरार घाट का चचरी पुल बहा: वहीं औराई प्रखंड के अतरार घाट का चचरी पुल पानी के तेज बहाव के साथ बह गया है. इससे आधा दर्जन से अधिक पंचायतों के 50 हजार की आबादी का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. इस इलाके के लोगों को अब मुख्यालय तक जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नांव से नदी पार करने को मजबूर हैं.
"औराई जाने के लिए 25 किलोमीटर घूम कर जाना पड़ रहा है. रोड सही नहीं है. नाव पर जान का खतरा रहता है. नदी पार करके जाते हैं तो तीन किलोमीटर जाना पड़ता है. चचरी पुल रहने से बहुत आराम था. सीतामढ़ी होकर हमें जाना पड़ता है."- राजन कुमार, ग्रामीण
![अतरार घाट का चचरी पुल बहा](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/02-07-2024/21848203_kkkkkk.jpg)
40 से 50 हजार की आबादी प्रभावित: महेशवाड़ा, अतरार, अमनौर, सहिलाबल्ली, हथौड़ी समेत आधा दर्जन पंचायतों के कई गांवों के लोगों को अब प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए सीतामढ़ी के सैदपुर होते हुए 55 किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी. 40 से 50 हजार की आबादी इससे प्रभावित हो रही है. बागमती नदी की दक्षिणी उपधारा पर बने चचरी पुल से होकर प्रखंड मुख्यालय जाने में जहां 5 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी, वहीं अब कटौझा या रूत्रीसैदपुर होकर जाने में 20 से 25 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी.