धमतरी: हड़ताल पर बैठे छत्तीसगढ़ सहकारी समिति के कर्मचारी संघ के सदस्यों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया है. बीते 9 दिनों से संघ के सदस्य हड़ताल और धरना प्रदर्शन गांधी मैदान में कर रहे थे. विष्णु देव साय सरकार ने उनकी तीन सूत्री मांगों को मान लिया है. सरकार जैसे ही मांगों को माना नाराज कर्चमारियों ने भी अपने आंदोलन को खत्म करने का ऐलान कर दिया. 4 नवंबर से ही छत्तीसगढ़ सहकारी कर्मचारी संघ के सदस्य आंदोलन पर थे. देवउठनी एकादशी के दिन अपनी मांगों के पूरा होने से कर्मचारी संघ काफी खुश है. कर्मचारी संघ से जुड़े नेताओं ने साय सरकार को धन्यवाद दिया है.
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ का आंदोलन खत्म: सोसायटी के कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने से सबसे ज्यादा राहत की सांस किसानों ने ली है. दरअसल 14 नवंबर से पूरे छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की शुरुआत होने जा रही है. धान खरीदी की जिम्मेदारी सासायटियों के जिम्मे है. अगर आंदोलन खत्म नहीं होता तो धान खरीदी प्रभावित होती. किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए इस बार किसानों को टोकन के लिए लाइन में लगने की जरुरत नहीं पडे़गी. आज से टोकन कटने का काम भी शुरु हो चुका है.
''देवउठनी एकादशी के दिन पूरी हुई मांगें'': छत्तीसगढ़ सहकारी समिति संघ के अध्यक्ष नरेंद्र साहू ने कहा कि हमारी तीन सूत्री मांगों को सरकार ने स्वीकार कर लिया है. देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु भी निद्रा से जाग जाते हैं. आज के दिन प्रदेश के मुखिया ने हमारी मांगों को मान लिया है. संघ की तरह से हम शासन को धन्यवाद देते हैं. हमने अपने आंदोलन को खत्म करने का भी ऐलान कर दिया है. छत्तीसगढ़ सहकारी समिति संघ के अध्यक्ष नरेंद्र साहू की मुलाकात सीएम विष्णु देव साय से होनी है.
क्या थी तीन सूत्री मांगें
- मध्य प्रदेश सरकार की तरह छत्तीसगढ़ में भी तीन लाख रुपए प्रति वर्ष प्रबंधकीय अनुदान राशि दी जाए.
- सेवा नियम 2018 के आंशिक संशोधन कर रिवाइज्ड वेतनमान लागू किया जाए.
- धान खरीदी गत वर्ष 2023 और 2024 में धान परिवहन के बाद धान में सुखत दिया जाए. समस्त कमीशनों को चार गुना तक बढ़ाया जाए.