देहरादून: बदरी केदार मंदिर समिति लगातार सुर्खियों में है. ताजा मामला बदरी केदार मंदिर समिति के सीईओ यानी चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर को लेकर के है. दरअसल, 29 जुलाई को शासन ने बदरी केदार मंदिर समिति के सीईओ के रूप में उत्तराखंड मंडी परिषद में कार्यरत विजय थपलियाल को समिति का सीईओ को नियुक्त किया. इसके बाद थपलियाल को मंडी बोर्ड ने रिलीव नहीं किया. मंडी परिषद ने उन्हें NOC देने से मना कर दिया.
इधर शासन ने विजय थपलियाल को बदरी केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त करने का आदेश तो जारी किया, लेकिन पहले बदरी केदार मंदिर समिति में कार्यरत सीईओ योगेंद्र सिंह को रिलीव नहीं किया गया. जिस वजह से पिछले कुछ दिनों से बदरी केदार मंदिर समिति के सीईओ को लेकर के असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. इस संबंध में मंडी परिषद की ओर से स्थिति स्पष्ट कर दी गई है. विजय थपलियाल अपने पूर्व के पद पर ही नियुक्त रहेंगे. उन्हें बदरी केदार मंदिर समिति के सीईओ के लिए मंडी बोर्ड से एनओसी प्राप्त नहीं हुई है, आदेश में 30 जुलाई की तारीख है. यानी की 29 को उन्हें BKTC में नियुक्ति दी गई. 30 को ही मंडी परिषद ने इस पर आपत्ति दर्ज कर दी.
बता दें बदरी केदार मंदिर समिति द्वारा लगातार एक पूर्ण कालिक सीईओ की मांग की जा रही है. वर्तमान में बदरी केदार मंदिर समिति के सीईओ योगेंद्र सिंह के पास केदारनाथ विकास प्राधिकरण की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी है. मंदिर समिति का अक्सर यह रोना रहता है कि उनके पास फुल फ्लैश अधिकारी न होने की वजह से उनके काम रुकते हैं, इसीलिए उन्होंने एक पूर्ण कालिक सीईओ की मांग की थी. वहीं इधर मंडी परिषद की ओर से प्रबंध निदेशक द्वारा बताया गया कि यह फैसला शासन ने किया है. पहले उनको नियुक्त करने के आदेश दिया गया. बाद में आदेश को पलट दिया गया है.
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