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राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय का 16वां स्थापना दिवस, शिक्षाविद्, विद्वानों ने की शिरकत - अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद

किशनगढ़ के राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में रविवार को 16वां स्थापना दिवस मनाया गया. सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. पद्मश्री पुरस्कार विजेता डॉ. माया टंडन, मांड लोक गायक गनी मोहम्मद-अली मोहम्मद ने स्थापना दिवस समारोह में शिरकत की.

Central University Of Rajasthan
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय ने मनाया 16वां स्थापना दिवस
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 4, 2024, 7:07 AM IST

राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय ने मनाया 16वां स्थापना दिवस

किशनगढ़. मार्बल सिटी किशनगढ़ की बांदर सिंदरी में स्थित राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में रविवार को 16वां स्थापना दिवस मनाया गया. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त सचिव डॉ. सुनील कुमार वर्णवाल व पद्मश्री पुरस्कार विजेता लक्ष्मण सिंह के मुख्य आथित्य में यह आयोजन हुआ. सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. पद्मश्री पुरस्कार विजेता डॉ. माया टंडन, मांड लोक गायक गनी मोहम्मद-अली मोहम्मद ने स्थापना दिवस समारोह में शिरकत की. इस दौरान पानी और पर्यावरण बचाने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लक्ष्मण सिंह को प्रतिष्ठित लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय में शैक्षणिक प्रशासनिक और अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों व शोधार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. इस दौरान कार्यक्रम में शामिल होने आए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के अपर सचिव डॉ. सुनील कुमार बरनवाल ने कहा कि ऐसे बहुत कम विश्वविद्यालय हैं, जिन्होंने इतने कम समय में NAAC A++ ग्रेड प्राप्त किया है. राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशंसा का पात्र है. अब से आप उच्च शिक्षा प्रणाली में सर्वोत्तम स्थान प्राप्त करने की आकांक्षा रखते हैं, इसलिए पिछले 15 वर्षों की यात्रा का आकलन करते समय यह वर्ष नई चुनौतियां पेश करने वाला है. परिसर में हरियाली, अच्छा बुनियादी ढांचा, शांति और स्थिरता देखकर डॉ. बरनवाल गदगद थे. उन्होंने कहा कि राजस्थान की विभूतियों को सम्मानित कर आपने यह संदेश दिया है कि विश्वविद्यालय का दायित्व केवल शिक्षा देना ही नहीं बल्कि जीवन निर्माण और राष्ट्र निर्माण भी है.

उच्च शिक्षा तक नहीं पहुंच पा रहे विद्यार्थी : बरनवाल ने कहा कि अंतःविषय पाठ्यक्रमों, एनईपी के कार्यान्वयन, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट और इसके लाभों आदि के बारे में भी बात की. डॉ बरनवाल ने साझा किया कि 16-17 करोड़ लोग हैं, जिन तक उच्च शिक्षा पहुंचनी चाहिए, लेकिन हम केवल 4 करोड़ तक ही पहुंच पाए हैं. अभी भी 11-12 करोड़ लोग उच्च शिक्षा से वंचित हैं, इसलिए उन्होंने आग्रह किया कि इतना बड़ा बुनियादी ढांचा जो उपलब्ध है, उसे अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंचना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना राज्य में रोल मॉडल बनने के लिए की गई है और अब चुनौती सिर्फ खुद को विकसित करने की नहीं है बल्कि राज्य विश्वविद्यालयों के लिए रोल मॉडल बनने की है, ताकि वे केंद्रीय विश्वविद्यालय में हो रही कुछ सर्वोत्तम प्रथाओं का अनुकरण कर सकें.

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NAAC A++ ग्रेड हासिल की : राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आनंद भालेराव ने पिछले एक साल में विश्वविद्यालय की ओर से की गई प्रगति के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें NAAC A++ ग्रेड प्राप्त करना, श्रेणी एक का दर्जा प्राप्त करना, फार्मेसी विभाग को NIRF रैंकिंग में 27वीं रैंक प्राप्त करना, नए पाठ्यक्रम शुरू करना या शुरू करने की योजना बनाना, एनईपी के अनुसार पाठ्यक्रम में सुधार, अनुसंधान, परामर्श परियोजनाओं, प्राप्त अनुदान, छात्र उपलब्धियां आदि में शामिल है. प्रोफेसर भालेराव ने विश्वविद्यालय में हुए हालिया उपलब्धियों को भी साझा किया, जैसे अब छात्र अपनी परीक्षा हिंदी भाषा में भी दे सकते हैं, अब तक 2500 छात्रों ने एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट पर अपना खाता खोला है, बहुत जल्द थिएटर और प्रदर्शन कला कार्यक्रम शुरू होगा. 2 करोड़ के अनुदान से विश्व स्तरीय इन्क्यूबेशन सेंटर बनेगा, एनएचपीसी के साथ 700 किलोवाट की सौर परियोजना शुरू होगी जिससे प्रति वर्ष 60 लाख रुपये की बचत होगी, नए छात्रावास स्वीकृत किए गए, लड़कियों के लिए छात्रवृत्ति शुरू की गई आदि.

लक्ष्मण सिंह को मिला पुरस्कार : वर्ष 2024 के लिए विश्वविद्यालय का प्रतिष्ठित लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार लापोड़िया गांव के लक्ष्मण सिंह को प्रदान किया गया. मुख्य अतिथि की ओर से उन्हें शॉल, स्मृति चिन्ह, भगवत गीता, प्रशस्ति पत्र और 25,000 रुपए का नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. उन्हें यह सम्मान पिछले 40 वर्षों से पानी और पर्यावरण बचाने के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया. लक्ष्मण सिंह लापोड़िया ने कहा कि 1977 में अकाल पड़ा था, इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने चौका प्रणाली को अपनाया, जिसके कारण आज लापोड़िया गांव के सभी कुओं में पानी है.

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अली-गनी ने भी दी प्रस्तुति : अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद ने भी प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर दिया और उन्होंने विश्वविद्यालय के लिए योगदान देने का वादा किया. स्थापना दिवस समारोह के दौरान, विश्वविद्यालय में शैक्षणिक, प्रशासनिक और अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले संकाय सदस्यों को विभिन्न पुरस्कार प्रदान किए गए जिनमें सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता पुरस्कार शामिल हैं.

पुरस्कार विजेता

  • सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार: डॉ. उमेश गुप्ता, सहायक प्रोफेसर, फार्मेसी विभाग
  • सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता पुरस्कार: डॉ.अखिल अग्रवाल, सहायक प्रोफेसर, microbiology विभाग
  • सृजन 2024 में विभिन्न खेल गतिविधियों के दौरान विजेता रही छात्र टीमों को भी मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया.

राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय ने मनाया 16वां स्थापना दिवस

किशनगढ़. मार्बल सिटी किशनगढ़ की बांदर सिंदरी में स्थित राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में रविवार को 16वां स्थापना दिवस मनाया गया. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त सचिव डॉ. सुनील कुमार वर्णवाल व पद्मश्री पुरस्कार विजेता लक्ष्मण सिंह के मुख्य आथित्य में यह आयोजन हुआ. सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. पद्मश्री पुरस्कार विजेता डॉ. माया टंडन, मांड लोक गायक गनी मोहम्मद-अली मोहम्मद ने स्थापना दिवस समारोह में शिरकत की. इस दौरान पानी और पर्यावरण बचाने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लक्ष्मण सिंह को प्रतिष्ठित लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय में शैक्षणिक प्रशासनिक और अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों व शोधार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. इस दौरान कार्यक्रम में शामिल होने आए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के अपर सचिव डॉ. सुनील कुमार बरनवाल ने कहा कि ऐसे बहुत कम विश्वविद्यालय हैं, जिन्होंने इतने कम समय में NAAC A++ ग्रेड प्राप्त किया है. राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशंसा का पात्र है. अब से आप उच्च शिक्षा प्रणाली में सर्वोत्तम स्थान प्राप्त करने की आकांक्षा रखते हैं, इसलिए पिछले 15 वर्षों की यात्रा का आकलन करते समय यह वर्ष नई चुनौतियां पेश करने वाला है. परिसर में हरियाली, अच्छा बुनियादी ढांचा, शांति और स्थिरता देखकर डॉ. बरनवाल गदगद थे. उन्होंने कहा कि राजस्थान की विभूतियों को सम्मानित कर आपने यह संदेश दिया है कि विश्वविद्यालय का दायित्व केवल शिक्षा देना ही नहीं बल्कि जीवन निर्माण और राष्ट्र निर्माण भी है.

उच्च शिक्षा तक नहीं पहुंच पा रहे विद्यार्थी : बरनवाल ने कहा कि अंतःविषय पाठ्यक्रमों, एनईपी के कार्यान्वयन, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट और इसके लाभों आदि के बारे में भी बात की. डॉ बरनवाल ने साझा किया कि 16-17 करोड़ लोग हैं, जिन तक उच्च शिक्षा पहुंचनी चाहिए, लेकिन हम केवल 4 करोड़ तक ही पहुंच पाए हैं. अभी भी 11-12 करोड़ लोग उच्च शिक्षा से वंचित हैं, इसलिए उन्होंने आग्रह किया कि इतना बड़ा बुनियादी ढांचा जो उपलब्ध है, उसे अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंचना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना राज्य में रोल मॉडल बनने के लिए की गई है और अब चुनौती सिर्फ खुद को विकसित करने की नहीं है बल्कि राज्य विश्वविद्यालयों के लिए रोल मॉडल बनने की है, ताकि वे केंद्रीय विश्वविद्यालय में हो रही कुछ सर्वोत्तम प्रथाओं का अनुकरण कर सकें.

इसे भी पढ़ें- कभी हम विकसित देशों पर निर्भर थे, अब दुनिया हमारे नौजवानों के सामर्थ्य पर निर्भर होगी : ओम बिरला

NAAC A++ ग्रेड हासिल की : राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आनंद भालेराव ने पिछले एक साल में विश्वविद्यालय की ओर से की गई प्रगति के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें NAAC A++ ग्रेड प्राप्त करना, श्रेणी एक का दर्जा प्राप्त करना, फार्मेसी विभाग को NIRF रैंकिंग में 27वीं रैंक प्राप्त करना, नए पाठ्यक्रम शुरू करना या शुरू करने की योजना बनाना, एनईपी के अनुसार पाठ्यक्रम में सुधार, अनुसंधान, परामर्श परियोजनाओं, प्राप्त अनुदान, छात्र उपलब्धियां आदि में शामिल है. प्रोफेसर भालेराव ने विश्वविद्यालय में हुए हालिया उपलब्धियों को भी साझा किया, जैसे अब छात्र अपनी परीक्षा हिंदी भाषा में भी दे सकते हैं, अब तक 2500 छात्रों ने एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट पर अपना खाता खोला है, बहुत जल्द थिएटर और प्रदर्शन कला कार्यक्रम शुरू होगा. 2 करोड़ के अनुदान से विश्व स्तरीय इन्क्यूबेशन सेंटर बनेगा, एनएचपीसी के साथ 700 किलोवाट की सौर परियोजना शुरू होगी जिससे प्रति वर्ष 60 लाख रुपये की बचत होगी, नए छात्रावास स्वीकृत किए गए, लड़कियों के लिए छात्रवृत्ति शुरू की गई आदि.

लक्ष्मण सिंह को मिला पुरस्कार : वर्ष 2024 के लिए विश्वविद्यालय का प्रतिष्ठित लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार लापोड़िया गांव के लक्ष्मण सिंह को प्रदान किया गया. मुख्य अतिथि की ओर से उन्हें शॉल, स्मृति चिन्ह, भगवत गीता, प्रशस्ति पत्र और 25,000 रुपए का नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. उन्हें यह सम्मान पिछले 40 वर्षों से पानी और पर्यावरण बचाने के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया. लक्ष्मण सिंह लापोड़िया ने कहा कि 1977 में अकाल पड़ा था, इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने चौका प्रणाली को अपनाया, जिसके कारण आज लापोड़िया गांव के सभी कुओं में पानी है.

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अली-गनी ने भी दी प्रस्तुति : अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद ने भी प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर दिया और उन्होंने विश्वविद्यालय के लिए योगदान देने का वादा किया. स्थापना दिवस समारोह के दौरान, विश्वविद्यालय में शैक्षणिक, प्रशासनिक और अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले संकाय सदस्यों को विभिन्न पुरस्कार प्रदान किए गए जिनमें सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता पुरस्कार शामिल हैं.

पुरस्कार विजेता

  • सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार: डॉ. उमेश गुप्ता, सहायक प्रोफेसर, फार्मेसी विभाग
  • सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता पुरस्कार: डॉ.अखिल अग्रवाल, सहायक प्रोफेसर, microbiology विभाग
  • सृजन 2024 में विभिन्न खेल गतिविधियों के दौरान विजेता रही छात्र टीमों को भी मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया.
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