भोपाल: केंद्र सरकार ने चना, गेंहू, मसूर, सरसों, जौ और सनफ्लावर का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के बाद अब एक और फसल की एमएसपी बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसकी स्वीकृति आर्थिक मामलों की मंत्री मंडलीय समिति ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में दी है. बता दें कि केंद्र खाद्य सुरक्षा तथा मूल्य स्थिरता के लिए बफर स्टाक रखता है. इसी प्रकार केंद्र सरकार एफसीआई या राज्य की अन्य एजेंसियों के माध्यम से धान, मोटे अनाज, गेंहू व अन्य फसलों की खरीदी करता है.
इतना बढ़ाया गया समर्थन मूल्य
केंद्र सरकार ने सीजन 2025 के लिए नारियल कोपरा के समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी की है. केंद्रीय मंत्री अश्विन वैष्णव ने बताया कि, ''2025 सत्र के लिए मिलिंग कोपरा का एमएसपी 422 रुपये बढ़ाकर 11,582 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. वहीं बाल कोपरा का समर्थन मूल्य 100 रुपये बढ़ाकर 12,100 रुपये कर दिया है.'' केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि साल 2014 के मुकाबले नए सत्र में क्रमशः 121 और 120 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है.''
मिलिंग और बाल कोपरा में अंतर
कोपरा दो प्रकार का होता है. पहला मिलिंग कोपरा उच्च गुणवत्ता का सूखा नारियल गूदा होता है, जिसका उपयोग नारियल का तेल निकालने में किया जाता है. दूसरा बाल कोपरा गोल आकार का सूखे नारियल का गूदा होता है. बाल कोपरा का उपयोग धार्मिक कार्यों, खाने, मिठाईयां बनाने और खाने के लिए किया जाता है. इसमें गुणवत्ता और स्वाद पर अधिक ध्यान दिया जाता है.
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इन राज्य के किसानों को होगा फायदा
बता दें कि, देश में सकल कोपरा उत्पादन का 37 प्रतिशत हिस्सा कर्नाटक से आता है. यानि देश में सबसे अधिक नारियल का उत्पादन कर्नाटक में होता है. दूसरे नंबर पर तमिलनाडू है, जहां देश के सकल उत्पादन का 25.7 प्रतिशत नारियल का उत्पादन होता है. इसी प्रकार केरल में 25.4 प्रतिशत और आंध्र प्रदेश में देश के सकल उत्पादन का 7.7 फीसदी नारियल का उत्पादन होता है. इसके साथ ही महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडिसा, दमन-दीव और गुजरात के कुछ क्षेत्रों में नारियल की खेती होती है. माना जा रहा है कि इसका खूब फायदा मध्य प्रदेश के किसानों को भी मिलेगा.