भिवानी: केंद्र सरकार ने किसानों के हित में दो बड़े फैसले लेते हुए यूरिया के बाद डीएपी पर सब्सिडी बढ़ाए जाने के साथ ही फसल बीमा योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया है. जिसके तहत वर्ष 2025-26 के लिए फसल बीमा योजना पर 69515.71 करोड़ रुपये का प्रबंध किया है. वहीं, डीएपी पर 3850 रुपये प्रति टन एकमुश्त विशेष पैकेज की विस्तार योजना को लागू किया है. पुरानी व्यवस्था के तहत डीएपी पर सब्सिडी 31 दिसंबर को खत्म हो गई थी. जिसे फिर से सब्सिडी बढ़ाकर किसानों के लिए लागू किया है. केंद्र सरकार के इस योजना का भिवानी के किसानों ने स्वागत करते हुए इसे किसान हित में बड़ा फैसला बताया है.
फसल खराबे की चिंता खत्म: भिवानी जिला के गांव रिवाड़ीखेड़ा के किसान विरेंद्र, अजीतपुरा के किसान हरिकिशन व ढ़ाणा लाडनपुर के किसान वजीर चौधरी ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को फिर से पुर्नगठित करके उन्हें तोहफा दिया है. अब उन्हें फसल की खराब होने की चिंता नहीं रही. इससे उनकी फसलों को ज्यादा सुरक्षा मिलेगी. वहीं, नुकसान की चिंता भी खत्म होगी.
खाद प्रबंधन को ठीक करने की जरुरत: उन्होंने बताया कि 31 दिसंबर को डीएपी पर सब्सिडी खत्म हो गई थी. अब नए वर्ष में सरकार ने डीएपी पर सब्सिडी बढ़ाई. इससे 1350 रुपये में उन्हें अब डीएपी का कट्टा मिल पाएगा. तथा वे अच्छा उत्पादन कर पाएंगे. इसके लिए वे सरकार का धन्यवाद करते हैं. साथ ही किसानों ने यह मांग भी की कि खाद के प्रबंधन को ठीक किए जाने की आवश्यकता है, ताकि समय पर किसानों को बगैर लाईन में लगे खाद उपलब्ध हो सके.
गौरतलब है कि डीएपी प्रयोग होने में उपयोग किए जाने वाले फास्फोरिक एसिड व अमोनिया के मूल्य में 70 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई थी. तथा डीएपी के महंगा होने का खतरा बढ़ गया था. अब यह सब्सिडी दिए जाने के बाद किसानों को राहत मिलेगी. क्योंकि भारत में डीएपी का 90 प्रतिशत आयात किया जाता है.
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