जयपुर. लोकसभा चुनाव में राजस्थान की 25 सीटों पर टिकट वितरण के लिए कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक अब 25 जनवरी के बाद होगी. संभावना जताई जा रही है कि 26 या 27 जनवरी को दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हो सकती है. बैठक में राजस्थान के प्रमुख नेताओं के साथ टिकट वितरण को लेकर मंथन किया जाएगा. कहा यह भी जा रहा है कि प्रदेश कि कुछ सीट ऐसी हैं, जहां एक-एक प्रत्याशी का नाम ही पैनल में शामिल किया गया है. कई सीटों पर दो से चार दावेदार सामने आए हैं. ऐसे में संभावना है कि जिन सीटों पर एक से ज्यादा दावेदार हैं, उनको लेकर एकराय बनाने की आलाकमान आगामी बैठक में कोशिश करेगा.
बड़े नेताओं के चुनाव लड़ने पर संशय बरकरार : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की वापसी के लिए पार्टी की अलग-अलग बैठकों में जो सुझाव आए हैं. इनमें एक अहम सुझाव बड़े नेताओं को लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारने का था. पार्टी से जुड़े कई लोगों का मानना है कि इससे कांग्रेस को अपने पक्ष में माहौल बनाने में मदद मिलेगी. हालांकि, अभी तक भी यह साफ नहीं है कि कांग्रेस के बड़े चेहरे लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं. माना जा रहा है कि इस पर भी केंद्रीय चुनाव समिति की आगामी बैठक में तस्वीर साफ हो जाएगी.
डैमेज कंट्रोल के प्रयास में जुटी पार्टी : वागड़ क्षेत्र में प्रमुख आदिवासी नेता माने जाने वाले महेंद्रजीत सिंह मालवीय के पिछले दिनों भाजपा में जाने के साथ ही कई अन्य नेताओं का भी भाजपा की तरफ झुकाव होने की चर्चा है. कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल के लिए नई रणनीति पर भी काम शुरू कर दिया है. प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का साफ कहना है कि मालवीय के साथ छोड़ने का कांग्रेस पर फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन अंदरखाने इस घटना के बाद बदले समीकरणों को साधने की कवायद भी शुरू की गई है.
यात्रा के बहाने पूर्वी राजस्थान की नब्ज टटोलने का प्रयास : राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 25 फरवरी को धौलपुर के रास्ते राजस्थान में प्रवेश करेगी. इस यात्रा और लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर आज से कार्यकर्ता संवाद का दूसरा चरण शुरू किया गया है. इसके तहत दो दिन में दौसा, भरतपुर और धौलपुर के कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं से फीडबैक लिया जाएगा. इसे लोकसभा चुनाव को देखते हुए अहम कदम माना जा रहा है. इससे पहले मारवाड़ और शेखावाटी की कई लोकसभा सीटों पर कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम हो चुके हैं.
युवाओं में भी जोश भरने की कवायद : प्रदेश की भजनलाल सरकार के खिलाफ युवा कांग्रेस के प्रदर्शन को लोकसभा चुनाव से पहले युवाओं में जोश भरने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है. इस प्रदर्शन में युवा कांग्रेस के प्रदेश के ज्यादातर नेता शामिल हुए और राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद इसमें भागीदारी निभाने पहुंचे. इसे सियासी गलियारों में लोकसभा चुनाव से पहले युवाओं को कांग्रेस के साथ जोड़ने की कवायद के तौर पर भी देखा जा रहा है.